माघ मेला के बाद भी संगम की रौनक सहेजने की तैयारी
अक्षयवट और संगम अपर मार्ग पर सालभर बिजली, पानी, सुरक्षा उपलब्ध रहेगी
माघ मेला के बाद भी संगम क्षेत्र गुलजार रहेगा। मेला प्राधिकरण संगम क्षेत्र को डेवलप करेगा। इसे देखते हुए सोमवार को डीएम भानुचंद्र गोस्वामी ने आइट्रिपलसी सभागार में मेला प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों की बैठक ली। पुलिस बल भी रहेगा मौजूदउन्होंने कहा कि अक्षयवट मार्ग और संगम अपर मार्ग पर सालभर बिजली, पानी, सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल की उपस्थिति रहेगी। संगम तक सड़क एवं बिजली की व्यवस्था होने से श्रद्धालु, तीर्थयात्री एवं पर्यटक वहां तक आसानी से जा सकेंगे। कहा कि संगम क्षेत्र में मेला अवधि को छोड़कर शेष अवधि में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए सभी सुविधाएं बेहतर की जाएगी। सेना की भूमि को छोड़कर स्थल को विकसित किया जाएगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इसकी कार्य योजना तैयार करने को कहा। उन्होंने मेला क्षेत्र में बन रहे स्थाई टॉयलेट, स्टेज एवं फ्लोटिंग जेट्टी के कार्यो की प्रगति समीक्षा की। माघी पूíणमा के स्नान पर्व के बाद कल्पवास समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि मेले से जुड़े सभी वेंडर्स का भुगतान समय से कर दिया जाए। माघ मेला के प्रभारी अधिकारी विवेक चतुर्वेदी, मेला प्राधिकरण के प्रबंधक विवेक शुक्ला, डा। आरएस ठाकुर, डा। विमलेदु शेखर आदि थे।
त्रिजटा की डुबकी लगाकर कल्पवासियों ने किया प्रस्थान
फाल्गुन कृष्णपक्ष की द्वितीया तिथि पर संतों व कल्पवासियों ने त्रिजटा स्नान किया। संगम तीरे माहभर से जप-तप में लीन कल्पवासी अपने घर-गृहस्थी में वापस लौट गए। इसके साथ मेला क्षेत्र से कल्पवासी विहीन हो गया है। त्रिजटा स्नान करने वालों का कल्पवास ही पूर्ण माना जाता है। यही कारण है कि मेला क्षेत्र में माघी पूíणमा स्नान पर्व के बाद हजारों संत व कल्पवासी रुके थे। द्वितीया तिथि रविवार को लग गयी थी। इससे सोमवार की भोर से संतों व कल्पवासियों का स्नान शुरू हो गया। संगम के अलावा अरैल, गंगा के रामघाट, गंगोली शिवालय, अक्षयवट, काली मार्ग आदि घाटों पर स्नान स्नान-दान का सिलसिला दोपहर बाद तक चलता रहा।