Allahabad: नई उमंग नई तरंग और नए जोश के साथ स्टूडेंट्स जिंदगी के एक नए सफर की शुरुआत करने जा रहे थे. जिस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने दिन-रात एक कर दिए वह सच होने जा रहा था. उन्हें एंट्रेंस टेस्ट क्वालिफाई करने के बाद इंजीनियरिंग में एडमिशन का मौका जो मिला था. नए स्टूडेंट्स की आमद से गुलजार आईआईआईटी कैंपस का माहौल वेडनसडे को कुछ ऐसा ही रहा. जहां दाखिले के लिए आए स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स में गजब का उत्साह नजर आया.

नए pattern ने किया confuse

सेंट्र्रल गवर्नमेंट द्वारा इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम के नए पैटर्न को इस बार से लागू करने के बाद स्टूडेंट्स को जबरदस्त कन्फ्यूजन का सामना करना पड़ा। एडमिशन के लिए आए कुछ स्टूडेंट्स ने इसे लाइक किया तो कुछ ने इसे बदले जाने की ख्वाहिश जाहिर की। स्टूडेंट्स का कहना था कि इस पैटर्न के लागू होने के बाद 12वीं के माक्र्स काउंट हो रहे हैं, जिससे कोचिंग संस्थानों की मनमानी पर लगाम लगेगी। महंगी कोचिंग के बल पर एंट्रेंस क्वालिफाई करने का सपना देखने वाले स्टूडेंट्स अब बोर्ड एग्जाम्स की प्रिपरेशन में भी ध्यान देंगे. 

रिश्ते की रखी लाज

आईआईआईटी में नए एडमिशन 19 से 30 जुलाई के बीच होने हैं। इसके लिए इलेक्ट्रानिक कम्युनिकेशन यानी ईसी में 60 और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में 90 सीटें एलॉट की गई हैं। सीबीएसई द्वारा एडमिशन में कुछ चेंजेस किए जाने के चलते एडमिशन प्रोसेस मंगलवार को बंद रखा गया था। इसके चलते दूसरे प्रदेशों से आने वाले स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस दौरान इंस्टीट्यूट एडमिनिस्टे्रशन ने उन्हें गेस्ट हाउस में ठहरने की परमिशन दी। सभी स्टूडेंट्स का एडमिशन बुधवार को किया गया। एडमिनिस्ट्रेशन की मानें तो एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स से एक नया रिश्ता कायम हो जाता है, इसलिए उसकी लाज रखनी जरूरी थी. 

वारंगल NIT बना पहली पसंद

बुधवार को आईआईआईटी में दाखिल लेने आए स्टूडेंट्स के चेहरे पर इंजीनियरिंग का सपना सच होने की खुशी तो थी लेकिन एक अफसोस भी साफ झलक रहा था। बातचीत में अधिकतर ने बताया कि उन्होंने च्वॉइस में पहले नंबर पर वारंगल एनआईटी को रखा था। लेकिन, उन्हें वहां पर जगह नहीं मिली। वह आईआईआईटी इलाहाबाद में एडमिशन लेकर काफी खुश हैं। पिछले कुछ सालों में इंस्टीट्यूट के प्लेसमेंट रिकॉर्ड के जबर्दस्त तरीके से ग्रो करने से स्टूडेंट्स की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं। हालांकि कुछ स्टूडेंट्स ने एमएनएनआईटी को भी अपनी च्वॉइस लिस्ट में आईआईआईटी से ऊपर रखा था।

पैटर्न के बारे में कुछ पता नहीं था

इंजीनियरिंग एंट्रेंस टेस्ट में बदलाव किए जाने के बारे में हमें कुछ खास पता नहीं था। बाद में बताया गया कि बोर्ड एग्जाम में मिले मॉक्र्स को वेटेज दिया जा रहा है तो मुझे 12वीं का इम्प्रूवमेंट एग्जाम देना पड़ा। इसके बाद मुझे एंट्रेंस में सफलता मिली। यहां आकर काफी खुशी महसूस हो रही है। आईटी ब्रांच में एडमिशन लेकर मुझे अपने पैरेंट्स के सपनों को सच करके दिखाना है।

अभिषेक जायसवाल, मिर्जापुर

हायर स्टडी के लिए जाना है विदेश

मेरे फादर एक चूड़ी कारखाने में काम करते हैं। दोनों बड़े भाई आईआईटी सूरत में पढ़ रहे हैं। उनसे इंस्पीरेशन लेकर एंट्रेंस एग्जाम क्वालीफाई किया है। बढिय़ा से इंजीनियरिंग करने के बाद हायर स्टडीज के लिए विदेश जाने का ख्वाब देखा है और उम्मीद है ये पूरा जरूर होगा। मेरे ख्याल से आईआईटी एडवांस एंट्रेंस पैटर्न बेहतर है। इसके लागू होने के बाद स्टूडेंट्स कोचिंग पर फोकस करने के बजाय अपने बोर्ड एग्जामिनेशन पर ध्यान देंगे।

सोनल गुप्ता, फिरोजाबाद

एमबीए करने के बाद जॉब करनी है

आईटी ब्रांच में एडमिशन लेना है। मेरी बड़ी सिस्टर हैदराबाद से इंजीनियरिंग कर रही है। मेरा सपना भी बीटेक में एडमिशन लेने का था, जो पूरा हो गया। बीटेक करने के बाद गवर्नमेंट जॉब मिली तो ठीक है, नहीं तो एमबीए में एडमिशन लेकर कुछ बड़ा करने का प्लान है। मेरी फस्र्ट च्वॉइस वारंगल एनआईटी थी लेकिन आईआईआईटी इलाहाबाद मुझे एलॉट हुआ है। ये भी बेहतर कॉलेज है और यहां पढऩे मे मजा आएगा।

वैशाली शाह, सिकंदराबाद

इंजीनियरिंग एंट्रेंस में नया पैटर्न लागू होने के बाद शुरुआत में थोड़ी कन्फ्यूजन थी लेकिन बाद में सब क्लीयर हो गया। इंटरमीडिएट में 89 परसेंट से अधिक मॉक्स होने का फायदा मिला। रैंक अच्छी मिल जाने से आईआईआईटी में एडमिशन लेने का मौका मिला है। ईसी ब्रांच में एडमिशन लेना है। मेरा सपना पढ़ाई पूरी करने के बाद गवर्नमेंट जॉब में जाने का है।

शुभम गौतम, कानपुर

फादर एक्सपायर हो चुके हैं। उनकी जगह बड़े भाई को रेलवे में जॉब मिली है। मेरा सपना इंजीनियरिंग करके घर की जिम्मेदारी उठाने का है। एक साल के गैप के बाद इस बार एडमिशन का मौका मिला है। यहां आकर बेटर फील हो रहा है और अब जी-जान से पढ़ाई में जुट जाना है। सेंट्रल गवर्नमेंट को पैटर्न में थोड़ा चेंज करना होगा। बोर्ड एग्जाम के मॉक्र्स को जोडऩे का तरीका बिल्कुल ठीक नहीं है।

मनोज कुमार, अंबाला कैंट

 

Posted By: Inextlive