नगर के सौ में 50 से 52 वार्डों में आरक्षित हो सकती है पार्षद की सीट परिसीमन बाद कुल सौ वार्डों में कराए गए रैपिड सर्वे की रिपोर्ट जारीरिपोर्ट को लेकर पार्षद व संभावित प्रत्याशियों के बीच गर्म रहीं चर्चाएंक्कक्र्रङ्घ्रत्रक्र्रछ्व: नगर निगम क्षेत्र के कुल सौ वार्डों में तीन लाख से भी अधिक पिछड़ा वर्ग के लोग बसर करते हैं. यह स्थिति रविवार को जारी किए गए रैपिड सर्वे रिपोर्ट से सामने आई है. रिपोर्ट को नगर निगम जोन कार्यालयों पर विभाग द्वारा चस्पा की गई. चुनाव के दौरान वार्डों में इन्हीं की संख्या के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था लागू की जाएंगे. जिन वार्डों में पिछड़ा वर्ग की संख्या बीस प्रतिशत से अधिक है उन वार्डों में पार्षद पद की सीट आरक्षित हो सकती है. राजनीतिज्ञों का मानना है कि रैपिड सर्वे रिपोर्ट गौर करें तो प्रयागराज नगर निगम के करीब 50 से 52 वार्डों में पार्षद पद की सीट आरक्षित होने की संभावना है. इनमें भी वे वार्ड निश्चित रूप से आरक्षित हो सकते हैं जिनमें पिछड़ा वर्ग की संख्या 22 प्रतिशत से अधिक है. अब मौजूदा पार्षद व संभावित प्रत्याशी इस रिपोर्ट के आधार पर गुणा भाग लगाना शुरू कर दिए हैं. रैपिड सर्वे रिपोर्ट को लेकर दिन भी पार्षदों व प्रत्याशियों के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म रहा.


प्रयागराज ब्यूरो । परिसीमन के पूर्व नगर निगम क्षेत्र में कुल 80 वार्ड थे। इन वार्डों में चुनाव जीतने वाले पार्षद व निगम की सदन के द्वारा विकास का खाका खींचा जाता रहा है। शासन द्वारा आसपास के तमाम गांवों को नगर निगम में शामिल कर दिया है। शामिल किए गए गांवों में को जोडऩे के बाद नगर निगम क्षेत्र में बीस वार्ड बढ़ गए। इस तरह नगरीय क्षेत्र में वार्डों की संख्या 80 से बढ़ कर 100 हो गई है। अब इन्हीं कुल 100 वार्डों में मेयर व पार्षद पद के चुनाव होंगे। हालांकि चुनाव अभी दूर हैं। फिर भी तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसी तैयारी के तहत शासन द्वारा इन 100 वार्डों में रैपिड सर्वे कराया गया था। इस सर्वे में वार्ड वार पिछड़ा वर्ग के लोगों की लिस्ट तैयार की गई। सर्वे रिपोर्ट डीएम के जरिए शासन को भेजी गई। परिसीमन के बाद सीमा सीमा विस्तार सहित गठित कुल 100 वार्डों में हुए रैपिड सर्वे में प्राप्त पिछड़े वर्ग के लोगों संख्या जारी की गई। इस लिस्ट पर गौर किया जाय तो नगरीय क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग के लोगों की संख्या तीन लाख से अधिक है। जानकार बताते हैं कि इसी सर्वे रिपोर्ट के आधार पर अब शासन द्वारा वार्डों में आरक्षण लागू की जाएगी। कहते हैं कि जिन वार्डों में पिछड़ा वर्ग के लोगों की संख्या 20 प्रतिशत से अधिक है। वहां पार्षद पद की सीट आरक्षित कोटे में खिसक सकती है। आरक्षण में चुक्रानुक्रम के आधार पर किए जाते हैं। लिहाजा पिछले चुनावों में जो वार्ड आरक्षित थे वहां से इस बार आरक्षण हट भी सकते हैं। यदि जानकार राजनीतिज्ञों की यह बात सच मान ली जाय तो कम से कम 36 वार्डों में पार्षद पद की सीट का आरक्षित होना तय है। क्योंकि इन वार्डों में पिछड़ा वर्ग की संख्या बीस प्रतिशत से काफी ज्यादा है। इसी के आधार पर राजनीतिज्ञ मान रहे हैं कि इन वार्डों में पार्षद पद की सीट आरक्षित होगी। फिलहाल शासन द्वारा आरक्षण सूची जारी करने में अभी वक्त लग सकते हैं।

यहां निश्चित आरक्षण की संभावना
रैपिड सर्वे रिपोर्ट में 36 वार्ड ऐसे हैं जिनमें रैपिड सर्वे के अनुसार पिछड़ा वर्ग की संख्या 20 प्रतिशत से काफी ज्यादा है। इनमें वार्ड 74 बेनीगंज, वार्ड 82 करैलाबाग, वार्ड 96 शम्स नगर, वार्ड 03 बम्हरौली उपरहार, वार्ड 05 पीपल गांव, वार्ड 15 जयंतीपुर, वार्ड 18 हरवारा, वार्ड 35 झलवा, 49 ट्रांसपोर्ट नगर, वार्ड 59 नीमसराय, 79 प्रीतम नगर, वार्ड 10 गोहरी, वार्ड 14 भदरी, वार्ड 16 बहमलपुर, वार्ड 39 मलाक हरहर, वार्ड 56 फाफामऊ, वार्ड 12 अशोक नगर, 21 म्योराबाद, वार्ड 30 कृष्णानगर, वार्ड 32 एलनगंज, वार्ड 94 चौखण्डी, वार्ड 69 भारद्वाजपुरम, वार्ड 73 दारागंज, वार्ड 77 तुलसीपुर, वार्ड 84 सदियापुर, वार्ड 100 अटाला, वार्ड 09 सोनौटी, वार्ड 11 अमरसापुर, वार्ड 19 अंदावां वार्ड 25 मलावांबुजुर्ग, वार्ड 45 छतनाग, वार्ड 50 कटका, वार्ड 85 झूंसी आजान नगर, वार्ड 08 तेंदुवान 29 मोहब्बतगंज, वार्ड 67 काजीपुर शामिल है। राजनीतिज्ञ कहते हैं कि यदि वार्डों के आरक्षण में बीस प्रतिशत से अधिक पिछड़ों पर अमल हुआ तो इन वार्डों की सीट का आरक्षित होना तय है।

Posted By: Inextlive