वाहन चेकिंग के दौरान पीओएस पेमेंट ऑपरेटिंग सिस्टम मशीन लेकर चलेगी पुलिस व ट्रैफिक के जवान इससे वाहन मालिकों व चालकों को काउंटर पर लाइन लगाने के झंझट से मिलेगी मुक्ति जेब में पैसा भले न हो पर क्रेडिट और डेबिट कार्ड में बैलेंस जरूर होना चाहिए. क्योंकि आप की गाड़ी का चालान होने पर यह दोनों कार्ड आप को जुर्माना जमा करने के लिए काउंटर पर नहीं जाना पड़ेगा. तत्काल मौके पर इस कार्ड से आप जुर्माने की रकम अदा करके कई तरह की समस्याओं से बच सकते हैं. कार्ड स्वैप करने के लिए थानों की पुलिस और ट्रैफिक विभाग के जवान पीओएस पेमेंट ऑपरेटिंग सिस्टम मशीन को लेकर चलेंगे. कार्ड के जरिए जुर्माने का पेमेंट करने पर आप का समय और किराया भाड़ा तो बचेगा ही चालान रजिस्टर पर भी नहीं दर्ज होंगे. ऐसी स्थिति में यदि दोबारा रूल्स उल्लंघन में पकड़े जाने पर आप की पहली गलती ही मानी जाएगी. बार-बार ट्रैफिक रूल्स तोडऩे के आरोप में लगने वाला एक्स्ट्रा जुर्माना नहीं लगेगा.

प्रयागराज (ब्यूरो)। शहर से गांव तक अक्सर चेकिंग में वाहन चालकों का ट्रैफिक रूल्स तोडऩे पर ट्रैफिक व सिविल पुलिस के द्वारा चालान किए जाते हैं। जेब में पर्याप्त रुपये मौके पर नहीं होने की वजह से लोग चाहकर भी जुर्माना नहीं जमा कर पाते। जबकि उनके पास मौजूद डेबिट या क्रेडिट कार्ड में रुपये होते हैं। ऐसी दशा में जुर्माने की रकम जमा करने के लिए लोगों को पुलिस लाइंस स्थित विभाग के कैश काउंट पर लाइन लगानी पड़ती है। इससे ऐसे वाहन चालकों या मालिकों का वक्त और किराया भाड़ा दोनों ही बर्बाद होता है। सरकार के रजिस्टर में गाड़ी का चालान अंकित हो जाता है वह अलग। अब यदि क्रेडिट या डेविड कार्ड में रुपये हैं तो इन तमाम समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। इन दो में किसी एक कार्ड को स्वैप करके आप जुर्माने की रकम तत्काल जमा कर सकते हैं। इन कार्डों से जुर्माने की रकम जमा करने के लिए पीओएस मशीन लेकर पुलिस व ट्रैफिक विभाग के लोग गाडिय़ों की चेकिंग करेंगे। कार्ड के जरिए जमा की गई जुर्माने की रकम सीधे सरकार के खाते में पहुंच जाएगी। फिर आप के घर या मोबाइल पर चालान का कोई मैसेज तक नहीं जाएगा और न ही रजिस्टर पर दर्ज होगा। जब भी आप चेक करेंगे एक भी चालान आप की गाड़ी पर शो नहीं करेगा।

मिली 75 मशीन, दी जाएगी ट्रेनिंग
हाल ही में लागू की गई इस व्यवस्था के तहत सरकार द्वारा जिले को कुल 75 पीओएस मशीन दी गई है। इसमें से 25 मशीन का प्रयोग ट्रैफिक पुलिस व उसके अधिकारियों द्वारा की जाएगी। शेष 50 मशीनों में हर थाने पर एक-एक मशीन दी जाएगी। इसके बाद बचने वाली मशीन क्षेत्राधिकारियों को भी दिए जाएंगे। बताते हैं कि इस मशीन से कार्ड को स्वैप करने की जवानों को ट्रेनिंग दी जाएगी।


पीओएस मशीन की सुविधा यात्रियों की सहूलियत को देखते हुए शासन द्वारा दी गई है। इससे उन्हें जुर्माना जमा करने के लिए कैश काउंटर पर जाना पड़ता था। अब यदि कार्ड में रुपये हैं तो जुर्माना तत्काल जमा करके लोग काउंटर पर जाने से बच सकेंगे। अमित कुमार, टीआई

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