उमस भरी गर्मी में बिजली कटौती, तड़प उठे लोग
सुबह थोड़ी देर के लिए मौसम बदला लेकिन राहत नहीं मिली
उमस भरी गर्मी से लोग हलकान नजर आ रहे हैं। कूलर और पंखे भी राहत नहीं दे पा रहे हैं। वहीं शहर व ग्रामीण क्षेत्र में कई घंटे तक हो रही अघोषित बिजली कटौती ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बुधवार देर रात शहर के आधा दर्जन मोहल्लों में बिजली दो-तीन घंटे गुल रही। गुरुवार दिन में भी यही हाल रहा। परेशान उपभोक्ताओं के समझ में नहीं आ रहा है कि वे शिकायत करें भी तो किससे। क्योंकि, कई बार शिकायत करने के बाद भी समस्या का कोई निदान नहीं हो रहा है। बिजली की खपत बढ़ीतीन-चार दिन से तेज उमस के चलते लोग परेशान हैं। इससे बिजली की खपत बढ़ने से फीडरों पर लोड भी बढ़ गया है। ट्रांसफार्मरों पर लोड बढ़ने के चलते लाइन ट्रिप हो रही है। पैनल बाक्स में भी गड़बड़ी आ रही है। साथ ही छोटे-छोटे और भी फाल्ट हो रहे हैं। इसी वजह से बुधवार रात पीपल गांव, नीवां, झलवा, कसारी-मसारी, नीमसराय, बलुआघाट, करैलाबाग आदि इलाकों में बिजली दो-तीन घंटे तक गुल रही। गुरुवार सुबह आजाद नगर, मलाकराज, मुट्ठीगंज, जानसेनगंज, सलोरी, रसूलाबाद इलाके में भी बिजली करीब दो घंटे गुल रही। दोपहर में आजाद नगर मोहल्ले में नए ट्रांसफार्मर को लगाने के लिए करीब चार घंटे तक आपूíत बंद की गई। चार दिन पहले ही यह ट्रांसफार्मर जला था। हालांकि, ट्राली ट्रांसफार्मर लगाकर 10 घंटे बाद आपूíत बहाल कर दी गई थी। वहीं झूंसी के रिठैयां गांव में ट्रांसफार्मर में खराबी आने से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। सूचना देने के बाद भी अभी तक समाधान नहीं हो सका है। जिससे इस उमस भरी गर्मी में लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
ग्रामीण इलाकों में स्थिति खराब शासन के आदेश के मुताबिक शहरी इलाके में 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली आपूíत देने का निर्देश है। लेकिन, कहीं इसका पालन नहीं हो रहा है। शहर में तो कटौती हो ही रही है, ग्रामीण इलाकों में तो दशा बेहद खराब है। मौजूदा समय में धान की खेती के लिए ¨सचाई की जरूरत है, लेकिन न तो नहरों में पानी है और न ही पर्याप्त बारिश हो रही है। ऐसे में ट्यूबवेल ही खेती का प्रमुख सहारा है। जबरदस्त तरीके से बिजली कटौती होने के कारण किसान खेतों की ¨सचाई तक नहीं कर पा रहे हैं।