दो 'दुश्मनो' ने मिलकर लिया बदला
दो विरोधी एक बैरक में मिले तो रचा गया षड़यंत्र, 70 लाख में हायर किये गये थे सुपारी किलर
तीन साथियों ने मिलकर अंजाम दी थी घटना, पैसे के बंटवारे को लेकर हुआ विवाद तो एक साथी को उतार दिया मौत के घाटजीवन ज्योति हॉस्पिटल के मालिक डॉक्टर अश्वनी कुमार बंसल की हत्या 70 लाख रुपये लेकर सुपारी किलर्स ने की थी। हत्या की पूरी योजना नैनी सेंट्रल जेल में तैयार हुई थी। सुपारी किलर भी यहीं तय किये गये थे। हत्या का कारण डॉक्टर बंसल के दो प्रतिद्वन्दियों का एक साथ जेल में मिलना था। इसमें से एक डॉक्टर बंसल द्वारा दर्ज कराये गये मुकदमे पर ही जेल भेजा गया था। डॉक्टर बंसल ने बेटे के एडमिशन के लिए पैसा लेकर भी धोखा देने पर इसके खिलाफ पैरवी भी शुरू कर दी थी। इसी से उनसे डॉ। बंसल को अपना दुश्मन मान लिया। करीब सवा चार साल बाद यह सनसनीखेज खुलासा यूपी एसटीएफ की टीम ने प्रतापगढ़ के 50 हजार के इनामी शातिर को गिरफ्तार करने के बाद किया है। डॉक्टर बंसल की हत्या को अंजाम देने में कुल तीन लोग शामिल थे। इसमें से दो उनकी केबिन तक पहुंचे थे और एक बाइक लेकर अस्पताल के बाहर खड़ा रहा। सुपारी किलर्स पैसे के बंटवारे को लेकर अपने ही एक साथी की भी हत्या कर चुके हैं।
एसटीएफ से हुआ सामना एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किये गये सुपारी किलर का नाम शोएब है। वह मूलरूप से प्रतापगढ़ जिले का रहने वाला है। यूपी एसटीएफ की टीम से उसका सामना सोमवार को लखनऊ में देवा रोड पर स्थित मंदिर के पीछे हुआ। वह लखनऊ कमिश्नरेट में किसी से मिलने के लिए पहुंचा था। 50 हजार रुपये के इनामी शोएब के लखनऊ पहुंचने की भनक एसटीएफ के इंस्पेक्टर हेमन्त भूषण को लग गयी तो उन्होंने टीम के साथ घेराबंदी कर ली। उसने भागने का प्रयास किया तो टीम ने बल प्रयोग करके उसे दबोच लिया। टीम ने उससे कड़ी पूछताछ की तो उसने प्रतापगढ़ में हुई कई बड़ी घटनाओं के साथ करीब चार साल पहले हुए डॉ एके बंसल की हत्या के राज से भी पर्दा उठा दिया। एसटीएफ के एसपी हेमराज मीणा ने खुद इसकी पूरी डिटेल मीडिया से शेयर की। डॉक्टर नहीं बन पाया तो बांटने लगा मौतएसटीएफ की तरफ से दी गयी डिटेल के मुताबिक शोएब ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई के बाद डॉक्टर बनने का फैसला लिया था। परिवारवालों ने उसे इंटरमीडिएट के बाद नीट की तैयारी के लिए राजस्थान भेजा था। यहां से कोचिंग लेने के बाद भी उसे एडमिशन में सफलता नहीं मिली तो वह प्रतापगढ़ लौट आया। वह पढ़ाई के साथ क्रिकेट का शौकीन था। इसी चक्कर में उसकी मुलाकात भुलियापुर निवासी यासिर व जावेद उर्फ जब्बा और धरौरा निवासी मकसूद उर्फ जैद से हुई। इस दोस्ती के बाद शोएब की दिशा बदल गयी। वह एरिया में वर्चस्त बनाने पर काम करने लगा। एसटीएफ को शोएब ने जो बताया उसके मुताबिक इन लोगों ने लोकल एरिया में मारपीट की घटनाओं से अपनी धौंस जमानी शुरू कर दी। इससे उनकी दबंगई बढ़ने लगी तो गैंग बनाकर काम शुरू कर दिया। इसके बाद सामने आया चुनमुन गैंग। 