- वाहनों में नियम के विपरीत प्रेशर हॉर्न लगाना बढ़ रहा फैशन, पुलिस-प्रशासन नहीं कर रहा कार्रवाई

- दस परसेंट ईयर पेशेंट तेज हार्न के चलते डिजीजेस के हो रहे शिकार, कानों का कोटिला व रैनाइटरा जैसे हो रही डिजीज

प्रयागराजइन दिनों शहर में अपने वाहनों में प्रेशर हार्न व मोडिफाइड साइलेंसर लगाने का फैशन फिर से बढ़ रहा है। इसका कारण पुलिस प्रशासन की सुस्ती है। इन पर काफी लंबे समय से इक्का-दुक्का लोगों को छोड़कर पुलिस व प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है। अब इन प्रेशर हार्न और मोडीफाइड साइलेंसर से आम नागरिकों के कान के पर्दे हिल रहे हैं। जिसके चलते पूरा शहर कानफोडू शोर की गिरफ्त में आ गया है। शोर इतना कर्कश होता है कि बुजुर्ग और दिल के मरीजों की धड़कन तेज होती है। शहर के गली मोहल्लों से लेकर बच्चों के पार्क और यहां तक कि अस्पताल के बाहर भी बुलेट और मोडिफाइड टू व्हीलर व चार पहिया वाहन में लगे प्रेशर हॉर्न लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं।

इन डिजीज के हो सकते हैं शिकार

प्रेशर हार्न व साइलेंसर के जरिए बाइकर्स 135-145 डेसीमल तक का ध्वनि प्रदूषण फैला रहे हैं। जो लोगों की सुनने की शक्ति को नुकसान पहुंचा सकता है। कई डिजीज को जन्म दे रहा है। डाक्टर्स की माने तो दस परसेंट तक ईयर पेशेंट की बढ़ोतरी हुई है। जो तेज ध्वनि के शिकार है। तेज ध्वनि के कानों पर अचानक से पड़ने पर कानों का कोटिला तक खराब हो सकता है। इसके साथ रैनाइटरा डिजीज हो सकती है। जिसमें कानों में हमेशा सीटी बजने जैसी आवाज सुनाई देती है। वरटाइगो डिजीज हो सकती है। जिससे चक्कर आने लगते हैं। यही नहीं कानों में ज्यादा तेज आवाज आने से हाई बीपी की भी शिकायत आने लगती है।

मल्टीटोन हार्न भी लगा रहे

मल्टीटोन हार्न एक इलेक्ट्रानिक डिवाइसहै। ये टू व्हीलर व फोर व्हीलर में लगता है। इसमें साउंड बदला जा सकता है। पुलिस सायरन, प्रेशर हार्न, एंबुलेंस हार्न आदि इसमें आते हैं मार्केट में फिल्मी गानों के म्युजिकल हार्न भी है। नार्मली बीप को छोड़कर अन्य सभी हार्न मल्टीटोन हार्न माने जाते हैं

कहां, कब कितना शोर होना चाहिए

जोन - पासिबल डेसीबल लेवल डे - नाइट

इंडस्ट्रियल - 75 - 70

कामर्शियल - 65 - 55

रेजीडेंशियल - 55 - 45

साइलेंस जोन - 50 - 40

क्या करें

- ईयर प्लग्स का यू्रजकरें। इससे कान हाई साउंड से सेफ रहते हैं।

- खुद अवेयर हों। वाहनों में लगे मल्टीटोन हार्न हटाएं और परिचितों के वाहनों से भी हटवाएं।

- अगर किसी गाड़ी में मल्टीटोन हॉर्न लगा दिखाई दे तो तुरंत आरटीओ या पुलिस को सूचित करें

380 से 750 के बीच मिलता है मल्टीटोन

मार्केट में मल्टीटोन हार्न 380 से 750 रुपये के बीच में मिलता है। सायरन की सबसे ज्यादा डिमांड रहती है। सभी मल्टीटोन हार्न 105 से 130 डेसीबल की साउंड कैपेसिटी वाले होते हैं। रूल्स के मुताबिक अस्पताल के आसपास दो सौ मीटर के दायरा साइलेंस जोन माना जाता है। यहां पर 75 डेसीबल से ज्यादा का शोर नहीं हो सकता है। सिटी हर एक एरिया में आठ से दस नार्मल अस्पताल मिल जाएंगे। इन प्रेशर व मल्टीटोन हार्न का कारोबार करने वाले की माने तो एक माह में सिटी के अंदर बीस लाख से अधिक का कारोबार होता है।

नियमों के अनुसार वाहन में 75 डेसीबल से ज्यादा साउंड नहीं होना चाहिए। मल्टीटोन हार्न लगाकर घूम रहे वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। मल्टीटोन हार्न लगाना व बेचना गलत है।

डा। सियाराम वर्मा एआरटीओ प्रशासन

90 डेसीबल से ज्यादा का साउंड

हैल्दी मेन के लिए खतरनाक है। तेज आवाज से कानों का कोटिला खराब हो सकता है। रैनाइटरा डिजीज हो सकती है। जिसमें कानों में हमेशा सीटी बजने जैसी आवाज सुनाई देती है। यही नहीं वरटाइगो डिजीज हो सकती है। जिससे चक्कर आने लगते है।

डा। अरूण गुप्ता, (बीएचएमएस)

प्रेशर हॉर्न व मोडिफाइड वाहनों पर दस हजार रुपये तक जुर्माने की कार्रवाई का प्रावधान है। प्रेशर हार्न को लेकर पहले भी अभियान चलाया गया था। आगे भी कार्रवाई की जाएगी।

हरेंद्र सिंह यादव, इंस्पेक्टर यातायात प्रभारी

ईयर पेशेंट में दस प्रतिशत पेशेंट तेज हार्न के चलते डिजीजेस के शिकार होते हैं। ओपीडी में रोजाना कई मरीज आते हैं। इनमें से कुछ मरीज तेज हार्न व शोर के चलते बीमार होते हैं। ऐसी हरकतों से बचना चाहिए। जिससे दूसरों को शरीरिक परेशानी हो सकती है।

डा। अजय शुक्ला ईएनटी स्पेशलिस्ट

Posted By: Inextlive