बस एक बीघा जमीन से हो सकते हैं मालामाल, इस तरह से पान की खेती से बरसेगी दौलत
प्रयागराज (ब्यूरो)। जिले में एक बीघा जमीन है तो आप थोड़े से मेहनत में मालामाल हो सकते हैं। इसके लिए आप को उस जमीन में कोई फैक्ट्री लगाने की जरूरत नहीं है। बस उस खेत में टेक्निकल विधि से पान की खेती करना होगा। जनपद की जमीन में पान की खेती का ट्रायल किया गया है। उद्यान विभाग के द्वारा फूलपुर और हंडिया तहसील के कुछ गांवों में किया गया ट्रायल शानदार तरीके से सक्सेज रहा है। सफलता को देखते हुए अब विभाग इस पान की खेती से और किसानों व बेरोजगार घूम रहे युवाओं को जोडऩे की कोशिश में है। पान की पूरी खेती का प्रशिक्षण अधिकारी इच्छुक लोगों को मुफ्त में देंगे। साथ ही तब तक पान की तुड़ाई शुरू नहीं हो जाती, एक्सपर्ट खुद पूरी खेती पर नजर रखेंगे। इसके लिए जमीन के आसपास पान के पर्याप्त इंतजाम होने की जरूरत है।
फूलपुर तहसील के आधा दर्जन व हंडिया के एक गांव में पान की खेती का ट्रायल हुआ सफल
ट्रायल में मिली सफलता के बाद अगले वर्ष जिले में बड़े पैमाने पर पान की खेती कराने के प्लान में है उद्यान विभाग
शासन को मिली इस सक्सेस की रिपोर्ट तो प्रदेश के कई जनपदों में पान की खेती को बढ़ावा देने के मिले हैं निर्देश
हार नहीं माने किसान, सपने हुए साकार
यहां किसानों की जमीन की उर्वरा शक्ति बेहतर होने के बावजूद अभी तक यहां पान की खेती नहीं हो पाती थी। कुछ किसानों द्वारा वर्ष 2016 में किया गया प्रयास मंशा के अनुरूप सफल नहीं हो सका। हाथ लगी अफसलता के बाद प्रयास करने वाले फूलपुर तहसील क्षेत्र के घनश्याम पटेल और इंद्रजीत सिंह एवं विजय यादव उद्यान विभाग से संपर्क किए। उनके प्रयास को देखते हुए विभाग ने इस दिशा में कदम आगे बढ़ा दिया। बताते हैं कि इसके बाद उद्यान विभाग के अधिकारी तहसील क्षेत्र के सौरहा, सावांडीह, छेदीका पूरा, दरियापुर, सरायलिलि, चिरौरा व हंडिया के सिंघामऊ गांव के किसानों से संपर्क किए। इन गांवों में कहीं दो तो किसी में एक किसान पान की खेती के लिए तैयार हुआ। इसके बाद उनके खेतों की मिट्टी को लैब भेजा गया। जांच पड़ताल के बाद विभाग की मदद से पान के पौधों की रोपाई की गई। विभागीय निगरानी के बीच उन किसानों के खेत में पान के शानदार पौधे तैयार हुए। इससे इस पान की खेती करने वाले किसानों को जबरदस्त लाभ हुआ। अब वह किसान इस खेती को लेकर काफी उत्साहित हैं। ट्रायल और उन किसानों की सफलता को देखते हुए विभाग इस साल यहां पान की खेती बड़े पैमाने पर काने का प्लान बना रहा है।
इन किसानों के खेत में पान की खेती को लेकर किया गया ट्रायल सफल होने के बाद अब उद्यान विभाग आसपास के जनपदों में भी इसे बेस बनाते हुए पान की खेती पर जोर देगा। प्लान पर गौर करें तो जनपद सहित प्रतापगढ़, आजमगढ़, बलिया और कौशाम्बी जनपद के तीन सौ किसानों इच्छुक किसानों को चिन्हित किया जा रहा है। इन सभी को पान की खेती का प्रशिक्षण देने के लिए प्रयागराज बुलाया जाएगा। करीब दो दिनों तक चलने वाले इस प्रशिक्षण में उन किसानों के रहने व खाने पीने की व्यवस्था भी विभाग ही करेगा। इसके लिए शासन को भेजी गई फाइल पर मुहर लग चुकी है। अफसरों का मानना है कि धीरे-धीरे इस तरह से प्रयागराज सहित अन्य जनपद पान के बड़े निर्यातक बन जाएंगे। जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इस पान की खेती से युवाओं को जोडऩे का विशेष प्रयास किया जाएगा। ताकि वे अपने मेहनत व भागदौड़ के बूते उत्पादित पान को दूर-दूर तक सप्लाई करा सकें।
पान की खेती का सफल ट्रायल प्रयागराज के फूल व हंडिया एरिया में किया जा चुका है। इसकी सूचना विभाग के शीर्ष अफसरों द्वारा शासन को भेजी गई थी। जिस पर इस पान की खेती को बढ़ावा देने के लिए शासन से कुछ जनपदों में भी किसानों को मोटिवेट के निर्देश मिले हैं। उन जनपदों के चिन्हित किसानों को प्रयागराज में दो दिन ट्रेनिंग दी जाएगी। फिर उनके जिले के उद्यान अधिकारियों से मिलकर इस खेत में उनकी मदद की जाएगी। वर्ष 2025 में प्रयागराज में बड़े पैमाने पर पान की खेती को कराने का प्लान है।
वीके सिंह, प्रभारी औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र खुशरोबाग