मौत के घाट उतारा गया पंकज पटेल नवाबगंज निवासी रामराज पटेल का इकलौता बेटा था. उसकी दो बहनें पूजा और सीमा भी हैं. बताते हैं कि रामराज पटेल मेडिकल कॉलेज में लिपिक के पद पर तैनात था. वर्ष 1996 में रामराज पटेल की हत्या हो गई थी. पिता की हत्या के बाद ही मृतक आश्रित में पंकज को विभाग में नौकरी मिली थी. हालांकि रामराज के कत्ल का राज आज तक बेनकाब नहीं हो सका है. पिता की मौत के बाद मां शशि देवी ने तीनों की शादी की थी. पंकज का विवाद फाफामऊ के लेहरा की कुसुम देवी से 2010 में हुई थी. विवाह बाद उसे दो बेटिंया लवी 8 और छवी 6 हुईं. बताया यह भी गया कि पंकज के बहन पूजा की शादी के बाद रिश्ता टूट गया था. वह मां शशि के साथ मायके में ही रह रही थी. नौकरी के दौरान पंकज के पिता ने अल्लापुर में एक मकान खरीदा था. जहां पर वह परिवार के साथ रहा करता था.

प्रयागराज (ब्यूरो)। मारे गए पंकज के पिता छह भाई थे। सबसे छोटा रमाकांत है। शशि देवी ने बताया कि पति द्वारा अल्लापुर में खरीदे गए मकान को कुछ वर्ष पूर्व बेटे पंकज ने बेंच दिया था। बेचे गए मकान से करीब 30 से 35 लाख रुपये मिले थे। इसमें से कुछ रुपये से नैनी में जमीन खरीदकर वह मकान बनवा रहती थी। निर्माणाधीन मकान में स्लेप पडऩे वाला था। बेटी पूजा के साथ वह नैनी में ही रहकर मकान की देखरेख किया करती थी। बताया यह भी जा रहा कि लगभग 10 से 12 लाख रुपये का हिसाब पंकज नहीं दे पा रहा था। इतने सारे रुपयों को वह कहां और कैसे खर्च किया? इस बारे में परिवार को भी कुछ नहीं पता।

बेहद करीबी ही हो सकता है कातिल
मेडिकल कॉलेज कैंपस के आवास में हुई वार्डब्वाय की हत्या में पुलिस कई एंगल पर तफ्तीश कर रही है। पहला एंगल रुपयों के लेनदेन को लेकर विवाद तो दूसरा आशनायी भी है। पुलिस मान रही है कि यही दो कारण हो सकते हैं जिसकी वजह से पंकज की हत्या की जा सकती है। बाकी वह अपने सरकारी आवास में अकेले ही था। इसके सिवाय उसके पास कोई ऐसी वजह या रंजिश नहीं थी जिससे कोई उसकी हत्या वह भी सरकारी आवास में घुस कर करे। कातिल जो भी है, इतना तो तय है कि कोई बाहरी नहीं है। वह पंकज को अच्छी तरह से जानता और पहचानता था।

वार्ड ब्वाय मर्डर केस की हर एंगल पर गहनता से जांच की जा रही है। मौका-ए-वारदात पर जो भी चीजें मिले हैं उसे लैब जांच के लिए भेजा गया है। फिंगर एक्सपर्ट द्वारा भी सैंपल लिए गए हैं। कातिल जो भी होंगे जल्द ही गिरफ्तार किए गए जाएंगे। उसके साथ रहे दोस्त से भी पूछताछ की जाएगी।
अजीत सिंह चौहान, सीओ कर्नलगंज

Posted By: Inextlive