एक दिन में होगी पीसीएस प्री
प्रयागराज ब्यूरो । उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस प्री और आरओ एआरओ प्री परीक्षा एक ही दिन में कराने और नार्मलाइजेशन वापस लेने की मांग को लेकर चल रहे प्रतियोगी छात्रों के आंदोलन को गुरुवार को आंशिक सफलता मिल गयी। आयोग ने पीसीएस प्री दो दिन में कराने का प्रस्ताव वापस ले लिया। छात्रों ने इस फैसले का स्वागत किया है। एक अन्य नोटिफिकेशन में आयोग ने आरओ एआरओ परीक्षा और नार्मलाइजेशन फॉर्मूले के मूल्यांकन के लिए समिति गठित करने का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव को छात्रों ने खारिज कर दिया है। नतीजा छात्रों का आंदोलन जारी है। छात्रों का कहना है कि जब तक दोनो परीक्षाएं एक दिन में कराने की नोटिस नहीं प्राप्त होगी वे यहां से हटेंगे नहीं।
आंदोलन कुचलने की कोशिश
यूपीपीसीएस प्री और आरओ एआरओ प्री परीक्षा को एक दिन में कराने और नार्मलाइजेशन खत्म करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे प्रतियोगी छात्रों के आंदोलन को गुरुवार की सुबह कुचलने की कोशिश की गयी। सादे ड्रेस में पहुंचे कुछ लोग छात्रों को घसीटकर अपने साथ ले गये। विरोध में खड़े होने पर छात्राओं के खिलाफ गलत शब्दों का इस्तेमाल किया गया। इस बीच छात्रों को यूपीपीएससी मुख्यालय तक पहुंचने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग कर दी गयी। यह सूचना आग की तरह छात्रों के बीच फैली तो उनका तेवर गरम हो गया। सुबह 10 बजते बजते हजारों की संख्या में प्रतियोगी छात्र पहुंच गये। उन्होंने पुलिस की तरफ से लगाये गये बैरियर को ढहा दिया और फिर से आयोग के गेट के सामने के इलाके में अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी। छात्रों का तेवर देखकर पुलिस को बैक फुट पर आना पड़ गया।
सुबह कम थी संख्या
आंदोलन में शामिल बहुतेरे छात्र ऐसे हैं जो रात दस से बारह बजे के बीच या उसके बाद प्रदर्शन स्थल से हट जाते हैं। आराम के लिए आसपास के पार्कों में चले जाते हैं। इसके चलते गुरुवार की सुबह आयोग के गेट के सामने एक सैकड़ा छात्र भी नहीं थे। छात्राओं की संख्या भी बेहद कम थी। इसी के बीच सुबह सात बजे के करीब कुछ हट्टे कट्टे लोग पहुंचे और उन्होंने छात्रों को जबरन उठाना शुरू कर दिया। इस चक्कर में आंदोलन का आह्वान करने वाले आशुतोष पांडेय उनके बीच आ गये। उनको कब्जे में लेने के लिए सादे वेश में लोगों को मशक्कत करनी पड़ी। बीच में छात्राएं आयीं तो उन्हें भी झिड़क दिया गया। उन्हें भी पुरुषों ने ही हटाने की कोशिश की। यह देखकर कुछ छात्रों ने वीडियो बनाकर उसे छात्र ग्रुपों में भेजना शुरू कर दिया। नतीजा हुआ कि शहर के विभिन्न हिस्सों में रहने वाला कारवां आयोग मुख्यालय की तरफ बढ़ चला। बताया गया है कि पुलिस ने एक दर्जन से अधिक छात्रों को उठाया है। आशुतोष पांडेय का हाथ फ्रैक्चर होने की चर्चा भी छात्रों के ग्रुपों के बीच चलने लगी। छात्रों ने इसे गुंडों की कार्रवाई बताना शुरू कर दिया तब बताया गया कि यह पुलिस के लोग थे और सादे ड्रेस में आये थे। इसके बाद छात्रों ने उनके साथ कोई महिला पुलिसकर्मी न होने और छात्राओं के साथ बदसलूकी को मुद्दा बना लिया।
बुधवार की रात डीएम ने एक बार फिर से प्रतियोगी छात्रों को मनाने की कोशिश की। वह छात्रों के बीच पहुंचे और बातचीत से मसला सुलझाने की अपील की। बात करते करते हुए उन्होंने कार्रवाई शब्द का इस्तेमाल कर दिया तो छात्र भी तेवर में आ गये। नतीजा इस बातचीत का भी कोई नतीजा नहीं निकला।
प्रतियोगियों ने डीसीपी को किया ट्रोल
गुरुवार की सुबह सादे ड्रेस में पहुंचे लोगों द्वारा छात्रों को प्रदर्शन स्थल से जबरन घसीटकर ले जाने के बाद डीसीपी सिटी ने एक बाइट की। इसमें उन्होंने उपद्रवियों शब्द का इस्तेमाल किया था। प्रतियोगी छात्रों को डीसीपी की यह बात खटक गयी। उन्होंने डीसीपी सिटी अभिषेक भारती की फोटो लगाकर ट्रोल करना शुरू कर दिया। ट्रोल करने वालों का कहना था कि यदि संवैधानिक दायरे में रहते हुए अपने हितों के लिए संघर्ष करने वाले उपद्रवी हैं तो आप भी 2018 के पहले उपद्रवी ही थी। बता दें कि डीसीपी सिटी 2018 बैच के आईपीएस हैं।
