चिन्हित रोड के किनारे भवन को एक रंग में कलर न कराने पर तीन सौ मालिकों को नोटिस महाकुंभ की तैयारी के मद्देनजर मुख्य 14 सड़कों के किनारे बने भवनों एक कलर में पेंट का मामलाफिर नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 के तहत एक्शन लेगा पीडीए

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने शहर के करीब तीन सौ भवन स्वामियों को नोटिस दी है। यह नोटिस नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 के तहत जारी की गई है। यह वे भवन स्वामी हैं जिनके मकान महाकुंभ एरिया और मुख्य सड़कों के किनारे बने हुए हैं। दरअसल पीडीए का प्लान है कि इन भवनों की पेटिंग एक रंग में करा दी जाय। ताकि महाकुंभ कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के बीच शहर की अच्छी छवि बनाई जा सके। मगर निर्देश के बावजूद वे भवन स्वामी निर्धारित कलर से भवनों की पेंटिंग का काम अब तक शुरू नहीं कराए। जबकि महाकुंभ में महज दो से ढाई माह का वक्त ही शेष बचा है। जनवरी आते ही महाकुंभ का सारा काम पूरा कराया जाना है।

बीत रहा वक्त नहीं दे रहे ध्यान
संगम की रेत पर इस बार लगने वाले महाकुंभ में देश ही नहीं, विदेश से भी श्रद्धालुओं और पर्यटकों का अगम न होगा। इस लिए सरकार शहर को स्मार्ट और स्वच्छ में एवं सुंदर बनाने पर जोर दे रही है। इसी के तहत पेंट माई सिटी के तहत शहर की दीवारों पर आकर्षक व देवी देवताओं के चित्र बनाए जा रहे हैं। शासन के निर्देश पर मेला क्षेत्र के आसपास और मेला एरिया से जुड़ी मुख्य सड़कों के किनारे बने मकानों को भी एक रंग में कलर कराने का प्लान बनाया गया। इसके लिए पीडीए के द्वारा टीम लगाकर ऐसे भवनों को चिन्हित किया गया। निर्देश के बावजूद उन भवनों के मालिक बताए गए कलर से भवनों को पेंट कराने का काम शुरू नहीं करा सके। ऐसी स्थिति में एक-एक दिन बीतते जा रहे हैं और यह काम पिछड़ता जा रहा है। चिन्हित भवनों के मालिकों की लापरवाही को देखते पीडीए ने उन पर सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। चेतावनी के तौर पर नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 के तहत उन सभी भवन स्वामियों को नोटिस दी गई है। जिन 300 भवनों को नोटिस दी गई वह सभी चिन्हित की गई 14 सड़कों के किनारे स्थित है। यह शहर में प्रवेश करने करने वाली मुख्य सड़कों में से एक हैं।

पम्प्लेट बांट रहा विभाग
पीडीए अफसरों की मानें तो उन भवन स्वामियों को एक पम्प्लेट भी बांटा जा रहा है। जिस पर किस रोड़ के भवन को कौन से कलर में पेंट कराया जाना है। यह बातें लिखी हुई हैं। ताकि भवन स्वामी पेंट कराने में कलर की जानकारी नहीं होने का बहाना नहीं बना सकें। एक कलर में भवनों को पेंट कराने के साथ कार्नर पर सड़क का नाम भी लिखना होगा। ताकि श्रद्धालुओं को सड़कों की जानकारी के लिए परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। मकानों में लिखे रोड के नाम को पढ़कर वे अपने मार्ग पर रोड का निर्धारण कर सकें। सड़कों का यह नाम हिन्दी और अंग्रेजी के साथ कुछ अन्य भाषाओं में भी होंगे।

सड़कें जहां के भवन भवन होंने हैं पेंट
वाराणसी रोड अंदावा चौराहा से नरेश गार्डेन तक व कानपुर रोड धूमनगंज से एयर फोर्स तक।
लखनऊ रोड़ फाफामऊ पुल से तेलियरगंज कैंट तक तथा मीरजापुर रोड छिवकी रेलवे स्टेशन से लेप्रोसी चौराहा तक।
रेलवे स्टेशन नवाब यूसुफ रोड एवं लीडर रोड व बस स्टेशन रोड महात्मा गांधी मार्ग के किनारे के भवन।
इतना ही नहीं, सरदार पटेल मार्ग बैरहना रोड, कटरा मार्केट रोड और शोभनाथ ङ्क्षसह रोड।
लक्ष्मी टाकिज चौराहा से हिन्दू हास्टल नरेश गार्डेन से शास्त्री पुल तक, फाफामऊ गंगापुल से गंगा द्वार, नरेश गार्डेन से गंगा नदी तक।

चिन्हित सड़कों के किनारे किनारे स्थित भवनों के मालिक निर्धारित रंग भवन का फ्रंट पेंट नहीं करा करा रहे। ऐसे में उनके असहयोग को देखते हुए नोटिस की प्रक्रिया शुरू है। करीब तीन सौ भवनों को यह नोटिस भेजी जा चुकी है। फिर भी नहीं मानने पर नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 के अंतर्गत कार्यवाही शुरू की जाएगी।
संजीव उपाध्याय, मुख्य विशेष अधिकारी पीडीए

Posted By: Inextlive