पंकज के पिता की भी हुई थी हत्या
प्रयागराज (ब्यूरो)। मारे गए पंकज के पिता छह भाई थे। सबसे छोटा रमाकांत है। शशि देवी ने बताया कि पति द्वारा अल्लापुर में खरीदे गए मकान को कुछ वर्ष पूर्व बेटे पंकज ने बेंच दिया था। बेचे गए मकान से करीब 30 से 35 लाख रुपये मिले थे। इसमें से कुछ रुपये से नैनी में जमीन खरीदकर वह मकान बनवा रहती थी। निर्माणाधीन मकान में स्लेप पडऩे वाला था। बेटी पूजा के साथ वह नैनी में ही रहकर मकान की देखरेख किया करती थी। बताया यह भी जा रहा कि लगभग 10 से 12 लाख रुपये का हिसाब पंकज नहीं दे पा रहा था। इतने सारे रुपयों को वह कहां और कैसे खर्च किया? इस बारे में परिवार को भी कुछ नहीं पता।
बेहद करीबी ही हो सकता है कातिल
मेडिकल कॉलेज कैंपस के आवास में हुई वार्डब्वाय की हत्या में पुलिस कई एंगल पर तफ्तीश कर रही है। पहला एंगल रुपयों के लेनदेन को लेकर विवाद तो दूसरा आशनायी भी है। पुलिस मान रही है कि यही दो कारण हो सकते हैं जिसकी वजह से पंकज की हत्या की जा सकती है। बाकी वह अपने सरकारी आवास में अकेले ही था। इसके सिवाय उसके पास कोई ऐसी वजह या रंजिश नहीं थी जिससे कोई उसकी हत्या वह भी सरकारी आवास में घुस कर करे। कातिल जो भी है, इतना तो तय है कि कोई बाहरी नहीं है। वह पंकज को अच्छी तरह से जानता और पहचानता था।
अजीत सिंह चौहान, सीओ कर्नलगंज