शराब का धंधा बंद हुआ तो गांजा की तस्करी शुरू कर दिए. बुधवार को 35 लाख के गांजा संग दो तस्कर गिरफ्तार किए गए. तलाशी में इनके पास से 1.40 कुंतल गांजा बरामद किया गया. पकड़े गए गांजा की कुल कीमत करीब 35 लाख रुपये बतायी गयी है. जिस आई-20 कार में गांजा था वह गाड़ी भी कब्जे में ले ली गई है. यह कामयाब एसटीएफ की प्रयागराज टीम को मिली है. टीम द्वारा तस्करों को हंडिया इलाके के नेशनल हाईवे से पकड़ा गया. पूछताछ में मालूम चला कि लाखों रुपये के गांजे की खेल लेकर दोनों गाजियाबाद जा रहे थे. जिले में भी उन्हें किसी को गांजा की सप्लाई करनी थी या नहीं? यह बात क्लियर नहीं हो सकी है.

प्रयागराज (ब्यूरो)। गिरफ्तार किए गए तस्करों में एक का नाम सुरेंद्र कुमार सिंह उर्फ लल्टन निवासी बहरैचा थाना खीरी है। पिछले कई महीने से वह गाजियाबाद स्थित इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के गली नंबर सात हनुमान मंदिर के पास किराए के कमरे में रह रहा था। उसका साथी जयदीप गाजियाबाद के ही साहिबाबाद थाना क्षेत्र स्थित सेक्टर दो राजेंद्र नगर का रहने वाला है। एसटीएम को खबर मिली थी कि आई-20 कार से दो लोग भारी मात्रा में गांजा लेकर जा रहे हैं। सूचना पर सुबह से ही टीम हंडिया इलाके के नेशनल हाईवे-19 पर स्थित एक ढाबे के पास जा पहुंची। टीम मुखबिर द्वारा बताई गई कार की रेकी शुरू कर दी गई। अचानक ढाबे के पास वह कार टीम के जवानों को दिखाई दी। एसटीएफ द्वारा उस कार को ढाबे के पास रोक लिया गया। कार में वह दोनों बैठे थे, जिन्हें जवानों ने दबोच लिया। पूछताछ में वह टीम को भ्रमित करने की कोशिश करने लगे। एसटीएफ के जवान जब कार की तलाशी ली बैक साइड सीट पर व डिग्गी में भरी हुई बोरियां मिली। चेक किया गया तो उसमें गांजा भरा हुआ था। कार में गांजा मिलते ही टीम को मिली सूचना सच साबित हुई। गांजा और कार को कब्जे में लेकर टीम ने दोनों सप्लायरों को गिरफ्तार करके हंडिया थाने लाया गया। यहां उन दोनों से बरामद गांजा की बाबत पूछताछ की गई। इन दोनों के पास से टीम द्वारा लाखों रुपये के गांजा संग आई-20 कार, तीन मोबाइल, दो डेबिट कार्ड, एक आधार कार्ड, एक वाहन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट एवं आठ हजार 970 रुपये कैश बरामद किए हैं।

बस और ट्रेन से गुर्गे लाते थे गांजा
एसटीएफ के मुताबिक गिरफ्तार किया गया सुनील कुमार सिंह ने गांजा तस्करी के राज कबूल किए हैं। बताया कि वह इसके पहले शराब की तस्करी किया करता था। शराब का धंधा मंदा पड़ा तो गांजे की दुनिया में दाखिल हुआ। पांच से सात वर्षों से वह इस काम में लगा हुआ है। सुरेंद्र का घर यूपी और एमपी बार्डर पर है। इसलिए घर से वह शराब की तस्करी का काम आसानी से कर लेता था। बात आम हुई तो पुलिस उस पर प्रेशर बनाने लगी। शराब का धंधा बंद हो गया। इसके बाद वह गाजियाबाद का रुख कर लिया। वहां रहकर सुरेंद्र गांजे के थोक सप्लायर जयदीप से हाथ मिला लिया। इसके बाद वह गाजियाबाद, दिल्ली, नोएडा आदि शहरों में गांजा की तस्करी करने लगा। गांजे की यह खेप वह आंध्र प्रदेश से लाया करता था। आंध्र प्रदेश से गांजा लाने के लिए उसके गुर्गे ट्रेन और बस का इस्तेमाल किया करते थे।

गांजा के साथ पकड़े गए दो सप्लायर बड़े तस्कर हैं। इनके नेटवर्क में कई और लोग जुड़े हुए हैं। इनका डिटेल जुटा लिया गया है। इनकी तलाश के लिए टीमें लगा दी गयी हैं। पूरी कोशिश है कि जल्द से जल्द इन्हें गिरफ्तार कर लिया जाय।
नवेन्दु कुमार, सीओ, एसटीएफ

Posted By: Inextlive