मरीज को शॉक सिंड्रोम और ब्लीडिंग की हो सकती है प्राब्लमलक्षणों पर ध्यान देने से होगा बचाव वरना जानलेवा होगा डेंगू का वार

प्रयागराज ब्यूरो । वर्तमान में डेंगू का सीजन चल रहा है। लगातार मरीजों के सामने आने का क्रम जारी है। जिन लोगों को पूर्व में डेंगू हो चुका है उन्हें अधिक सतर्क रहना होगा। क्योंकि डेंगू का बुखार दोबारा भी हो सकता है और लक्षणों को नजर अंदाज करने पर यह जानलेवा भी हो सकता है। खासकर दूसरी या तीसरी बार डेंगू होने पर शॉक सिंड्रोम के साथ इंटरनल ब्लीडिंग और मल्टी आर्गन फेल्योर की समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है।

खतरनाक है बार बार संक्रमण
बार बार डेंगू का बुखार होना बॉडी के लिए हानिकारक है। डेंगू के कारण शाक सिंड्रोम हो सकता है। इससे मल्टी आर्गन फेलियर और इंटरनल ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है। डॉक्टर्स का कहना है कि इससे मरीज की मौत भी हो सकती है। यह मिथ है कि एक बार डेंगू हुआ तो दोबारा नही होगा। ऐसा नही है। एक बार होने के बाद दोबारा डेंगू होने के चांसेज बढ़ जाते हैं।
कमजोर इम्युनिटी वाले रहें सावधान
डेंगू के सीजन में कमजोर इम्युनिटी वालों को भी सावधान रहना होगा। जरा सी लापरवाही से वह संक्रमण का शिकार हो सकते हैं। ऐसे में उन्हें अपनी डाइट में विटामिन सी की मात्रा बढ़ानी होगी। कई बार डेंगू का बुखार घर पर ही ठीक हो जाता है। इसके लिए बॉडी का मजबूत होना अधिक जरूरी है। लेकिन प्लेटलेट्स का लेवल गिरने लगे तो मरीज को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। मरीजों को डेंगू हैमरेजिक फीवर भी हो सकता है। शरीर के कई हिस्सों में ब्लीडिंग स्पाट भी बन सकते हैं। ऐसा हुआ तो मरीज को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराना पड़ सकता है।
इन लक्षणों पर देना होगा ध्यान
पेट में दर्द
उल्टी आना
शरीर पर दाने या रैशेज
बुखार
सिरदर्द
मांसपेशियों में दर्द
जुकाम और बदन दर्द
नाक, कान, मुंह या इंटरनल ब्लीडिंग
मल्टी आर्गन फेल्योर

बचाव के तरीके
घर के आसपास पानी को एकत्र न होने दें
कूलर और गमलों का पानी बदल दें
पूरी बाजू के कपड़े पहनें
रात को सोते समय मच्छरदानी का यूज करें
बुखार और कमजोरी होने पर डॉक्टर से संपर्क करें
बुखार आने की अवस्था में केवल पैरासिटामाल लें, एंटीबायटिक डॉक्टर की सलाह पर लें


तीन बार और हो सकता है बुखार
डेंगू वायरस के चार स्ट्रेन होते हैं। एक बार जब कोई व्यक्ति एक स्ट्रेन से संक्रमित होता है तो उसकी बॉडी केवल उस स्ट्रेन के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित करती है। यही कारण है कि बाकी बचे तीन स्ट्रेन से मरीज को जीवन में एक बार डेंगू होने के बाद तीन बार और हो सकता है। इसके अलावा हर स्ट्रेन के साथ डेंगू बुखार का दोबारा संक्रमण पिछले की तुलना में अधिक खतरनाक होता है।

डेंगू का बुखार बार बार न हो इसके लिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है। घर के आसपास पानी जमा नही होने देना है। रात को सोते समय मच्छरदानी का यूज करना है। लोगों में यह मिथ है कि एक बार होने के बाद दोबारा डेंगू नही होगा। बल्कि ऐसा नही है। इसलिए शरीर की इम्युनिटी को मजबूत बनाएं और सतर्क रहें।
आनंद कुमार सिंह
जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज

Posted By: Inextlive