छात्रों के आंदोलन को कुचलने के लिए प्रशासन के स्तर पर कोचिंग संस्थानों पर नकेल कसना शुरू कर दिया गया है। बुधवार को एक फैक्ट सामने आया था कि कुछ कोचिंग संस्थान आंदोलनकारी छात्रों के लिए खाने आदि की व्यवस्था कर रहे हैं। दृष्टि आईएसए ने तो एक्स पर पोस्ट करके छात्रों के समर्थन में कुछ तथ्य रख दिये थे। इसके बाद पुलिस और प्रशासन की त्योरी चढ़ गयी। बुधवार को करीब एक दर्जन कोचिंग संस्थानों को नोटिस जारी कर दिया गया। इसी क्रम में गुरुवार की सुबह संस्कृति आईएएस की बिल्डिंग पर प्रयागराज विकास प्राधिकरण की तरफ से एक नोटिस लगा दी गयी। इसमें कहा गया है कि अनधिकृत होने के कारण इसे सील कर दिया गया है।
हाई कोर्ट ले जाएंगे प्रकरण
उधर, सुबह छात्रों पर हुए अत्याचार को लेकर आवाज बुलंद होनी शुरू हो गयी। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी और हाई कोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत पांडेय ने एक वीडियो जारी किया। इसमें उन्होंने सुबह हुई कार्रवाई को सरकार द्वारा प्राइवेट गुंडे भेजना बताते हुए कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है। पुलिस संरक्षण में हुए इस कृत्य को उन्होंने अराजकता करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन को तोडऩे की कोशिश है। पूरे प्रदेश के छात्र इस आंदोलन से जुड़ रहे हैं। इस प्रकरण को महिला आयोग के साथ ही मानवाधिकार आयोग तक ले जाएंगे। हाई कोर्ट में रिट याचिका दाखिल की जायेगी। इसमें पुलिस कमिश्नर के साथ डीएम को पार्टी बनाया जायेगा। इसमें सरकार के दमन को बताया जायेगा। उन्होंने छात्रों को उठाये जाने को गुंडो द्वारा किया गया अपहरण बताया और छात्रों का आह्वान किया है कि वे संविधान के दायरे में रहकर अपना आंदोलन चलाएं।
छात्रों का आंदोलन कारण है या नहीं लेकिन प्रशासन की तरफ से जिले भर में निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है। यह 13 जनवरी 2025 तक प्रभावी रहेगी। इसका कारण विभिन्न त्योहारों को बताया गया है। कहा गया है कि इसका उल्लंघन करना दंडनीय अपराध होगा। बता दें कि प्रयागराज में 14 जनवरी से महाकुंभ का आगाज हो जायेगा। उसके ठीक एक दिन पहले तक निषेधाज्ञा लागू रहेगी। बच्चों के बीच भी पहुंचा
गुरुवार को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती थी। बाल दिवस के मौके पर स्कूलों में विभिन्न प्रोग्राम आयोजित किये गये थे। इन बच्चों के बीच भी एक दिन में परीक्षा कराने और नार्मलाइजेशन समाप्त करने के स्लोगन वाला पोस्टर दिखायी दिया। इसे प्रतियोगी छात्रों के ही गु्रप में शेयर किया गया था। गुरुवार को जारी हुई तीन नोटिसें
पहली नोटिस यूपीपीएससी के अनुसचिव ओंकार नाथ सिंह के हस्ताक्षर से जारी की गयी है। इसमें कहा गया है कि पहले पीसीएस प्री परीक्षा 2024 दो दिन में कराये जाने का निर्णय लिया गया था। इस परीक्षा की विशिष्टता के दृष्टिगत आयोग द्वारा सैद्धांतिक रूप से पूर्व की भांति एक दिन में कराये जाने का फैसला लिया गया है।
दूसरी नोटिस भी अनुसचिव की तरफ से ही जारी की गयी है। इसमें कहा गया है कि आरओ-एआरओ प्री परीक्षा 2023 में अभ्यर्थियों की संख्या 10,76,004 को देखते हुए चयन प्रक्रिया को पारदर्शी, गुणधर्मिता एवं सुचितापूर्ण ढंग से कराये जाने के उद्देश्य से सभी तथ्यों के समेकित अनुसंधान एवं विश्लेषण के लिए आयोग की तरफ से समिति का गठन किया गया है जो सभी पहलुओं पर विचार करके अपनी रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करेगी।
तीसरी नोटिस प्रमुख सचिव एम देवराज के हस्ताक्षर से जारी की गयी है। इसमें बताया गया है कि भर्ती आयोग, चयन बोर्ड की चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाये के लिए 19 जून 2024 को जारी शासनादेश के क्रम में पीसीएस प्री के लिए प्रस्तर 4.2 और प्रस्तर 5.1 के प्रावधान शिथिल किये जाते हैं। लेकिन यह सुनिश्चित किया जाएगा कि एग्जाम सेंटर मुख्य मार्ग पर स्थित संस्थाओं में से ही हो।