पुलिस खोजती रही, हत्या के दो आरोपितों का कोर्ट में सरेंडर
सरेंडर करने वाले रईस और करिया पर है कांग्रेस नेता मो। अकरम की हत्या का आरोप
अकरम के भाई गुलजार द्वारा तीन नामजद व एक अन्य के खिलाफ लिखाई गई थी रिपोर्ट PRAYAGRAJ: गोलियों से छलनी किए गए कांग्रेस नेता मो। अकरम मर्डर केस के दो आरोपित पुलिस को गच्चा देने में कामयाब रहे। पुलिस उन्हें खोजती रही और शुक्रवार को वे आराम से कोर्ट में सरेंडर कर दिए। अकरम की हत्या होली के दूसरे दिन मंगलवार रात हुई थी। झूंसी के कनिहार स्थित जामा मस्जिद के पास घात लगाकर बैठे हमलावरों द्वारा उस पर गोलियां बरसाई गई थीं। उसके भाई गुलजार ने तीन नामजद व एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें मुख्य आरोपित अकरम का सगा मामा ही था। तीसरे आरोपित की तलाश में जुटी पुलिस अब भी हवा में ही हाथ पांव चला रही है। होली के दूसरे दिन हुई थी हत्याभाई मो। अकरम की हत्या में गुलजार ने जिन तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था उनमें कनिहार के ही उसके सगे मामा रईश, रईश के बेटे अयान और साथी करिया शामिल था। आरोप था कि रईश का अकरम से प्रॉपर्टी को लेकर करीब डेढ़ साल से विवाद चला आ रहा था। अकरम ने खुद रईश के विरुद्ध झूंसी में केस दर्ज करवाया था। कई दफा अकरम सोशल मीडिया पर भी खुद के हत्या की आशंका जता चुका था। बावजूद इसके झूंसी पुलिस आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर रही थी। होली के दूसरे दिन मंगलवार को अकरम मोहल्ले में ही किराने की दुकान पर गाया था। आरोप हैं कि इसी बीच मामा रईश अपने बेटे व साथियों संग पहुंच कर अकरम पर गोलियां बरसा दिया। एक के बाद एक तीन गोलियां लगने से अकरम की डेथ हो गई थी। तीनों आरोपितों की तलाश में पुलिस वारदात के बाद से ही हवा में तीर चला रही थी। कई जगह दबिश आदि दिए जाने के बावजूद आरोपित पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सके। गिरफ्तारी न होने से मारे गए कांग्रेस नेता के परिवार में दहशत का माहौल था। शुक्रवार को रईश और करिया ने पुलिसिंग को मात देते हुए कोर्ट में सरेंडर कर दिया। हत्यारोपित को गिरफ्तार करने में नाकाम पुलिस अब भी अपना पीठ ठोंक रही है। कहना है कि दबिश का दबाव बनने की वजह से दोनों कोर्ट में सरेंडर कर दिए।
वर्जनघटना के बाद से ही लगातार दबिश दी जा रही थी। वह समझ गया था कि अब बहुत दिनों तक छिप नहीं पाएगा। दबिश के दबाव में वह कोर्ट में सरेंडर कर दिया।
शमशेर बहादुर सिंह, प्रभारी निरीक्षक झूंसी