दलती लाइफ स्टाइल व खाने पीने के कई गलत आदतों के कारण अक्सर कई गंभीर बीमारियों से लोग ग्रसित हो जाते हैं. ऐसे में इन बीमारियों के इलाज के लिए सालों तक हमको दवाओं पर निर्भर रहना पड़ता है. इन अंग्रेजी दवाओं के साइड इफेक्ट भी होते हैं. ज्यादातर अंग्रेजी दवाओं का दुष्प्रभाव किडनी और लीवर पर पड़ता है. जिसके कारण कई बार दूसरी बीमारियां घेर लेती है. अंग्रेजी दवाओं के दुष्प्रभाव के कम करने में नेचुलर चीजों के कंपाउंड मददगार साबित होंगे. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के बायोकमेस्ट्री के फार्मासुटिकल बायोकमेस्ट्री लैब में कई ऐसे रिसर्च चल रहे हैं. रिसर्च टीम को लीड कर रहे प्रो. अभय कुमार पाण्डेय दुनिया के दो प्रतिशत टापमोस्ट साइंटिस्ट में शामिल हैं. प्रो. पाण्डेय ने बताया कि उनकी टीम ने इन रोजमार्रा में यूज होने वाले कई ऐसे सामानों पर रिसर्च करके ऐसा कंपाउंड तैयार किया है जो इन अंग्रेजी दवाओं के होने वाले दुष्प्रभाव को कम करने के काफी असरदार है.


रिसर्च में मिले हैं पॉजिटिव रिजल्टप्रो। पाण्डेय ने बताया कि रिसर्च में पता चला है कि इन पौधों से प्राप्त रसायनों का प्रभाव लाइफ स्टाइल एवं जीवाणु जनित बीमारियों के इलाज में भी काफी हेल्पफुल है। साथ ही हृदय रोग, मानसिक रोग, क्षय रोग, डायबिटीज, कैंसर आदि के इलाज में उपयोगी अंग्रेजी दवाओं के दुष्प्रभाव को भी ये कंपाउंड कम करती है। इनमें से कई केमिकल कंपाउंड अंग्रेजी दवाइयों के लंबे समय तक उपयोग करने से उत्पन्न होते हैं। रिसर्च में ये पाया गया कि इनमें से कई दवाओं के अधिक प्रयोग से बॉडी के कई अंगों पर खराब असर पड़ता है।इन कंपाउंड के प्री क्लीनिकल रैट मॉडल्स के रिजल्ट सकारात्मक रहे। इन रिजल्ट को कई शोध पत्रों ने साइट किया है। इनके रिजल्ट पर पर क्लीनिकल ट्रायल भी कई देशों में शुरु हो चुका है।


इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हुए रिसर्च में प्रो। अभय कुमार पाण्डेय के साथ उनकी टीम में डॉ। शिववरदान सिंह, डॉ। आशुतोष गुप्ता, डॉ। रमेश कुमार, अमित कुमार सिंह, रिशा गांगुली, हर्वेश कुमार राना, आकांक्षा पाण्डेय एवं कृतिका जायसवाल शामिल है।प्रो। पाण्डेय ने बताया कि उनके लैब के कई पुरा छात्र प्रतिष्ठित संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

पुराछात्र डॉ। शशांक कुमार वर्तमान में बायोकमेस्ट्री विभाग सेंट्रल यूनिवर्सिटी आफ पंजाब एवं वर्तमान में कार्यरत अमित कुमार सिंह छत्तीसगढ़ द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्त है।

नेचुरल चीजें उनके कंपाउंड बीमारियांकाफी के बीज - क्लोरोजेनिक एसिड- डायबिटीज सहजन की पत्तियां व बीज- मोरिन हाईड्रेड - ट्यूबरक्लोसिसदालचीनी, तेजपत्ता - सिनामेल्डिहाइड - जीवाणु जनित रोगक्लोव आयल (लौंग का तेल) - जीवाणु जनित रोगबाटल ब्रश का पौधे की पत्तियां- कैलिस्टेमोन लैंसियोलेट्स- डायबिटीज व कैंसरबहेड़ा के बीज- इलैजिक एसिड - डायबिटीज, एन्टी-एनफ्लामेटोरीस्क्रुटेलिरिया के पौधे की जड़ - न्यूरोलॉजिकल डिसआर्डर एवं जीवाणु जनित बीमारियांरिसर्च में कई कंपाउंड ऐसे मिले है, जिनका प्री क्लीनिकल ट्रायल में सकारात्मक रिजल्ट मिले हैं। इन रिसर्च को कई रिसर्च पेपर ने साइट किया है। प्रो। अभय कुमार पाण्डेयबायोकमेस्ट्री डिपार्टमेंट, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी एंड एग्जीक्यूटिव एडिटर अतंराष्ट्रीय जर्नल वेजीटॉस

Posted By: Inextlive