तीन घंटे चलती रही आंख मिचौनी ठप रही सभी व्यवस्थाएं डीजल की कमी से नही चले जनरेटर पसीना बहाते रहे मरीज

प्रयागराज (ब्यूरो)।एसआरएन अस्पताल की बिजली व्यवस्था सुधरने का नाम नही ले रही है। गुरुवार को एक बार फिर तीन घंटे तक बिजली गुल रहने से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान पंजीकरण से लेकर ओपीडी तक ठप रहीं। ऐसे में दूर दराज से आए मरीजों को फजीहत का सामना करना पड़ा। बताया गया कि हाईटेंशन लाइन का डीओ बार-बार उड़ जाने से ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई।
सुविधा नही मिलने पर लौटे मरीज
इसके पहले मंगलवार को एसआरएन अस्पताल में ढाई घंटे पावर कट होने से मरीजों में त्राहिमाम मच गया था। इसी तरह गुरुवार को फिर से सुह 9 से 12 बजे के बीच बार-बार बिजली आती और जाती रही। इससे लोग परेशान हो गए। पर्चा काउंटर पर लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ा। स्टाफ का कहना था कि लाइट आने केबाद ही पर्चा बन जाएगा। वहीं अमृत फार्मेसी में दवाओं का वितरण ठप रहा। दर्जनों लोग आधार कार्ड रिन्यूवल नही होने से घर की ओर लौट गए।

बार-बार खराब हो रहा डीओ
हाईटेंशन लाइन में बार बार खराबी आने से एसआरएन अस्पताल की लाइट जाती रही। बताया गया कि डीओ के खराब होने से बिजली विभाग को शट डाउन लेना पड़ रहा था। हालांकि इस वजह से एसआरएन अस्पताल की कालोनी मं भी बिजली गायब रही। मंगलवार को भी इसी समस्या की वजह से लाइट आती जाती रही थी और अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से धड़ाम हो गई थी। हालांकि बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता शिव कुमार का कहना था कि अस्पताल की नही बल्कि कालोनी की बिजली गई थी। जिसे बनाने के लिए टीम गई थी।

डीजल का बजट नहीं, कैसे चले जनरेटर
गर्मी के मौसम में लोड बढऩे से बिजली का जाना आम बात है। लेकिन सवाल यह है कि एसआरएन अस्पताल में मौजूद आधा दर्जन जनरेटर चलाने के लिए डीजल कहां से आएगा। बताया जाता है कि अस्पताल के पास ऐसा कोई बजट नही है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि एक घंटे में चार सौ लीटर डीजल लगता है। इसकी व्यवस्था तभी होगी जब शासन से इसके लिए बजट उपलब्ध होगा। ऐसी परिस्थिति में मरीज और उनके तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सबसे ज्यादा परेशान हुए ये मरीज
बता दें की बिजली जाने से सबसे ज्यादा परेशानी सर्जरी और आर्थोपेडिक के मरीजों को होती है। शरीर पर प्लास्टर बंधा होने की वजह से वार्ड में भर्ती मरीज गर्मी से तिलमिला जाते हैं। इससे खुजली होने की संभावना होती है। इसी तरह सर्जरी के मरीजों के घाव में इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। मरीजों और तीमारदारों का कहना था कि घर से कूलर और पंखा लाने का भी कोई लाभ नही है। लाइट नही होने से इनका चलना मुश्किल हो जाता है।

Posted By: Inextlive