अब अपने मकान का खुद तय करिए हाउस टैक्स
प्रयागराज ब्यूरो । शोरगुल और हंगामें के बीच हुई नगर निगम सदन की दूसरी बैठक में रविवार को पब्लिक हित में दो बड़े फैसले लिए गए। जीआईएस यानी जियोग्राफिक इनफार्मेशन सर्वे पर वसूले जा रहे हाउस टैक्स को समाप्त कर दिया। नगर में स्वकर प्रणाली व्यवस्था के प्रस्ताव को सदन द्वारा हरी झण्डी दी गई। मतलब यह कि अब लोगों को स्वयं अपने मकान का कर निर्धारित करना होगा। जीआईएस सर्वे के तहत बढ़ा हुआ हाउस टैक्स अब मकान मालिकों को नहीं देना पड़ेगा। इसी के साथ जल मूल्य को समाप्त करने का प्रस्ताव भी सदन में पास हुआ। अब उपभोक्ताओं से जलकल विभाग सिर्फ 12 प्रतिशत वाटर टैक्स और 04 प्रतिशत सीवर टैक्स ही ले सकेगा। जल मूल्य व्यवस्था समाप्त किए जाने से भी शहर के लाखों उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी गई। इसी के साथ सदन में शहर के विकास कार्यों को लेकर गहन चर्चा की गई। सदन के सदस्य यानी पार्षदों के जरिए नाला सफाई से लेकर रोड और जलापूर्ति तक पर गंभीर सवाल उठाए गए। सुबह 11 बजे से रात आठ बजे तक चली इस बैठक में दस अरब 69 करोड़ 63 लाख 72 हजार 127 रुपये का अनुमानित बजट के प्रस्ताव को सदन के द्वारा सर्वसम्मति से पास किया गया।
हंगामें के बीच अरबों का बजट पास
अध्यक्षता कर रहे महापौर उमेश चंद्र गणेश केसरवानी ने सदन की प्रक्रिया का शुभारंभ कराया गया। सदन की बैठक शुरू होते ही सर्व प्रथम नगर के विकास कार्यों को लेकर चर्चाएं शुरू हुई। नगर निगम के पार्षदों ने शहर में कराए जा रहे विकास कार्यों पर गंभीर सवाल खड़ा किया। नाला सफाई को लेकर सदन में जबरदस्त आक्रोश दिखाई दिया। पार्षदों ने आरोप लगाया कि नाला सफाई के कार्य में घोर लापरवाही व अनियमितता बरती गई। पार्षदों ने कहा कि नाला सफाई का टेंडर लेने वाली संस्थाएं पब्लिक ही नगर निगम की आंखों में भी खुलेआम धूल झोंक रही हैं। एक भी नाले को पूरी तरह से बीच-बीच बंधा बनाकर नहीं साफ किया गया। सिर्फ वीआईपी इलाकों में चंद दूरी तक नाला साफ करके कोरम पूरा किया गया। बारिश में के पानी में जल भराव और मोहल्लों में बाढ़ के संभावित खतरे का भी मामला इस सदन में जोरशोर से उठा। पार्षदों का कहना था कि नाला सफाई में अनियमिता बरती गई है। इसकी जांच कराने के बाद ही संस्था को पेमेंट किया जाय। सदन की डिमांड पर नाला सफाई की जांच और जिन इलाकों में सफाई नहीं हुई वहां पर अविलंब नाला साफ कराए जाने का प्रस्ताव पास हुआ। नाला के बाद शहर में पेयजल आपूर्ति और सफाई का मुद्दा भी सदन में गर्म रहा। सदन अध्यक्ष का ध्यान आकृष्ट कराते हुए ज्यादातर पार्षदों के द्वारा वार्डों में दूषित व समय पर जलापूर्ति नहीं होने की बात की गई। साथ ही सफाई कर्मियों की लापरवाही व नगर में सफाई कार्य की गुणवत्ता बेहतर नहीं होने पर सवाल उठाया गया। स्वीप स्वच्छता यानी मशीन से रोड पर खर्च किए जाने वाले करोंड़ों रुपये के बजट को समाप्त करके मैन पॉवर से काम कराए जाने की मांग सदन में रखी गई। हालांकि खरीदी जा चुकी मशीन को देखते हुए यह प्रस्ताव पास नहीं हो सका। इसी तरह सड़क से लेकर ट्यूबवेल और हैंडपम्प रिबोर आदि को लेकर पेश किए गए बजट पर भी सदन का रुख काफी तल्ख रहा। पार्षदों का कहना था कि हर साल करोड़ों रुपये इन कार्यों पर खर्च किए जाते हैं। मगर धरातल पर उसका सदुपयोग दिखाई नहीं देता। इस पर सदन में अफसरों के द्वारा पेयजल की व्यवस्था सुदृढ़ करने और हैंडपम्पों के रिबोर सहित दर्जनों को पूरा कराने के लिए 10 अरब से 60 करोड़ से 63 लाख से भी अधिक बजट का प्रस्ताव पास हुआ।
जल मूल्य व स्वकर पर ऐसे हुई चर्चा
