पॉवर रीवैंप से बेहतर होगी बिजली व्यवस्था
प्रयागराज (ब्यूरो)।
मुख्य अभियंता कार्यालय पर आयोजित परिचर्चा में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर जय शंकर राय, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अनिल कुमार सिंह, सहायक अभियंता शिवम रंजन और सहायक अभियंता समीक्षा मौजूद रही। परिचर्चा में निकल कर आया कि कुछ साल पहले आईपीडीपीएस के तहत धन आवंटित हुआ था। जिसके तहत कटरा व करेली एरिया कुछ हिस्से में केबल को अंडरग्राउंड किया गया था। बजट कम मिलने के चलते काम अधूरा रह गया। इस बार पॉवर रीवैंप योजना के तहत कई करोड़ का बजट पूर्वांचल क्षेत्र में मिलेगा। जिसमें प्रयागराज भी शामिल है। यहां से एक सूची भी तैयार कर भेजी गई है। जहां पहले फेस में काम होना बिल्कुल जरूरी है। सात एरिया चिन्हित है। जहंा बिजली चोरी की ज्यादा शिकायतें रहती है। जहां आरमर्ड सर्विस केबिल के लगाने बावजूद बिजली चोरी हो जाती है। उन जगहों पर इन तारों को अंडरग्राउंड कर दिया जायेगा।
इन पर होगा काम
- नए विद्युत उपकेंद्रों का निर्माण कार्य
- 33 केवी लाइनों का काम अतिभार
- बिजलीघरों की क्षमता वृद्धि
- 11 केवी फीडरों का भार कम करना
- ब्रेक डाउन में पूर्ण लाइन को बंद न किये जाने हेतु बड़े परिवर्तकों पर फ्यूज यूनिट की व्यवस्था
- लो-वोल्टेज और ओवरलोडिग की समस्या होगी दूर
- बड़े बिजलीघरों की क्षमता वृद्धि
- कृषि पोषकों का निर्माण
- उपकेंद्रों पर कैपेसिटर बैंक की स्थापना
- सुरक्षा की दृष्टि से उपकेंद्रों एवं परिवर्तकों की अर्थिंग
- भार के अनुसार 33 केवी लाइनों के तार बदलने का काम
- जर्जर तारों को बदलना
- त्रुटिरहित बिल के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटरिग किया जायेगा
विनोद गंगवार, मुख्य अभियंता प्रयागराज योजना के तहत जिले के सभी बिजली घरों की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी। साथ ही फीडर की निगरानी करने के लिए स्विच लगाए जाएंगे। इसमें नई लाइनें और नई विकसित कालोनियों में भी बिजली की व्यवस्था की जाएगी।
अतुल गौतम, एसडीओ
पब्लिक ने यह पूछे सवाल
मैसेज व कॉल कर लोगों ने तमाम सवाल पूछे। अजय श्रीवास्तव का कहना था कि अब इस योजना के तहत कितनी बिजली चोरी रोकी जायेगी। यह आने वाले समय ही बतायेगा। वहीं राकेश पाठक का सवाल था कि पीपल गांव का ज्यादा एरिया में बांस-बली पर बिजली की तार दौड़ रही है। यह योजना भी कही अधूरी न रह जाए। इशरत ने मैसेज व वीडियो भेजकर बताया कि उनके क्षेत्र में किस तरह से बिजली चोरी हो रही है। सही से बिजली इस्तेमाल करने वालों को बीस घंटे भी बिजली नहीं मिलती है।