निमोनिया और डायरिया को कहना है बॉय तो दीजिए विटामिन ए
प्रयागराज (ब्यूरो)। बच्चों में विटामिन ए की कमी से तमाम बीमारियां होती हैं। खासकर रतौंधी और अंधापन आम बात है। इसके अलावा निमोरिया और डायरिया से बचना है तो विटामिन की खुराक उसे जरूर दीजिए। बच्चों को ऐसी बीमारियों से बचाने के लिए बुधवार से विटामिन ए संपूर्ण कार्यक्रम की शुरुआत की है। एक माह तक चलने वाले कार्यक्रम में सात लाख से अधिक बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी जानी है।
हर साल आते है हजारों मामले
अस्पतालों में हर साल हजारों ऐसे मामले आते हैं जिनमें बच्चों में विटामिन ए की कमी से तमाम रोग पाए जाते हैं। इनमें रतौंधी, अंधापन के साथ निमोनिया और डायरिया के मामले भी शामिल हैं। इससे बचने के लिए 26 जून से 25 जुलाई के बीच विटामिन ए संपूर्ण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसमें सात लाख से अधिक बच्चों को जिले में चिंहित कर उन्हें विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी।
विटामिन ए की कमी से होने वाले दुष्परिणाम
- रतौंधी
- अंधापन
- रोग प्रतिरोधक क्ष्मता के में कमी हो जाना
- लंबे समय तक बीमारियों का शरीर में बने रहना
- कुपोषण के साथ मृत्यु दर में बढ़ोतरी हों जाना
बुधवार और शनिवार दी जाएगी खुराक
एक माह तक चलने वाले अभियान में हर बुधवार और शनिवार को टीकाकरण सत्र के दौरान बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी जानी है। इसकी जिम्मेदारी आशा बहनों का दी गई है। वह टीकाकरण सत्र के दौरान ऐसे बच्चों को परिजनों के साथ लेकर आएंगी और उनको विटामिन ए की खुराक दी जाएगी। बता दें कि छह माह में एक बार बच्चों को विटामिन की खुराक दी जाएगी। एक साल से छोटे बच्चे को आधा चम्मच और इससे बड़े बच्चे को एक चम्मच खुराक दी जानी है। अभियान के तहत 9 माह से 5 साल तक के बच्चों को विटामिन की खुराक दी जाएगी।
इनमें भी पाया जाता है विटामिन ए
- कई नाश्ते के अनाज, जूस, डेयरी उत्पाद और अन्य खाद्य पदार्थ
- कई फलों और सब्जियों और कुछ सप्लीमेंट्स में बीटा-कैरोटीन, लाइकोपीन, ल्यूटिन या ज़ेक्सैंथिन होता है।
- पत्तेदार हरी सब्जियाँ ( केल, पालक, ब्रोकोली), नारंगी और पीली सब्जियाँ (गाजर, शकरकंद , कद्दू और अन्य शीतकालीन स्क्वैश , ग्रीष्मकालीन स्क्वैश)
- टमाटर
- लाल शिमला मिर्च
- खऱबूज़ा
- आम
- दूध
- अंडे
- फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ
विटामिन ए बच्चों के लिए काफी आवश्यक है। इसकी कमी की भरपाई के लिए बुधवार से अभियन की शुरुआत हुई है। टीकाकरण सत्र के दौरान केंद्रों पर बच्चों को यह खुराक पिलाई जाएगी। इसको पीने से वह तमाम बीमारियों से बच सकते हैं।
डॉॅ तीरथ लाल, एसीएमओ स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज