बजट में नहीं कुछ खास, व्यापारी निराश
प्रयागराज (ब्यूरो)। व्यापारी पेंशन को लेकर कोई प्रस्ताव न आने से भी व्यापारियों में निराशा है। उनका कहना था कि तमाम व्यापारियों की उम्र 50 साल से अधिक हो चुकी है। व्यापारी पेंशन योजना में शामिल होने की उम्र ही 40 साल तक समेट दी गयी।
खत्म हो जाएगा परंपरागत व्यापार
ई कामर्स कंपनियों की मनमानी लगातार बढ़ रही है। इससे परंपरागत बाजारों में सन्नाटा छाने लगा है। व्यापारियों का कहना है कि इन पर अलग से कर लगाया जाए या नियामक आयोग बनाकर ई कंपनियों पर लगाम लगाई जाए। इस मांग को बजट से पहले रखा गया था लेकिन बजट में इसे भी स्थान नही दिया गया है। कोविड के दौरान व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ था। अब जबकि अर्थव्यवस्था पटरी पर आ गई है, सरकार चाहती तो व्यापारियों को हाउस या वाटर टैक्स में छूट देकर उनके कोविड पीरियड के नुकसान को कुछ कम कर सकती थी। लेकिन, इस पर बात ही नहीं हुई।
इंवेस्टर समिति में साइन किये गये एमओयू से नई इंडस्ट्रीज लगने के संकेत मिले हैं लेकिन इससे होने वाली ऊर्जा की कमी को कैसे पूरा किया जाएगा, यह बजट में नहीं बताया गया। इन्वेस्टर समिट के माध्यम से प्रस्तावित 22 लाख करोड़ से अधिक के निवेश को कैसे पूरा किया जाएगा। इसकी कोई योजना नही है।
महेंद्र गोयल देश अध्यक्ष, कैट
सुशांत केसरवानी, व्यापारी ई कामर्स कंपनियों की वजह से व्यापार ठप होता जा रहा है.् इनकी मनमानी को रोकने के लिए व्यापारियों ने अतिरिक्त कर इन पर लगाने की मांग की थी। सरकार ने सहमति भी जताई थी लेकिन इसके बाद में इसे स्थान नही दिया गया है।
मनीष गुप्ता, व्यापारी इसे अमृत काल का बजट कहा जाएगा। इसे अक्षरश: लागू करना भी सरकार के लिए चुनौती होगा। व्यापारियों की तमाम मांगों पर बजट में ध्यान नही दिया गया है। एमएसएमई अधिनियम 2020 के माध्यम से इकाईयों को 1000 दिन निरीक्षण से छूट दी गई है।
अनूप वर्मा, व्यापारी प्रदेश सरकार द्वारा घोषित नवीन एएमसएमई नीति 2022 में रोजगार सृजन में 15 फीसदी वार्षिक वृद्धि प्रस्तावित है। इसके अलावा व्यापारियों की अन्य मूलभूत मांगों पर भी उप्र सरकार को ध्यान देना चाहिए था। जिसे पूरा नहीं किया गया।
राजीव कृष्ण श्रीवास्तव, व्यापारी
स्टार्ट अप को बढ़ावा दिया जा रहा है लेकिन बैंकों से व्यापार के लिए लोन मिलना अभी भी आसान नही है। इस बारे में सरकार को सोचना चाहिए। शहर की पुरानी बाजारों के विकास पर ध्यान देना जरूरी है।
लालू मित्तल, व्यापारी
अनुज सिंह अयोध्या और चित्रकूट की तर्ज पर प्रयागराज में भजन संध्या स्थल बनाने से कलाकारों को बढ़ावा मिलेगा। महाकुंभ के लिए बजट में प्रावधान अच्छा कदम है। लॉ यूनिवर्सिटी को बजट से मिलने इसके निर्माण में तेजी आएगी।
गौरव मिश्रा, सीए यह बजट जैसे 2024 लोकसभा चुनाव का एजेंडा लगता है। राजकोषीय घाटा 3.48 फीसदी पहुंच जाना चिंता बढ़ाने वाला है। सरकार मेडिकल कॉलेज तो तैयार कर रही है लेकिन, इसका फायदा क्या है जब डॉक्टर्स ही सरकार को अपनी सेवाएं देने को तैयार नहीं है। बेरोजगारों की संख्या कम होना आंकड़ों की बाजीगरी मात्र है।
प्रदीप मिश्र, शहर अध्यक्ष, कांग्रेस
प्रयागराज मेला प्राधिकरण को दिब्य व भव्य महाकुम्भ 2025 के लिए 2500 करोड़ रुपये का बड़ा हिस्सा 625 करोड़ रुपये का प्रावधान इसी बजट में किया जाना बेहतरीन कदम है। मैं सुरेश खन्ना और मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को बधाई देता हूँ।
पवन कुमार गुप्ता