पेट्रोल-डीजल का रेट कम हो जाने से पब्लिक की बल्ले बल्ले हो गई लेकिन पंप मालिकों का दीवाली पर दिवाला निकल गया है. करोड़ों का नुकसान झेलने के बाद अब पंप मालिकों को कुछ सूझ नही रहा है. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से राहत की गुहार लगाई है. बता दें कि त्योहार पर चार दिन बैंक बंद होने के चलते पंप मालिकों ने लगभग स्टाक फुल करा लिया था लेकिन अचानक एक्साइज ड्यूटी घटाए जाने और तेल का दाम कम करने से उनको लाखों- करोड़ों की चपत लग गई.

प्रयागराज (ब्यूरो)। दीवाली के त्योहार के चलते चार दिन बैंक बंद रहेंगे। वही तेल कंपनियां भी दो दिन तेल की सप्लाई नही करेंगी। यह देखते हुए जिले के तमाम पंप मालिकों ने ओवर स्टाक ले लिया था। सभी की टंकियां लगभग फुल थीं। लेकिन तभी केंद्र सरकार ने बुधवार को एक्साइज ड्यूटी कम करने का फैसला लिया। इसके बाद बाद तो जैसे पंप मालिकों का सांप सूंघ गया। उनको अपने लाखों के नुकसान का अंदाजा लग चुका था।

प्रत्येक को औसत पांच लाख का नुकसान
जानकार बताते हैं कि इस घटना के बाद जिले के प्रत्येक पंप मालिक को औसतन पांच लाख रुपए का नुकसान हुआ है। जिले के दो सौ पेट्रोल पंप दस से पंद्रह करोड़ के घाटे में चले गए हैं। पंप मालिकों का कहना है कि दीवाली पर नुकसान की उम्मीद नही थी। इससे उबरने में लंबा समय लग जाएगा। हालांकि इसके पहले सरकार ऐसी परिस्थिति में प्राइज प्रोटेक्शन देती थी लेकिन इस बार वह भी नही मिला है।

दोहरे झटके से हुआ सामना
बुधवार को केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी कम की जिसके बाद पेट्रोल छह रुपए और डीजल में दस रुपए तक दाम कम हो गए। इसके बाद गुरुवार को राज्य सरकार ने भी देर शाम तक एक्साइज ड्यूटी कम कर दिया। इसके बाद पंप मालिकों को दोहरी मार झेलनी पड़ गई। अब शुक्रवार की सुबह नए रेट खुलने के बाद पता चल सकेगा कि पंप मालिकों को अनुमान के मुताबिक घाटा हुआ है या इससे अधिक है। इसके बाद पंप मालिक अब केंद्र सरकार से कस्टम और सेंट्रल एक्साइज विभाग से राहत की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि स्टाक अभी उनकी टंकी में है। सरकार चाहे तो इसका कम्पन्सेशन पंप मालिकों को उपलब्ध करा सकती है।

हर पंप के पास अपना टैंकर है। सभी ने बंदी को देखते हुए ओवर स्टाक मंगा लिया था। अब एक्साइज ड्यूटी कम होने के बाद पेट्रोल डीजल के दाम कम हो जाने से यह टॉप नुकसान में चला गया है। जिसकी भरपाई की सरकार से मांग की जा रही है।
रवि चंदेल, पेट्रोल पंप मालिक

तेल कंपनियों का आटोमेशन के जरिए हमारा स्टाक नजर आता है। वह चाहे तो हमारे इस नुकसान की भरपाई कर सकती हैं। पहले हमें प्राइज प्रोटेक्शन मिल जाता था। हालांकि पिछले 27 साल में मैंने कभी तेल व्यवसाय में इतना बड़ा झटका नही देखा है।
सौरभ गुप्ता, पेट्रोल पंप मालिक

Posted By: Inextlive