पापा की हो जाएगी आफत
प्रयागराज (ब्यूरो)। अब तो पापा की आफत हो गई। अगर आपका बेटा या बेटी नाबालिग है। वह बाइक या स्कूटी चलाता है तो फिर बेहद सावधान रहने की जरुरत है। नाबालिग बेटे या बेटी ने अगर एक्सीडेंट कर दिया तो फिर पिता को जेल जाना पड़ सकता है। साथ ही जुर्माना भी अदा करना पड़ेगा। बाइक या स्कूटी का रजिस्ट्रेशन एक वर्ष के लिए निलंबित कर दिया जाएगा। साथ ही एक्सीडेंट करने वाले नाबालिग का वाहन लाइसेंस भी देर से बनेगा। इन नए नियमों को लेकर जल्द ही कार्रवाई शुरू होगी। तब तक अच्छा है कि अपने बच्चों की आदत सुधार लें।
40 फीसदी नाबालिग जान गंवाते हैं दुर्घटनाओं में
16 साल की उम्र पूरी होने पर है 50 सीसी का वाहन चलाने की अनुमति
03 साल का कारावास हो सकता है नाबालिग से एक्सीडेंट में मौत पर
25 हजार रुपये तक लगाया जा सकता है जुर्माना
01 साल के लिए सस्पेंड हो सकता है वाहन का रजिस्ट्रेशन
25 साल की उम्र के बाद ही बनेगा दुर्घटना करने वाले नाबालिग का ड्राइविंग लाइसेंस
बच्चों को गाड़ी देना अच्छी बात नहीं
ये बात ठीक है कि बच्चों के हर शौक पूरे होने चाहिए। हर गार्जियन चाहता है कि उसके बच्चों के शौक में कोई कमी न रहे। लेकिन अगर आपके बच्चे वाहन चलाने के शौकीन हैं तो थोड़ा सावधान हो जाने की जरुरत है। बच्चों की बढ़ती वाहन दुर्घटनाओं को देखते हुए शासन ने सख्ती का मन बना लिया है। बच्चों के वाहन एक्सीडेंट के लिए अब उनके गार्जियन को जिम्मेदार माना जाएगा। बकायदा इसके लिए सर्कुलर जारी कर दिया गया है।
हाई स्कूल और इंटर में पढऩे वाले बच्चे सड़कों पर फर्राटा भरते देखे जा सकते हैं। शायद की कोई स्कूूल हो जहां पर बच्चे स्कूटी या बाइक से न पहुंचते हों। स्कूल में ऐसे बच्चों की संख्या कम या ज्यादा हो सकती है। मगर गार्जियन भी अपने बच्चों को स्कूटी या बाइक देने में संकोच नहीं करते हैं। सड़कों पर बच्चों को पल्सर, अपाची या स्कूटी से स्टंट करते देखा जा सकता है। चला सकते हैं पचास सीसी का वाहन
नए नियम में 16 वर्ष की आयु पूरी कर सके छात्र पचास सीसी का वाहन चला सकते हैं। नियम में इस छूट से बहुत राहत रहेगी। मगर एक्सीडेेंट होने पर अन्य कानून पूरी तरह से लागू होगा।
नए नियम का पूर्णत: पालन कराया जाएगा। अगर स्कूल गोइंग बच्चे वाहन चलाते पकड़े गए तो उनके गार्जियन के खिलाफ कार्रवाई होगी। जल्द ही इसके लिए चेकिंग अभियान की शुरुआत होगी।
अल्का शुक्ला, एआरटीओ
मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 के तहत किशोरों द्वारा मोटर वाहन अपराधों के संबंध में एक नई धारा जोड़ी गई है।
जिसके तहत प्रावधान किया गया है कि किसी किशोर द्वारा मोटर वाहन अपराध में किशोर के संरक्षक या वाहन के मालिक को ही दोषी मानते हुए दण्डित किया जाएगा।
इसके तहत संरक्षक या मोटर वाहन स्वामी को तीन वर्ष तक का कारावास तथा 25 हजार रुपये जुर्माना से दण्डित किया जाएगा।
अपराध में प्रयुक्त वाहन का रजिस्ट्रेशन एक वर्ष के लिए निरस्त कर दिया जाएगा।
एक्सीडेंट करने वाले किशोर का ड्राइविंग लाइसेंस 25 वर्ष की आयु पूर्ण करने बाद ही बन सकेगा। स्कूल चलाएंगे जागरुकता अभियान
विद्यालय परिवहन सुरक्षा समिति गार्जियन को देगी नए नियमों की जानकारी।
स्कूलों में रोड से सेफ्टी क्लब गठित किया जाएगा। एक टीचर को रोड सेफ्टी क्लब का नोडल बनाया जाएगा।
रोड सेफ्टी क्लब असेंबली में सड़क सुरक्षा की शपथ दिलवाएगा।
सप्ताह में हर क्लास में बच्चों को एक पीरिएड में रोड सेफ्टी के बारे में पढ़ाया जाए।
क्या कहते हैं गार्जियन
बच्चों को वाहन कत्तई नहीं देना चाहिए। इससे बच्चे समेत उससे होने वाली दुर्घटना में शामिल किसी भी व्यक्ति की जान का खतरा हो सकता है। जिसकी भरपाई संभव नहीं। नए नियम का पालन सभी को करना चाहिए।
हरिओम पांडेय, शंकरघाट
सत्येंद्र सिंह, मम्फोर्डगंज आजकल स्कूल गोइंग स्टूडेंट को उनके गार्जियन द्वारा बाइक या स्कूटी देना सोशल स्टेट्स का सिंबल बन गया है। मगर इसका दूसरा पक्ष ये है कि अगर ऐसे स्टूडेंट्स एक्सीडेंट करते हैं तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। नया नियम बिल्कुल ठीक है। इससे गार्जियन भी डरेंगे।
राजेश पांडेय, धूमनगंज बच्चों को स्कूटी या बाइक नहीं देनी चाहिए। कितने ऐसे हादसे हो जाते हैं जिसमें बच्चे अपनी जान गवां बैठते हैँ। आखिर नुकसान तो परिवार का ही होता है। बच्चों को वाहन देने पर रोक का नियम बहुत ही काबिलेतारीफ है। इस नियम का सभी को पालन करना चाहिए।
संजय साहू, सिविल लाइंस