- नगर निगम की ओर से अब तक 155 दफन शवों का हुआ अंतिम संस्कार

- गंगा का बढ़ा जल स्तर, घाटों पर दफन शव अब गंगा में डूबने लगे

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कोरोना काल से लेकर अब तक दफन हुए सैकड़ों शवों का हिन्दू रीति-रिवाज से दाह संस्कार नगर निगम की ओर से कराया जा रहा है, वहीं अब गंगा के किनारे दफन शव जल स्तर बढ़ने की वजह से धीरे-धीरे पानी में डूबने लगे हैं। इससे पूर्व नगर निगम की ओर से दफन हुए शव जो गंगा की कटान में दिखने लगे थे, उस क्षत-विक्षत शवों को चिता पर रखकर पूरे हिन्दू-रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जा रहा था।

अब तक 155 दफन शवों का हुआ दाह संस्कार

नगर निगम एक दफन शव के दाह संस्कार के लिए तीन से पांच हजार रुपये व अन्य प्रबंध करता है। फाफामऊ घाट से अब तक 155 दफन शवों का दाह संस्कार कराया जा चुका है। इसके अलावा अन्य घाटों पर भी करीब दर्जन भर दफन शवों का अंतिम संस्कार किया गया है।

गत शनिवार से नहीं हुए दाह संस्कार

गत शनिवार को फाफामऊ घाटों पर गंगा में कटान तेज होने से रेत में दफन किए गए 39 शव पानी में उतरा गए। सुबह से देर शाम तक घाटों पर तैनात 40 डोम ने पानी से बाहर निकालकर शव का अलग-अलग चिता पर दाह संस्कार किया। फाफामऊ घाट पर 39 शव कटान के कारण पानी में आ गए। यह अब तक की एक दिन की सर्वाधिक संख्या है। वहीं छतनाग घाट पर दो शवों का अंतिम संस्कार किया गया। जब से निगम की टीम तैनात की गई है, तब से लेकर अब तक फाफामऊ घाट पर 155 शवों का दाह संस्कार किया जा चुका है। इसी प्रकार छतनाग में कुल सात शवों का अंतिम संस्कार किया गया था।

मजदूर करा रहे दाह संस्कार

डोम ने बताया कि पिछले कई दिनों से मजदूरी के बजाय दफन शवों को निकालकर उनका अंतिम संस्कार करने का काम मिल जा रहा है, जिससे अब उन्हें इधर बीच ईट गारे आदि का काम नहीं करना पड़ रहा है। उन लोगों ने बताया कि वे लोग ठेकेदार के बुलाने पर यहां आते हैं। इसके बाद शवों को निकालकर उनको चिताओं पर रखा जाता है।

अब तक खर्च हुए लाखों रुपये

गौरतलब है कि पिछले दिनों गंगा नदी के विभिन्न घाटों पर दफन हुए शवों को लेकर चर्चा शुरू हुई तो शासन की ओर से घाटों पर शवों को दफनाने, जलसमाधि प्रवाहित करने पर रोक लगा दी गई थी। साथ ही नगर निगम को जिम्मेदारी सौंपी गई कि वह निगरानी रखे। दफन शवों को हिन्दू रीति-रिवाज से दाह संस्कार कराये। उसी के तहत अब तक नगर निगम की ओर से 155 दफन शवों का अंतिम संस्कार किया गया है, जिसमें प्रत्येक शवों को अंतिम संस्कार के लिए पांच लाख रुपये से अधिक खर्च हुए हैं।

शासन की मंशा के अनुसार नगर निगम प्रयागराज की ओर से कोशिश की जा रही है कि जो शव गंगा नदी में आ रहे है, उनका हिन्दू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार कराकर उन्हें मोक्ष दिलाया जाय। साथ ही गंगा को प्रदूषित होने से भी बचाया जा सकता है।

अभिलाषा गुप्ता नंदी, मेयर, प्रयागराज,

Posted By: Inextlive