यूपीपीएससी पीसीएस आरओए/आरओ हैशटैग के साथ एक्स पर अभियान एक्स पर इंडिया में फस्र्ट और ग्लोबली सातवीं पोजीशन पर रहा हैशटैगपेपर लीक के चलते दूसरी बार आयोजित हो रही है आरओ एआरओ परीक्षा

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस और आरओ-एआरओ प्री परीक्षा को दो दिन के स्थान पर एक दिन एक शिफ्ट में कराने की मांग और नार्मलाइजेशन के विरोध में प्रतियोगी छात्रों ने मंगलवार को एक्स पर बड़ी कैंपेन चलायी। प्रतियोगी छात्रों की मुहीम का इंपैक्ट यह हुआ कि दोपहर 12 बजे तक यह टॉप ट्रेंडिंग हैशटैग हो गया। इस पर करीब सवा दो लाख प्रतियोगी छात्र रीपोस्ट और शेयर कर चुके थे। प्रतियोगी छात्रों के सोशल मीडिया पर चल रही कैंपेन के बीच ही उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने मंगलवार को दोपहर के बाद दोनों परीक्षाओं का शेडयूल जारी कर दिया। इसमें दो दिन में परीक्षा कराने की बात कही गयी है। छात्रों ने यूपीपीएससी के इस प्रस्ताव की कड़ी आलोचना की है और चेतावनी दी है कि जरूरत पड़ी तो आंदोलन को आगे भी कांटीन्यू किया जायेगा।

नार्मलाइजेशन के खिलाफ
मंगलवार एक्स (पूर्व में ट््िवटर) पर सुबह यूपीपीएससी पीसीएस आरओ/एआरओ हैशटैग के साथ शुरू हुआ अभियान देश में लगातार टाप ट्रेंड करता रहा। इंटरनेशनल ट्रेंड में यह सातवें स्थान पर रहा। शाम पांच बजे तक 2.5 लाख प्रतियोगी छात्रों ने एक्स पर पोस्ट अभियान से जुड़े और दो दिवसीय परीक्षा और नार्मलाइजेशन का मुखर विरोध किया। इससे पूर्व 14 अक्टूबर को भी एक लाख प्रतियोगी छात्र अभियान में शामिल हुए थे।

सरकारी स्कूल ही सेंटर
यूपीपीएससी पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में कराता था।
केंद्र निर्धारण की नई गाइडलाइंस के अनुसार अब केवल सरकारी स्कूलों और संस्थानों को ही परीक्षा केंद्र बनाया जा सकता है।
इसके चलते सेंटर्स की संख्या कम हो गयी तो आयोग तो परीक्षा दो दिन में कराने की योजना बनानी पड़ी है
आयोग ने पीसीएस प्री परीक्षा सात और आठ दिसंबर को दो पालियों में कराना तय किया है
इस बार पीसीएस-2024 में 220 पदों के लिए कुल 5,76,154 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है।
आयोग यह चाहता है कि पहले दिन आधे अभ्यर्थी दो पालियों में परीक्षा देंगे, जबकि बाकी के आधे अभ्यर्थी अगले दिन परीक्षा देंगे।
छात्रों का मुख्य विरोध इस बात पर है कि इस व्यवस्था में नार्मलाइजेशन की आवश्यकता होगी, जो निष्पक्ष मूल्यांकन में बाधा डाल सकता है।
छात्रों को आशंका है कि नार्मलाइजेशन के बहाने परिणामों में पक्षपात हो सकता है, जिससे उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन नहीं हो पाएगा।

आयोग को इस मुद्दे पर जल्द निर्णय लेना चाहिए ताकि छात्र बेवजह की ङ्क्षचताओं से मुक्त होकर अपनी तैयारी पर ध्यान दे सकें।
प्रशांत पांडे, मीडिया प्रभारी प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति

यह सरकार और आयोग के लिए चेतावनी है। अगर जल्द इस पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, तो छात्र बड़े पैमाने पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। प्रतियोगी छात्रों की यह मांग है कि परीक्षा एक ही दिन में आयोजित की जाए, जिससे सभी अभ्यर्थियों का मूल्यांकन समान परिस्थितियों में हो और नार्मलाइजेशन की प्रक्रिया पर निर्भरता खत्म हो।
अशुतोष पांडे, प्रतियोगी छात्र

दो शिफ्ट में परीक्षाओं के आयोजन से नार्मालाईजेशन करना पड़ेगा। नार्मालाईजेशन में अपनायी जानी वाली प्रक्रिया से विसंगतियों की प्रबल संभावना है। पूर्व में भी गोपनीयता के नाम लोक सेवा आयोग में भ्रष्टाचार चरम पर रहा है और सीबीआई जांच भी कराई गई लेकिन अभी तक भ्रष्टाचार के इन मामलों में अभी तक ठोस कदम उठाए नहीं गए। यही वजह है कि इस मामले में भी युवा आयोग के आश्वासन पर भरोसा नहीं कर रहे हैं।
अनिल सिंह अध्यक्ष, युवा मंच

नोटिफिकेशन से कुछ बातें स्पष्ट कुछ अस्पष्ट
अब मुख्य परीक्षा के लिए चयन परसेंटाइल के आधार पर होगा।
परसेंटाइल में आठ अंक होंगे और दशमलव के बाद 6 अंक होंगे।
अभ्यर्थी का परसेंटाइल स्कोर बनाते समय उस अभ्यर्थी के शिफ्ट के अभ्यर्थियों से ही तुलना की जाएगी और परसेंटाइल स्कोर बनेगा।
दूसरे शिफ्ट के अभ्यर्थियों या पेपर की कठिनाई के स्तर का प्रभाव अभ्यर्थी के परसेंटाइल स्कोर बनाते समय नहीं पड़ेगा।
परसेंटाइल स्कोर बनाते समय उस शिफ्ट में परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की संख्या को ही लिया जाएगा ना कि उस शिफ्ट फॉर्म भरने वाले अभ्यर्थियों की संख्या।
मेंस के लिए चयन की कट ऑफ परसेंटाइल के आधार पर होगी। उदाहरण के लिए आयोग की कट ऑफ इस तरह होगी है कि जनरल में 94.123456 से ऊपर के परसेंटाइल वाले अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा के लिए पास होंगे।
आयोग की नोटिस से संभवत: प्रतीत होता है कि आयोग को यूपीएसएसएससी की पेट परीक्षा की तरह प्रत्येक अभ्यर्थी का स्कोरकार्ड देना होगा और परसेंटाइल की कटऑफ बतानी होगी। स्कोर कार्ड में पेट की तरह नॉर्मलाइज स्कोर नहीं होगा।
आयोग बिना स्कोरकार्ड और बिना कटऑफ के ही रिजल्ट निकाल देगा तो यह अभ्यर्थियों के साथ बहुत बड़ा धोखा और अन्याय होगा और अभ्यर्थी अपने प्रदर्शन को लेकर अंधेरे में रहेंगे।
पहले तो अभ्यर्थी आपस में पूछ कर और कोचिंगों की उत्तर कुंजी के आधार पर अपनी परफॉर्मेंस और कट ऑफ अनुमान लगा लेते थे।
अब के नियम के अनुसार बिना स्कोरकार्ड और बिना कटऑफ के अपने प्रदर्शन का अनुमान लगाना कठिन होगा।

Posted By: Inextlive