पुलिस डिपार्टमेंट में कुछ ऐसे लोग हैं जो वर्दी में इंसानियत भरा दिल लिए फिरते हैं. वर्ना इस दौर में खाकी वालों के बारे में भला कौन नहीं जानता. इंसानियत भरा दिल रखने वाले जवान जब कभी अच्छे कार्य करते दिखते हैं तो लोगों में चर्चा का विषय बन ही जाते हैं. इन दिनों कई ऐसे पुलिस कर्मी सामने आए जिनकी इंसानियत व दिलेरी लोगों में चर्चा का विषय रही. इन जवानों में महिला पुलिस कर्मियों के कार्य भी खूब सराहे जा रहे हैं.


प्रयागराज (ब्‍यूरो) । छतनाग चकहरिहर वन की बेसहारा 80 वर्षीय रखपत्ती देवी की शरीर ही नहीं हौसले भी टूट चुके थे। पालीथिन से बनी उसकी झोपड़ी गिर चुकी थी। पांच में तीन दिन पूर्व ईंट लगने से वह जख्मी हो गई थी। अब उसके पास बचा था तो सिर्फ ईश्वर का भरोसा और आसमान रूप छत। रोड किनारे टूटी हुई झोपड़ी के बाहर गंभीर चिंतन में बैठी रखपत्ती को देख गश्त पर रहे झूंसी इंस्पेक्टर शमशेर बहादुर सिंह रुक गए। वृद्धा की पूरी बात सुनने के बाद उनका दिल और आंखें दोनों नम हो गईं। साथ रही महिला आरक्षी लक्ष्मी को तो मानों मां मिल गई हो। वह भागकर दुकान पहुंची और मरहम पट्टी लेकर आई। वह वृद्धा के पास पहुंची और अपने हाथ से उसके पांव में बंधी पट्टी खोलकर जख्मों को साफ किया। आरक्षी की इस सेवा से प्रसन्न वृद्धा उसे लाखों दुआएं देने लगी। झूंसी इंस्पेक्टर अपने पैसे से उसकी ढह चुकी पालीथिन से बची झोपड़ी को त्रिपाल से बनवाए। पुलिस के इस कार्य की सराहना करते लोग नहीं थक रहे।

Posted By: Inextlive