ट्रैफिक प्रेशर से बिगड़ी फाफामऊ पुल की कंडीशन
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हजार से अधिक गाडि़यों का रोज होता है फाफामऊ पुल से आवागमन 02 लाख से अधिक गाडि़यां पास होती हैं इस पुल से हर महीने 01 महीने के लिए पुल को बंद करने का है प्रस्ताव वर्ष 1988 में निर्मित इस पुल पर वक्त के साथ बढ़ता गया भारी गाडि़यों का प्रेशररिपेयरिंग के लिए एक महीने बंद होने जा रहे फाफामऊ पुल पर प्रतिमाह करीब दो लाख गाडि़यों का ट्रैफिक लोड है। जिन महीनों में पर्व होते हैं यह संख्या बढ़ कर दो लाख से भी अधिक पहुंच जाती है। एक माह के लिए पुल बंद किए जाने पर इन गाडि़यों का प्रेशर दूसरी सड़कों पर पड़ेगा। डायवर्ट किए गए रूट पर अचानक बढ़ने वाली इन गाडि़यों की वजह से हादसे की आशंका बढ़ जाएगी। ऐसे में पुलिस प्रशासन को भी अलर्ट रहने के साथ इस पर भी मंथन करने की आवश्यकता है, क्योकि वर्षो बाद पुल बंद होने की बात सुनते ही लोग शार्टकट रास्ते के जुगाड़ में लग गए हैं।
डायवर्ट रूट पर बढ़ेगा खतराफाफामऊ पुल कई जनपदों को शहर से जोड़ने में अहम भूमिका निभा रहा है। 1988 में बने इस पुल पर वक्त के साथ ट्रैफिक प्रेशर भी बढ़ता गया। प्रतिदिन फाफामऊ पुल से छह हजार से अधिक गाडि़यां शहर में आवागमन करती हैं। इनमें बाइक से लेकर कार, सरकारी व प्राइवेट बस, ट्रक सहित अन्य सारे वाहन शामिल बताए गए। वाहनों के ट्रैफिक का प्रेशर झेल रहे ब्रिज पुल के एक्सटेंशन, शाकर, रेलिंग आदि में प्रॉब्लम आ गई। कहीं एक्सटेंसन में गैंप ज्यादा हो गया तो किसी जगह रेंलिंग ही टूट गई। इन तमाम समस्याओं को देखते हुए पुल के रिपेयरिंग का प्लान तैयार किया गया। इस काम की जिम्मेदारी राष्ट्रीय मार्ग खण्ड-1 को सौंपी गई। क्योंकि इसी विभाग के पास फाफामऊ बाईपास से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी तिराहे तक सड़क चौड़ीकरण का जिम्मा है। इस विभाग की रिपोर्ट पर फाफामऊ पुल को एक महीने के लिए बंद किए जाने का मसौदा तैयार किया गया। पुल से हर महीने आवागमन कर रही दो लाख के लगभग गाडि़यों को टायवर्ट कने की जिम्मेदारी ट्रैफिक पुलिस को दी गई। आंकड़े गवाह हैं कि जिस रूट से यह डायवर्ट गाडि़यां चलेंगे उस पर अचानक दो लाख वाहन बढ़ जाएंगे। ऐसे में इस सड़क पर ट्रैफिक के बढ़ने से हादसे की आशंका का बढ़ना तय है।
पुल पर नहीं लगा है कोई कैमराफाफामऊ पुल पर कैमरे नहीं लगाए गए हैं। सिर्फ तेलियरगंज चौराहे पर लगाए गए कैमरे सेट किए गए हैं। आईट्रिपल-सी इसी चौराहे के कैमरे से ही जहां तक संभव है नजर रखने का काम करता है। हालांकि इस आईट्रिपल-सी के जिम्मेदार भी पुल पर ट्रैफिक के प्रेशर को लेकर मुंह नहीं खोल रहे। राष्ट्रीय मार्ग खण्ड-1 के अधिकारियों का तर्क काफी अलग है। रिपेयरिंग के उद्देश्य से पुल को एक माह के लिए बंद करवाने वाले इस विभाग के पास भी ब्रिज पर ट्रैफिक प्रेशर का सही डाटा नहीं है।
सुना मैं भी हूं कि एक महीने के लिए पुल बंद होने वाला है। पुल से आने जाने वाली गाडि़यों का रूट डायवर्ट किया जायेगा। मगर जिस रूट पर गाडि़यों को टर्न किया जायेगा, उस पर सुरक्षा की दृष्टि से नजर रखने की जरूरत है। पंकज कुमार, हरिसेनगंज मैं सिविल लाइंस से फाफामऊ टैक्सी चलाकर परिवार पालता हूं। पुल एक महीना के लिए बंद होने पर दिक्कत तो होनी ही है। दूसरे रूट पर पहले से ही तमाम टैक्सी चल रही हैं। उस पर जाने से विवाद की आशंका है। मन्नान, राजापुर सिटीसिटी में मैं प्राइवेट नौकरी करता हूं। पर-डे घर से अभी अपडाउन करता हूं। पुल के बंद होने पर कई किलोमीटर घूम कर सिटी आना होगा। इससे बेहतर है कि एक महीने के लिए शहर में कहीं रूम ले लें।
सोनू, मऊआईमा फाफामऊ सिर्फ पुल नहीं है। यह रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा भी है। क्योंकि हजारों लोग व सैकड़ों अधिवक्ता घर से कचहरी अप डाउन किया करते हैं। रोज आने जाने वाले कुछ अधिवक्ता तो रूम ले लेंगे। मगर, दिक्कत सबसे ज्यादा वादकारियों को होगा। रामकुमार अधिवक्ता, कौडि़हार फाफामऊ पुल पर वाहनों के आवागमन का सर्वे कई साल पहले हुआ था। यह इतना पुराना इक्जैक्ट डाटा बता पाना मुश्किल है। रिपेयरिंग में इस डाटा का कोई मतलब भी नहीं है। रूट डायवर्जन के लिए इस आंकड़े या सर्वे की क्या जरूरत। इं। आरके मिश्रा, सहायक अभियंता रा.मा। खण्ड-1 पुल पर गाडि़यों के आवागमन का कोई सटीक डाटा विभाग के पास नहीं है और न ही इस तरह का सर्वे कराया जाता है। अनुमान के मुताबिक प्रतिदिन करीब छह से सात हजार गाडि़यां आवागमन करती हैं। अखिलेश भदौरिया, एसपी ट्रैफिक