अब डीसीपी की संस्तुति पर मिलेगा शस्त्र लाइसेंस
प्रयागराज ब्यूरो । इसके बाद शस्त्र के सीमा विस्तार और सत्यापन एवं एड्रेस परिवर्तन के लिए भटक रहे लोगों को भी बड़ी राहत मिलेगी। जबकि लाइसेंसी शस्त्र लेकर रौब गालिब कर रहे अपराधियों पर यह बदलाव भारी पड़ेगा। क्योंकि अब शस्त्र लाइसेंस से सम्बंधित हर प्रकार की फाइलों की संस्तुति तीनों डीसीपी यानी पुलिस उपायुक्त ही करेंगे। वही अपने क्षेत्र के शस्त्र लाइसेंस की फाइलों को संस्तुति करके सीधे डीएम को भेजेंगे। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के द्वारा इन सभी कार्यों की मानीटरिंग की जाएगी। इन्हीं के रिकमेंडेशन पर जिलाधिकारी द्वारा शस्त्रों के लाइसेंस को लेकर आदेश व निर्देश जारी किए जाएंगे। जिले में कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के पूर्व यह सारे अधिकार एसएसपी के पास हुआ करते थे। बगैर एसएसपी की संस्तुति के फाइल डीएम तक नहीं जाया करती थी।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त करेंगे मानीटरिंग
कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने व अपराधियों पर क्विक एक्शन के उद्देश्य से जिले में शासन द्वारा पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू की गई। यह व्यवस्था लागू होने के बाद पुलिस कमिश्नर के रूप में यहां रमित शर्मा की तैनाती की गई। कार्य भार ग्रहण करने के बाद पुलिस कमिश्नर द्वारा शासन के निर्देश व आदेश पर कई बदलाव किए गए। सबसे पहले जिले सर्किल में बढ़ोत्तरी की गई। हर सर्किल में एसीपी की तैनाती की गई। मौजूदा समय में शहर के अंदर छह और जिले भर में तेरह सर्किल है। इस सर्किल में तैनात ऐसीपी के द्वारा 41 थानों की मानीटरिंग की जा रही है। पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद अब शस्त्र लाइसेंस की पुलिस जांच प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। परिवर्तन पर के मुताबिक तीनों डीसीपी अब शस्त्र लाइसेंस की संस्तुति करेंगे। शस्त्रों के लाइसेंस की पुलिस द्वारा की जाने वाली हर स्तर के जांच की मानीटरिंग व रेंडम चेकिंग सीधे अतिरिक्त पुलिस आयुक्त द्वारा की जाएगी। यह आदेश शनिवार की देर रात पुलिस आयुक्त के द्वारा जारी किया गया। जारी किए गए आदेश के मुताबिक अब नवीन शस्त्र आवेदन, सीमा विस्तार, सत्यापन, क्रय और विक्रय तथा शस्त्र समर्पण सहित एड्रेस परिवर्तन, शस्त्र लाइसेंस नवीनीकरण, शस्त्र लाइसेंस के निरस्तीकरण से सम्बंधित कार्यवाही के अधिकार तीनों डीसीपी यानी नगर व गंगानगर एवं यमुनानगर में तैनात पुलिस उपायुक्त को सौंप दिए गए हैं।
यहीं पर रिसीव होंगी फाइलें
जिलाधिकारी कार्यालय से नए शस्त्रों के आवेदन पत्रों की फाइल सम्बंधित डीसीपी यानी पुलिस उपायुक्त नगर, गंगानगर व यमुनानगर जोन कार्यालय भेजी जाएंगी। यहीं पर यह फाइलें रिसीव होंगी।
तीनों डीसीपी यानी पुलिस उपायुक्त प्राप्त आवेदन पत्रों से सम्बंधित फाइलों पर आगे की कार्यवाही यानी जांच पड़ताल के लिए अपने जोन के सम्बंधित थानों को भेजेंगे.
सम्बंधित थाना पुलिस द्वारा अपनी सुस्पष्ट आख्या टिप्पणी के साथ निर्धारित समय में फाइल डीसीआरबी को भेजी जाएगी।
डीसीआरबी के द्वारा अपनी आख्या व टिप्पणी के साथ शस्त्र लाइसेंस आवेदन की फाइल सम्बंधित सहायक पुलिस आयुक्त भेजी जाएंगी।
सहायक पुलिस आयुक्त शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन की इस फाइल को परीक्षण करते हुए सुस्पष्ट आख्या के साथ सम्बंधित पुलिस उपायुक्त नगर, गंगानगर, यमुनानगर जोन को भेजेंगे।
इसके बाद पुलिस उपायुक्त नगर, गंगानगर, यमुनानगर जोन द्वारा सभी आख्या का अच्छी तरह परिशीलन व परीक्षण करते हुए अपनी सुस्पष्ट आख्या अंकित करते हुए निर्धारित समय सीमा के अंदर जिला मजिस्ट्रेट यानी डीएम कार्यालय को भेजेंगे।
शस्त्र लाइसेंस नवीनीकरण के आवेदन की फाइल डीएम कार्यालय से सीधे सम्बंधित थानों को भेजी जाएगी। सम्बंधित थाना पुलिस अपनी स्पष्ट आख्या व टिप्पणी के साथ फाइल निर्धारित समय सीमा के अंदर डीसीआरबी भेजेगी। डीसीआरबी के जिम्मेदार अपनी आख्या व टिप्पणी के साथ फाइल को सहायक पुलिस आयुक्त के पास निर्धारित समय के अंदर भेजेंगे। सहायक पुलिस आयुक्त द्वारा सभी की आख्या का परीक्षण करने के बाद सम्बंधित मजिस्ट्रेट कार्यालय भेजेंगे।
लाइसेंस निरस्तीकरण की ऐसे होगी संस्तुति
शस्त्र लाइसेंस निरस्तीकरण से सम्बंधित फाइल थाना प्रभारी अपनी स्पष्ट आख्या के साथ सहायक पुलिस आयुक्त को भेजेंगे। सहायक पुलिस आयुक्त अपनी स्पष्ट टिप्पणी के साथ फाइल पुलिस उपायुक्त भेजेंगे। पुलिस उपायुक्त द्वारा परीक्षण करके शस्त्र लाइसेंस निरस्त किए जाने के सम्बंध में अपनी सुस्पष्ट आख्या जिला मजिस्ट्रेट को भेजी जाएगी। पुलिस कमिश्नर द्वारा सभी थाना व डीसीआरबी एवं सहायक पुलिस आयुक्त सहित पुलिस उपायुक्तों को नए आदेश पर अमल के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सभी अपने कार्यालय व थाने में नवीन शस्त्र आवेद, सीमा विस्तार, सत्यापन, क्रय व विक्रय, शस्त्र समर्पण, पता परिवर्तन, शस्त्र लाइसेंस नवीनीकरण एवं शस्त्र लाइसेंस निरस्तीकरण से सम्बंधित रजिस्टर बनाकर उनमें सूचनाएं दर्ज करें।
रमित शर्मा, पुलिस कमिश्नर प्रयागराज