एएमए के सेमिनार में देशभर से आए डॉक्टर्स ने इलाज की नई विधियों पर की चर्चा


प्रयागराज ब्यूरो । मस्तिष्क से जुड़े आपरेशन में अभी तक मरीज के सिर को खोलना पड़ता था। लेकिन अब ऐसा नही है। हाइड्रोकेफैस जैसे आपरेशन अब इंडोस्कोपी विधि द्वारा किए जा रहे हैं। इमसें सिर में छोटा सा छेद करके सफल इलाज किया जाता है। इसी प्रकार स ब्रेन की इंडोवासकुलर सर्जरी द्वारा कम समय में बेहतर उपचार किया जा रहा है। यह बात एनएससीबी मेडिकल कॉलेज जबलपुर के न्यूरोसर्जरी विभाग के एचओडी प्रो। वाईआर यादव ने कही। वह रविवार को इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के सभागार में आयोजित न्यूरोलाजी हिमेटोलाजी अपडेट 2023 विषय पर आधारित सेमिनार आईएमएसीजीपी 2023 में डॉ। वीके अग्रवाल ओरेशन में बोल रहे थे। सेमिनार में देशभर से आए डॉक्टर्स ने अपनी बात रखी। उन्होंने गंभीर बीमारियों की इलाज की आधुनिक तकनीकों पर चर्चा की। नई दवाईयों से हो रहा बेहतर इलाज


डॉ। केएस नियोगी ओरेशन में बोलते हुए एम्सनई दिल्ली के प्रो। अचल श्रीवास्तव ने मस्तिष्क से उत्पन्न होने वाले कंपन के उपचार पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि इस रोग से ग्रसित रोगियों का इलाज नई दवाओं से संभव है। यह दवाएं मर्ज को बढऩे से भी रोकती हैं। इसी तरह एसजीपीजीआई लखनऊ के एसोसिएट प्रो। पवन कुमार शर्मा ने सड़क दुर्घटना के कारण उत्पन्न हुई मस्तिष्क की चोटों की वर्तमान में लागू उपचार गाइड लाइन पर चर्चा की। बीएचयू की डॉ। निमिषा वर्मा ने कहा कि कैंसर व उसके थेरेपी के बाद होने वाला दर्द असहनीय होते हैं, लेकिन आजकल पेन मैनेजमेंट के विशेषज्ञ पीड़ा पर काबू पाने में काफी हद तक सहायक होते हैं। तो नही है प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरतबीएचयू से आए डॉ। केके गुप्ता ने कह कि डेंगू के उपचार पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि अगर मरीज की प्लेटलेट काउंट दस हजार से अधिक है तो उसे बाहर से प्लेटलेट चढ़ाने की जरूरत नही है। खूब पानी पीने और विश्राम करने से वह ठीक हो जाता है । आजमगढ़ लाइफलाइन अस्पताल के निदेशक डॉ। अनूप कुमार सिंह ने कहा कि कम्प्यूटर और मोबाइल के अधिक उपयोग से सिरदर्द के मामले बढ़ रहे हैं। इससे युवाओं और वृद्धा में तनाव भी बढ़ रहा है। व्यायाम, भोजन और पर्याप्त नींद लेकर सिरदर्द भगाया जा सकता है। आरएमएल लखनऊ से आए डॉ। दीपक कुमार सिंह ने कहा कि स्ट्रोक होने के चौबीस घंटे के भीतर यदि मरीज न्यूरोलाजी सेंटर पहुंच जाता है तो दूरबीन विधि द्वारा इलाज से उसे जल्द राहत मिल जाती है। एएमए सभागार की हुई तारीफ

एएमए अध्यक्ष डॉ। सुबोध जैन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। संचालन में डा। तरु पांडेय, डॉ। विनीता मिश्रा, डॉ। वर्षिा, डॉ। सुबिया, डॉ। अंशुल सिंह, डॉ। विकास श्रीवास्तव और डॉ। अनुभा श्रीवास्तव ने किया। मुख्य अतिथि न्यूरोलाजिकल सोसायटी आफ इंडिया के अध्यक्ष प्रो। वाईआर यादव ने एएमए सभागार की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि एएमए पदाधिकारयों व सदस्या्रें के संयुक्त प्रयास से ऐसा हो सका। विशिष्ट अतिथि एमएलएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो। एसपी सिंह ने कहा कि मेडिसिन के क्षेत्र में उत्कृष्ट शोध से लोगों को अवगत कराना ही सेमिनार का उददेश्य है। इस अवसर पर एएमए सचिव डॉ। आशुतोष गुप्ता, आईएमएसीजीपी के सहायक निदेशक डॉ। राजेश मौर्या, सहायक सचिव डॉ। सुनील सिंह, आयोजन सचिव डॉ। पंकज गुप्ता, वैज्ञानिक सचिव डॉ। अनुभा श्रीवास्तव, सांस्कृतिक सचिव डॉ। विनीता मिश्रा, एमएलसी डॉ। केपी श्रीवास्तव और जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ। वीके सिंह उपस्थित रहे।

Posted By: Inextlive