दोपहर करीब तीन बजे लंच के बाद सदन में जल मूल्य व जल कर को लेकर चर्चा शुरू हुई।
यह चर्चा शुरू होते ही एक स्वर में सदन जल मूल्य का विरोध शुरू कर दिया। इस मसले में करीब एक घंटे तक तल्ख बहस हुई।
बहस बाद सदन ने सर्व सम्मति से जल मूल्य को समाप्त करते हुए जलकर व्यवस्था लागू करने का प्रस्ताव पास किया।
सदन ने कहा कि एआरवी मूल्यांकन के आधार पर अब सिर्फ जलकर ही वसूला जाएगा।
उपभोक्ताओं से जलकल विभाग करीब साढ़े 12 प्रतिशत का जलकर व चार प्रतिशत सीवर टैक्स ही ले सकेगा।
यह प्रस्ताव पास होते हुए पूरा सदन जीआईएस सर्वे के आधार पर बढ़े हुए हाउस टैक्स पर चर्चा शुरू हो गई।
यह चर्चा सदन में शुरू होते ही हंगामा होने लगा। सदन में मौजूद पार्षदों के द्वारा महापौर को चुनाव में किए गए वादे को भी यादि लिाया।
जिसमें उन्होंने कहा था कि वह जीतने के बाद स्वकर प्रणाली लागू करेंगे। जीआईएस सर्वे के आधार पर बढ़े हुए हाउस टैक्स को को समाप्त करने का प्रस्ताव भी सदन में पास हुआ।
अध्यक्ष महापौर ने कहा कि भवन स्वामी अब खुद अपने मकान का ईमानदारी से मूल्याकन करेंगे।
इसके बाद भवन मालिक के मूल्यांकन पर ही हाउस टैक्स नगर निगम निर्धारित करेगा। कहा कि इसके लिए एक प्रोफार्मा तैयार कर दिया जाय।
ताकि मकान मालिक अपने भवन का स्वयं मूल्यांकन करके प्रोफार्मा नगर निगम में जमा कर सकें।
इस तरह जीआईएस सर्वे से राहत देते हुए भवन स्वामियों को स्वकर प्रणाली की व्यवस्था का प्रस्ताव सदन में पास हुआ।
इस तरह सदन में शहर के लाखों लोगों को राहत देने वाला यह एक बड़ा प्रस्ताव पास हुआ।
सदन ने कहा कि चूंकि जीआईएस सर्वे 2022-2023 से प्रभावी हुई है। इस लिए स्वकर प्रणाली व्यवस्था भी इसी वर्ष से लागू होगी।
स्वकर में फेक सूचना पर होगी कार्रवाई
जीआईएस सर्वे को समाप्त करने के बाद मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके द्विवेदी ने कहा कि लोग अपने मकान की बाबत सूचना गलत दे सकते हैं। ऐसी स्थिति में कर चोरी जैसे हालात उत्पन्न होंगे। लोग सूचना सही ही देंगे इस बात पर भी गौर किया जाय। इस पद सदन ने कहा कि हाउस टैक्स के स्वकर प्रणाली में अपने मकान की सूचना गलत देने वालों पर कार्रवाई होगी। आशंका होने पर ऐसे लोगों के मकानों की जांच कराई जाय। यदि सूचनाएं गलत दी गई हैं तो उस मकान मालिक के खिलाफ कर चोरी की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाय। इस मुद्दे को भी सदन ने सर्वसम्मति से पारित किया। पार्षद पत्नी संग सदन में पहुंचे पति
नगर निगम सदन में की बैठक में रविवार को उस वक्त हंगामा शुरू हो गया जब पार्षद पत्नी के साथ उनके पति भी सदन में मौजूद पाए गए। हंगामा को देखते हुए सदन अध्यक्ष महापौर उमेश चंद्र गणेश केसरवानी ने को हस्तक्षेप करके शांत कराना पड़ा। सदन में हंगामा शांत हुआ तो अध्यक्ष ने महिला पार्षद संग सदन में मौजूद उनके पतियों को बाहर जाने का निर्देश दिया। इस पर पांच पार्षद के पतियों को सदन की कुर्सी छोड़कर बाहर जाना पड़ा। सर्व सम्मति से सदन ने कहा कि बैठक में सिर्फ पार्षद ही मौजूद होंगे। यदि पार्षद महिला हैं तो उनकी जगह उनके पति सदन की बैठक में हिस्सा नहीं ले सकते। इस बात पर गंभीरता से ध्यान दिया जाय।
सदन के द्वारा जीआईएस सर्वे व जल मूल्य को समाप्त करने का प्रस्ताव रखा गया था। प्रस्ताव शहर के डेढ़ लाख से भी ज्यादा लोगों के हित से जुड़ा हुआ था। इस लिए सर्व सम्मति से यह दोनों प्रस्ताव सदन के द्वारा पारित किया गया। अब नगर में हाउस टैक्स पर स्वकर प्रणाली लागू करते हुए जलमूल्य को भी समाप्त करने का प्रस्ताव पारित हो गया है।