लगातार दसवें दिन रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। एसआरएन अस्पताल में नए मरीजों को रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के चलते नही देखा जा रहा है। इसके अलावा वार्ड में भर्ती मरीजों की हालत भी अच्छी नही कही जा सकती है। मार्निंग में राउंड करने के बाद सीनियर कंसल्टेंट वार्ड में नही आते हैं। रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के चलते वह भी नजर नही आते। ऐसे में मरीज नर्स और वार्ड ब्वाय के भरोसे पूरा दिन बिताते हैं। किसी भी प्रकार के इलाज के लिए परिजनों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

चार दिन से नही बन रहा पर्चा
एसआरएन अस्पताल में पिछले चार दिन से नए मरीजों का पर्चा नही बन रहा है। ओपीडी में सीनियर कंसल्टेंट के केवल पुराने मरीजों को ही देख रहे हैं। हालात यह है कि अन्य जिलों से आने वाले मरीज प्राइवेट अस्पतालों का रुख कर रहे हैं। जो मरीज आर्थिक रूप से संपन्न नही हैं उन्हें घर वापस लौटना पड़ रहा है। साथ ही डिजिटल एक्सरे, एमआरआई, सिटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड व पैथोलॉजी की जांचे भी 90 फीसदी प्रभावित हुई हैं। इसके अलावा सिर्फ गंभीर मरीजों का ही ऑपरेशन की जा रहा है। बाकी अधिकतर मरीजों को आगे की डेट दी जा रही है।

मौके का फायदा उठा रहा स्टाफ
दूसरी ओर इस हड़ताल का लाभ उठाने में स्टाफ भी पीछे नही हैं। मरीजों को स्ट्रेचर और व्हील चेयर जैसी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए भी हड़ताल का हवाला दिया जा रहा है, जिसका कोई मतलब नही है। दसवें दिन भी रेजीडेंट डॉक्टर सुबह से धरने पर बैठे रहे। इसकी वजह से एक भी रजिस्ट्रेशन नही किया जा सका है। इसके अलावा भर्ती मरीजों के ब्लड का सैंपल और उनकी जांचे हुई, बाकी अन्य मरीजों को निराश होकर घर लौटना पड़ा। प्रमुख अधीक्षक के दखल से कुछ मरीजों की जरूरी जांचें की जा सकीं। सोनभद्र, बांदा, कौशाम्बी, फतेहपुर, प्रतापगढ़ व भदोही जिले से आये मरीजों को भी काफी परेशान होना पड़ा। माना जा रहा था कि जल्द ही हड़ताल समाप्त हो जाएगी लेकिन दूर दूर तक ऐसा कोई आसार नजर नही आ रहा है।

सभी सीनियर कन्सल्टेंट को निर्देशित किया है कि पर्चा न बनने की स्थिति में वह मरीज का वापस नहीं लौटाएं, बल्कि सादे कागज पर भी मरीज को देखा जाए। यह निर्देश हड़ताल समाप्त होने तक के लिए लागू किया गया है।
डॉ। वत्सला मिश्रा, प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज

Posted By: Inextlive