हत्या नहीं की, जिंदा गाड़ दिया था कटरा की वृद्धा को
अकेले रहती थी महिला, बेटों ने बसा ली थी अलग दुनियां, पैसा देखकर डोल गयी रिश्तेदार की नीयत
पुराना कटरा निवासी वृद्धा की हत्या में दो गिरफ्तार, तीसरे की तलाश जारीPRAYAGRAJ: शहर के पुराना कटरा की विद्यापति गुप्ता (75) के मर्डर केस में जो राज शनिवार को सामने आए वह काफी सनसनी खेज हैं। कत्ल करने वाले कटरा के ही तीन लोगों का चेहरा बेनकाब हुआ है। हत्यारों ने बेटों से अलग रह रही वृद्धा से मोबाइल पर बात करके विश्वास में लिया और फिर जुट गये उसका खजाना खाली करने में। भरोसा जीतने के बाद उन्होंने तमाम तरीकों से करीब साढ़े चार लाख रुपये वृद्धा से ऐंठ चुके थे। वृद्धा ने पैसों के बारे में पड़ताल शुरू कर दी तो उन पर प्रेशर बन गया था। इसके बाद उन्होंने वृद्धा को निबटा देने का प्लान बनाया और गड़ा खजाना मिलने का झांसा देकर अपने साथ ले गये। हत्या की जगह उन्होंने वृद्धा को जिंदा ही जमीन में गाड़ दिया था।
गोल्ड गिरवी रखकर लिया लोनआरोप है कि शातिरों के हाथ महिला के पास मौजूद गहने नहीं मिले तो उन्होंने गोल्ड लोन लेने का झांसा दिया और अपने साथ लेकर गए। कटरा में ही एक गोल्ड लोन देने वाली प्राइवेट फर्म की ब्रांच में गोल्ड जमा करके दो लाख रुपये लोन भी ले लिया था। यह पैसा भी तीनों ही आपस में बांटकर डकार गए। सिलसिला कई महीने तक चलता रहा। जब महिला रुपये वापस करने की जिद पर अड़ गई तो शातिरों को गर्दन फंसती नजर आई। रुपये वापस न करना पड़े इसके लिए उसकी हत्या का प्लान बना डाले। वृद्धा विद्यापति के कत्ल के प्लान में खुद को सेफ करने का रास्ता भी तीनों इजाद कर लिए थे।
आरोपितों ने किया खुलासाप्लान के तहत आरोपित महिला को झांसा देकर उसके पैतृक घर सोरांव के हाजीगंज ले गए। यहीं हाजीगंज में उसकी हत्या किए फिर और शिनाख्त मिटाने के लिए बॉडी ही दफना दिए। यह सारी बातें कर्नलगंज पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार किए गए धीरज गुप्ता पुत्र हरिश्चंद्र गुप्ता निवासी पुराना कटरा व इसी मोहल्ले के सिद्धू यादव पुत्र अविनाश यादव ने कबूल किया। तीसरा शख्स रिंकू जायसवाल उर्फ रिंकू कचौड़ी पुत्र महादेव निवासी पुराना कटरा अभी पकड़ से दूर है। पुलिस के मुताबिक यही तीनों प्लान के तहत घर से 17 अगस्त को विद्यापति का अपहरण किए। अपहरण के बाद ही उसी गांव में कत्ल की वारदात को अंजाम दिया गया। मां की तलाश में थक चुके बेटे ने 19 अगस्त को थाने में गुमशुदगी की तहरीर दी। रिपोर्ट दर्ज करके पुलिस जांच में जुटी तो तीनों नटवरलाल का चेहरा बेनकाब हो गया।
बेटों से अलग रहती थी महिला कत्ल के इस केस में सामने आए दो शातिरों का मकसद मौके का फायदा उठाते हुए वृद्धा के रुपयों को हड़पना था। शातिरों ने बताया कि महिला के तीन बेटों में लवकुश लखनऊ रहता है। वह वह बिल्डर का काम किया करता है। दो बेटे संजय व अरुण यहीं घर पर ही मां से अलग रहते थे। परिवार में फूट और वृद्धा को अकेले देखकर उनकी नीयत डोल गयी और उन्होंने ठगी की साजिश रची लक्ष्मी टाकीज के पास स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में महिला का अकाउंट था। इसी अकाउंट से रुपये निकलवा कर तीनों बांटे थे। पुलिस बैंक का पासबुक व सारी डिटेल कब्जे में ले चुकी है। उसके खाते में कुल छह लाख रुपये बताए गए। इसमें से 4.50 लाख रुपये शातिर निकलवा चुके थे। झांसा देने के लिए खरीदे नया सिमरिंकू कचौड़ी व धीरज गुप्ता वृद्धा के फोन पर बात करने के लिए दोस्त सिद्धू यादव से ही मोबाइल का नया सिम मंगवाया था। इंस्पेक्टर कर्नलगंज सुरेश सिंह ने कहा कि इसी सिम से दोनों बातें करके महिला को इमोशनल ब्लैकमेल किए। इसी मोबाइल के कॉल डिटेल से पुलिस के हाथ कातिलों के गिरेबान तक पहुंचे। पुलिस ने महिला व इन पकड़े गए दोनों शातिरों के मोबाइल को भी जब्त कर लिया है।
वर्जन गुमशुदगी दर्ज होने के बाद से ही पुलिस महिला की तलाश में थी। मोबाइल के लोकेशन व डिटेल चेक किए गए तो तीनों का नंबर सामने आया। इसी के आधार पर दो जब उठाकर पूछताछ की गई वह पूरी घटना कबूल लिए। भागे हुए शख्स की तलाश जारी है। अजीत सिंह चौहान सीओ कर्नलगंज दीपक बारी हत्याकांड में था शामिल कटरा के रहने वाले दीपक बारी की कई वर्ष पहले कटरा में ही गोली और बम मारकर हत्या कर दी गई थी। इस सनसनीखेज हत्याकांड में धीरज गुप्ता भी नामजद हुआ था। इसके अलावा धीरज पर कई और मामले दर्ज हैं। उस पर गैंगस्टर भी लगा है। साथ ही वह कर्नलगंज थाने का हिस्ट्रीशीटर है। सीओ की सूझबूझ से खुला राज17 अगस्त से विद्यावती के गायब होने पर 19 अगस्त को उनके पुत्रों ने कर्नलगंज थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस चुपचाप बैठ गई। उसने विद्यावती का पता लगाने की जहमत नहीं उठाई। परेशान पुत्रों ने 27 अगस्त को सीओ कर्नलगंज से मदद मांगी। सीओ ने अपने स्तर से छानबीन शुरू की और फिर पूरा मामला चंद ही घंटों में पानी की तरह साफ हो गया।