- ब्लैक फंगस के नकली इंजेक्शन के सौदागर ने पूछताछ में कबूल किया कई राज

- मेडिकल स्टोर संचालक व तीन एमआर के नाम आए सामने, जल्द गिरेगी गाज

PRAYAGRAJ: ब्लैक फंगस का नकली इंजेक्शन बेचने में गिरफ्तार मधुरम उर्फ सुमंत पीडीए के नजूल विभाग में तैनात प्रवीन कुमार बाजपेयी का बेटा है। उसके साथ कानपुर पुलिस द्वारा पंकज अग्रवाल भी प्रयागराज से पकड़ा गया था। पूछताछ में इनके जरिए जिले के तीन एमआर (मेडिकल रिप्रजेंटेटिव) के नाम प्रकाश में लाए गए हैं। एमआर के कई मेडिकल स्टोर संचालकों से अच्छी पकड़ थी। जिनके बूते इस नकली इंजेक्शन बिक्री का जाल बट्टा दूर यह फैला रखे थे। मधुरम बाजपेयी शहर के कालिंदीपुरम का रहने वाला है।

ड्रग इंस्पेक्टर ने किया था खबरदार

कानपुर की पुलिस द्वारा पूछताछ में उजागर हुए तथ्यों को जिले के अफसरों से भी शेयर किया। शीर्ष अफसरों की मानें तो चक रघुनाथ नैनी निवासी ओबलिगो मेडिकल स्टोर के संचालक पंकज अग्रवाल व मधुरम को ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा 25 मई को ही खबरदार किया गया था। हिदायत दिए थे कि बगैर आदेश वह ब्लैक फंगस की दवाओं को सेल नहीं करेंगे। उनकी इस हिदायत के बावजूद वह हरकत से बाज नहीं आए। यह चेतावनी इसलिए दी गई थी क्योंकि ब्लैक फंगस के इंजेक्शन व दवाएं पर्याप्त नहीं थीं। ऐसे में इंजेक्शन के ब्लैक मार्केटिंग की आशंका थी। इनके इस पूरे खेल की खबर अफसरों को तनिक भी नहीं हुई। कानपुर पुलिस द्वारा वहां गिरफ्तार किए गए ज्ञानेश और प्रकाश मिश्रा ने पूछताछ की गई। इन्हीं दोनों ने कानपुर पुलिस को पंकज व मधुरम से इंजेक्शन खरीदने की बात बताई थी। इसीलिए प्रकाश में आए पंकज व मधुरम को भी कानपुर पुलिस गिरफ्तार कर ले गई थी। बताते हैं कि प्रयागराज के यह दोनों शातिर इस धंधे से जुड़े कुछ और लोगों के नाम कबूल किए हैं। इनमें एमआर और मेडिकल स्टोर संचालक बताए जा रहे हैं। कानपुर के एसीपी त्रिपुरारी पांडेय से मामले में बात की गई। उन्होंने बताया कि मधुरम बाजपेयी का मूल घर नौबस्ता मछरिया कानपुर में ही है। इनके मोबाइल डिटेल व पूछताछ में सामने आए तथ्यों के आधार पर अन्य लोगों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। अब मधुरम व पंकज ने बताया है कि इनके पास इंजेक्शन सप्लायर के मोबाइल नंबर हैं। जिसके जरिए वह इंजेक्शन मंगवाया करते थे। वह खुद को लखनऊ का बता रहा था। प्राप्त नंबर पर पुलिस द्वारा कॉल किया गया तो वह बंद बता रहा है।

कार खरीदा पर नहीं हटवाया हाईकोर्ट

पुलिस के मुताबिक अभियुक्तों के पास से मिली कार इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता की थी

मधुरम के मुताबिक इस कार को उसने खरीदा था, मगर उस पर लिखा हुआ हाईकोर्ट को नहीं हटवाया

इसी कार से वह नकली इंजेक्शन की सप्लाई का काम बेधड़क किया करते थे और पुलिस को शक नहीं होता था।

कानपुर पुलिस द्वारा पूछताछ में कई अहम जानकारी मिली है। उसके आधार परलोगों की तलाश करने के निर्देश प्रयागराज पुलिस को दिए गए हैं। इस मामले से जुड़े लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कवीन्द्र प्रताप सिंह, आईजी रेंज प्रयागराज

Posted By: Inextlive