कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एल वन अस्पतालों की संख्या बढ़ाना शुरू कर दिया है. कोटवा एट बनी के बाद शुक्रवार को फूलपुर सीएचसी में एल वन अस्पताल खोल दिया गया है. इसमें 50 मरीजों को भर्ती किए जाने की क्षमता है. अधिकारियों का कहना है कि जो लोग मेले मे बाहर स आ रहे हैं उनके संक्रमित होने के बाद यहां पर भर्ती कराया जाएगा. शहर के लोगों को होम आइसोलेशन में रखा जाना है.


प्रयागराज (ब्यूरो)। माना जा रहा था कि यूनानी और होम्योपैथी अस्पताल को कोरोना अस्पताल में बदल दिया जाएगा। लेकिन मकर संक्रांति का अवकाश होने की वजह से शुक्रवार को आनन फानन में फूलपुर सीएचसी को कोरोना एल वन अस्पताल में बदल दिया गया है। इसमें 50 मरीजों को भर्ती कराने की क्षमता है। वही कोटवा एट बनी में 60 बेड रिजर्व किए गए हैं और इसमें कुल 13 मरीजों को रखा गया है। बाकी को होम आइसोलेशन में भेज दिया गया है।

इन्हें किया जाएगा भर्ती
इस बार ए सिम्प्टोमेटिक कोरोना मरीजों को लेकर स्वास्थ्य विभाग की गाइड लाइन स्पष्ट है। कहा गया है कि उन्ही मरीजों को एल वन में भर्ती कराया जाएगा जो दूसरे जनपद से आए हैं या उनके घर में आइसोलेट होने की सुविधा नही है। बाकी सभी को होम आइसोलेशन में भेजा जा रहा है। जिनमें मध्यम या गंभीर लक्षण हैं उनके लिए बेली अस्पताल और एसआरएन अस्पताल को खोला गया है।
4 हजार जांच में मिले तीन संक्रमित
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मकर संक्रांति के स्नान पर कोरोना ने राहत दी है। मेले में कुल 4 हजार लोगों की जांच की गई और इसमें से केवल तीन संक्रमित ही सामने आए हैं। इनको अस्पताल में एडमिट किया गया है। माघ मेला कोविड नोडल डॉ। ऋषि सहाय ने बताया कि सभी को सात दिन के लिए आइसोलेशन में रखा जाएगा। इन सभी को हल्के लक्षण हैं।

कोटवा के बाद फूलपुर को चालू कराया गया है। यहां केवल एल वन मरीजों को भर्ती किया जाएगा। शनिवार को यूनानी अस्पताल को खोलने की प्रक्रिया की जाएगी। इसके बाद होम्योपैथिक कॉलेज फाफामऊ का नंबर आएगा।
डॉ। राहुल सिंह, डिप्टी सीएमओ स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज

Posted By: Inextlive