2015 में उन्होंने बस में बैठकर जा रहे चुनमुन को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद इनकी दबंगई का सिक्का चलने लगा और जरायम जगत में पैठ बन गयी। इसके बाद इन लोगों ने मिलकर एक के बाद एक करके कई घटनाओं को अंजाम दिया। शोएब ज्यादातर मुंबई में रहता था। इसी के चलते उस तक पुलिस के लम्बे हाथ पहुंच नहीं पा रहे थे। एक के बाद एक आपराधिक घटनाओं में उसका नाम सामने आने के बाद पुलिस ने उस पर इनाम घोषित करना शुरू कर दिया। वर्तमान में इनाम की राशि 50 हजार रुपये तक पहुंच चुकी थी।
पैसे ने डाल दी दोस्ती में दरार डॉ एके बंसल की हत्या को अंजाम देने में शोएब का साथ यासिर और और मकसूद ने दिया था। हत्याकांड को अंजाम देने के पास पैसे मिले तो इसके बंटवारे को लेकर यासिर और मकसूद के बीच विवाद हो गया। विवाद के चलते बात पुलिस तक न पहुंच जाए इसके चलते दोनो ने मिलकर यासिर को मौत के घाट उतार दिया। इसे इन दोनों ने बंसल की हत्या के करीब डेढ़ महीने बाद अंजाम दिया था। इस हत्याकांड में शोएब का नाम नहीं आया। शोएब के अनुसार उन्होंने यासिक की हत्या अबरार मुल्ला के कहने पर अंजा मदी थी। इसके बाद मकसूद जेल चला गया। शोएब को अमेठी के पीपरपुर में हत्या के प्रयास के मामले में गिरफ्तार करके जेल भेजा गया। जेल से जमानत पर छूटने के बाद वह मुंबई चला गया। इसके बाद उसने ज्यादातर समय मुंबई में ही गुजारा। संयोग से इन दिनो घर आया तो पुलिस के हत्थे चढ़ गया। बरामद हुआ .32 बोर की एक पिस्टल .32 बोर का पांच जिंदा कारतूस 02 अलग-अलग कूटरचित निर्वाचन कार्ड 01 अदद कूटरचित पैन कार्ड 01 अदद कूटरचित ड्राइविंग लाइसेंस 02 मोबाइल हैंडसेट 1910 रुपये कैशशोएब गैंग द्वारा की गई दुस्साहसिक घटनाएं
वर्ष 2015 में चुनमुन पाण्डेय की दिन दहाड़े बस रूकवाकर हत्या करना वर्ष 2015 में डॉ। प्रभात की गोली मारकर हत्या चिलबिला रेलवे क्रासिंग के पास हरि प्रताप सिंह समझकर की गई वर्ष 2017 में जीवन ज्योति हॉस्पिटल में डा बंसल की हत्या वर्ष 2017 में पैसे के बंटवारे के विवाद को लेकर अपने ही साथी यासिर की गोली मारकर हत्या करना वर्ष 2018 में जनपद प्रतापगढ़ में हत्या का प्रयास जिसमें 50 हजार का इनाम घोषित है वर्ष 2019 में फरारी के दौरान रिक्की नाम के युवक से एटीएम क्लोन करने वाली मशीन खरीदकर व उसे दो साथियों को देकर एटीमए क्लोन करके व एटीएम की लाइन में लगकर पिन प्राप्त करके पैसे निकालने का अपराध करता था कई मोटरसाइकिल की लूट व लूट के प्रयास करना, जिसके संबंध में जानकारी प्राप्त की जा रही है भुलियापुर गांव के पास के जंगल में एक पेड़ पर इन लोगों ने कारतूसों के फायर से 1090 लिख गया है, उसी के पास सटीक निशाने की प्रैक्टिस करने के लिए निरीह जानवरों जैसे नीलगाय, खरगोश आदि को अपनी गोली का निशाना बनाते थे महामाया मार्बल के मालिक राजेश सिंह हत्याकांड में भी इसकी भूमिका की जांच हो रही है ये लोग फ्रैक्चर गैंग के नाम से मशहूर थे, इसी के नाम से रंगदारी मांगते थे