सफलता की गाथा लिखकर मिशाल बन रही हैं प्रमिला
अपने गांव में स्वयं सहायता समूह का गठन करके की शुरुआत अब 300 महिलाओं के 165 समूह का कर रही हैं नेतृत्व
बेहतरीन काम पर मिला सम्मान, मिशन शक्ति के तीसरे फेज की शुरुआत पर लखनऊ में सीएम ने किया सम्मानित prayagraj@inext.co.inPRAYAGRAJ: कौन कहता है आसमान में छेद नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालों यारोंइन पंक्तियों को वास्तविक जीवन में साबित करने वाली प्रमिला कुमारी ने खुद के साथ ही सैकड़ों महिलाओं का आत्म निर्भर बनाया है। उनकी इस मेहनत और लगन का रिजल्ट भी मिला। पिछले दिनों सीएम योगी आदित्य नाथ ने उन्हें मिशन शक्ति के तीसरे फेज की शुरुआत के मौके पर लखनऊ में बुलाकर सम्मानित किया। हंडिया के मुंगराव गांव की रहने वाली प्रमिला सम्मान पाने के बाद और उत्साहित हैं। उनका कहना है कि आगे भी कड़ी मेहनत करके क्षेत्र की महिलाओं को अधिक से अधिक सशक्त बनाने का प्रयास करेंगी।
2018 में समूह की हुई थी शुरुआत
दलित समाज के मुसहर जाति की प्रमिला कुमारी ने बताया कि 23 सितंबर 2018 को उन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर वनबासी महिला आजीविका स्वयं सहायता समूह की शुरुआत की। वह बताती हैं कि समूह शुरू करने और उसके कामकाज की जानकारी उन्हें ब्लाक से मिली। इसके बाद उन्होंने अपने गांव की ही 10 महिलाओं को भी समूह के साथ जोड़ा। उन्होंने बताया कि उनके समूह को सबसे पहले रिवाल्विंग फंड के रूप में 15 हजार रुपए मिले। जिससे उन्होंने अपने समूह की एक महिला को देकर सुअर पालन की शुरुआत करायी। इसके छह माह बाद ही उन्हें 1 लाख 10 हजार रुपए की राशि मिली। जिससे समूह की सभी बची हुई 9 महिलाओं ने अपना-अपना काम शुरू किया। इसके बाद उन्होंने गांव में घूम-घूम कर महिलाओं में अवेयरनेस फैलाना शुरू कर दिया। जिससे ज्याद से ज्यादा महिलाएं समूह बनाकर आत्म निर्भर हो सके। देखते ही देखते प्रमिला ने 10 समूहों की शुरुआत करायी। उनको इन समूहों की देखरेख के लिए 12 सौ रुपए प्रतिमा मिलने लगा।
रुकने नहीं दी पढ़ाई प्रमिला बताती है कि महिलाओं को सशक्त और आत्म निर्भर बनाने के साथ ही उन्होंने अपनी पढ़ाई भी जारी रखी। हडिया से ही ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद उन्होंने लॉ की डिग्री हासिल की। इसी बीच समूह से 10 हजार रुपए लेकर गन्ने के जूस की मशीन खरीदी। 30 हजार रुपए आमदनी हुई। इसी दौरान उन्होंने बैंक सखी की ट्रेंनिंग पूरी की। 180 समूहों के खुलवाए बचत खातेप्रमिला बताती हैं कि उनके प्रयास में उनकी सबसे ज्यादा मददगार उनके बीएमएम यानी ब्लाक मिशन मैनेजर श्रीकेस, रोमा जयसवाल, डीसी अजीत सिंह और डीएमएम शरद ने हेल्प की।
बैंक सखी के रूप में अब तक उन्होंने 180 खाते खुलवाए। साथ ही कई सीसीएल करावाया है। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से आस-पास के कुल 11 गांव में 165 स्वयं सहायता समूहों की शुरुआत करायी है। एक समूह में करीब 10 महिलाएं शामिल है। नहीं सोचा था सीएम से मिलेगा सम्मान प्रमिला कहती हैं कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उनकी मेहनत के कारण सीएम योगी आदित्यनाथ उन्हें सम्मानित करेंगे। योगी आदित्यनाथ को अभी तक उन्होंने सिर्फ टीवी पर देखा था। लेकिन जब उनका सलेक्शन हुआ तो उन्हें भरोसा नहीं हुआ। लखनऊ पहुंचकर जब सीएम ने सम्मानित किया तो उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से भी कहा कि उन्हें भरोसा नहीं हो रहा है कि वह उनसे मिल पायी।