निमोनिया से हो जाती है 15 फीसदी बच्चों की मौत
प्रयागराज ब्यूरो । एक से पांच साल के बच्चों में निमोनिया एक बड़ा खतरा होता है। इस बीमारी से हर साल इस उम्र के 15 फीसदी बच्चो की मौत हो जाती है। उनको बचाना एक बड़ी चुनौती है। यही कारण है कि बच्चों में लगातार बढ़ रहे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) निमोनिया के मामलों को देखते हुए मंगलवार को सीएमओ कार्यालय के सभागार में डिस्ट्कि लेवल ट्रेनिंग ऑन सास प्रोग्राम का हुआ। जिसमें 50 कम्यूनिटी हेल्थ ऑफीसर (सीएचओ) को निमोनिया से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें बताया गया कि ठंड के मौसम में बच्चे अधिक बीमारी शिकार हेाते हैं। उनको खुले में नहलाना और तेल लगाने से उनको निमोनिया होने के चांस बढ़ जाता है। समय पर उपचार नही होने या परिजन द्वारा लक्षण नही पहचान पाने पर बच्चे सीरियस हो जाते हैं। अधिक देर होने पर उनकी जान पर बन आती है। कार्यक्रम में डॉ। रवि कुमार व डॉ। फिरोज आलम ने प्रशिक्षण देते हुए निमोनिया प्रबंधन, जागरूकता व गंभीर मामलों को समय रहते रेफर करने के संबंध में जानकारी दी। इस अवसर पर डॉ। साइमा अहमद, एसीएमओ डॉ। तरूण पाठक व डीपीएम विनोद सिंह मौजूद रहे।