प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान एसटीएफ ने पकड़ी थी इन स्कूलों में गड़बड़ीबोर्ड ने पहली बार सेंटर निर्धारण से पहले एसटीएफ से लिया था ओपीनियनफैसला उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद का है. प्रायोरिटी छवि को बेहतर बनाना है. इसके लिए 'दागÓ से मुक्ति पा लेने की कोशिश की गयी है. दाग का कारण था किसी दूसरे के स्थान पर अन्य परीक्षार्थी का शामिल होना. पेपर लीक कराने की कोशिश करना. पेपर आउट कराने की कोशिश करना. सेटिंग करके डमी परीक्षार्थी को बैठाना. जी हां यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए सेंटर बनाने में इस बार फूंक-फूंक कर कदम रखा है. बोर्ड ने अपने तरह से उन स्कूलों को सेंटर न बनाने का इनीशिएटिव लिया है जिनके दामन पर किसी न किसी रूप में पहले से दाग लगा हुआ है. जिला स्तर की कमेटी सेंटर पर फैसला ले इससे पहले ही प्रदेश के सभी जिलों के डीआईओएस को उन स्कूलों की लिस्ट भेज दी गयी है जिन्हें सेंटर नहीं बनाया जाना है. पूरे प्रदेश में ऐसे विद्यालयों की संख्या 432 है. अकेले प्रयागराज जिले के 28 स्कूलों को सेंटर न बनाये जाने वालों की सूची में रखा गया है.

प्रयागराज ब्यूरो । बोर्ड परीक्षा के लिए डिबार किये गये स्कूलों में ज्यादातर को इसलिए बाहर किया गया है क्योंकि इन पर प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान सेटिंग करके खेल करने का आरोप लगा है। इसमें भी राजस्व लेखपाल भर्ती परीक्षा सबसे ऊपर है। इन विद्यालयों पर आरोप है कि उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की सुचिता को दांव पर लगा दिया। बोर्ड ने यह फैसला यूपीएसटीएफ की रिपोर्ट पर लिया है। बोर्ड ने पहली बार एसटीएफ से सेंटर्स के संबंध में रिपोर्ट ली थी। ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि ज्यादातर प्रतियोगी परीक्षाओं में सेटिंग और नकल का खेल पकड़ में आया था। इसका खुलासा एसटीएफ ने किया था। पकड़े गये लोगों से पूछताछ में खुलासा हुआ था कि सेटिंग स्कूल मैनेजमेंट लेवल पर की गयी थी। इससे प्रदेश सरकार की छवि पर असर पड़ा तो बोर्ड ने फीडबैक लेने का फैसला लिया। सूत्र बताते हैं कि नकल माफिया या परीक्षार्थियों के मोबाइल फोन से जो डेटा में बरामद हुआ था, उसमें इन स्कूलों का नाम शामिल पाया गया था। एसटीएफ को जांच में ऐसे साक्ष्य मिले जिनसे संकेत मिला कि यह केंद्र बोर्ड परीक्षा में शामिल किए जाने के लायक नही हैं। एसटीएफ ने अपनी फाइंडिंग के साथ रिपोर्ट गृह विभाग के विशेष सचिव को सौंपी थी। इसे माध्यमिक शिक्षा परिषद को उपलब्ध कराया गया। जिसके आधार पर इन केंद्रों को बोर्ड परीक्षा का केंद्र बनाने से बाहर कर दिया गया है।

इन केंद्रों का नाम सूची में शामिल
आदर्श शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज उत्तरी लोकपुर नैनी
अंकित विद्या निकेतन रामनगर अरैल नैनी
बाल भारती इंटर कॉलेज पीडीए कालोनी नैनी
बाल विकास इंटर कॉलेज ब्लॉक ए चकराना तिवारी चाका नैनी
बाल विकास इंटर कॉलेज ब्लॉक बी चकराना तिवारी चाका नैनी
चेतना गल्र्स इंटर कॉलेज ए करेली जीटीवी नगर
चेतना इंटर कॉलेज अली नगर करेली
डॉ। मुरली मनोहर जोशी इंटर कॉलेज विकास रोड गुरुनानक नगर
गजराज सिंह स्कूल एंड कॉलेज नई बाजार सीओडी रोड नैनी
गुरु माधव प्रसाद शुक्ला इंटर कॉलेज एडीए कालोनी झलवा
ज्ञान भारती इंटरमीडिएट कॉलेज चकदाऊद नगर नैनी
आईडी त्रिपाठी इंटर कॉलेज साकेत नगर हरवारा धूमनगंज
ईश्वर प्रेम विद्या मंदिर इंटर कॉलेज लेबर कालोनी नैनी
लक्ष्मी देवी कांवेंट स्कूल चकदाऊद नगर नैनी
एमडी विद्या मंदिर हाईस्कूल कधाईपुर धूमनगंज
मॉडर्न पब्लिक इंटर कॉलेज आर्य नगर झलवा
मॉडर्न पब्लिक इंटर कॉलेज ब्लाक बी आर्य नगर झलवा
नलिन पब्लिक इंटर कॉलेज ब्लॉक ए असरावल कला झलवा
नलिन पब्लिक इंटर कॉलेज ब्लॉक बी असरावल कला झलवा
रामप्रसाद एकेडमी उच्च माध्यमिक विद्यालय गोविंद पुरम कालोनी सीओडी गेट नैनी
सरस्वती बाल विद्या मंदिर इंटर कॉलेज ब्लॉक ए चकभट्टी रोड चकदाऊद नगर नियर पीएसी कालोनी
सरस्वती बाल मंदिर इंटर कॉलेज ब्लाक बी चकदाऊद नगर नैनी
सरोज देवी बालिका इंटर कॉलेज झलवा
शैल शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज अरैल मोड़ नैनी पूरा फतेहपमोहम्मद
शिप्रा इंटर कॉलेज नियर आईआईआईटी चौराहा
बीपी सिंह बालिका हाईस्कूल चकदाऊद नगर नैनी
श्रीमती डीसिंह सरस्वती एसबीएम इंटर कॉलेज ब्लॉक ए दुर्वानी नगर नैनी
श्रीमती डी सिंह सरस्वती एसबीएम इंटर कॉलेज ब्लॉक बी दुर्वानी नगर नैनी

एसटीएफ ने किया था खुलासा
इसी साल हुई राजस्व लेखपाल भर्ती में एसटीएफ ने नकल का भंडाफोड़ कर अलग अलग शहरों से 23 लोगों को गिरफ्तार किया था। प्रदेश के 12 शहरों में यह परीक्षा कराई जा रही थी। एसटीएफ को पहले से भनक थी कि साल्वर और ब्लूटूथ के जरिए नकल कराई जाएगी। बदले में मोटी रकम वसूली गई है। एसटीएफ ने परीक्षा शुरू होने के बाद धड़ाधड़ कार्रवाई को अंजाम दिया।

बोर्ड आफिस से सूची प्राप्त हुई है। इसके आधार पर चेक किया जा रहा है कि इन विद्यालयों को कहीं केंद्र तो नही बनाया गया है। उन्हीं स्कूलों को सेंटर बनाया जा रहा है जो निर्धारित मानकों को पूरा करते हैं और जिनकी शुचिता पर अभी तक सवाल नही उठा है।
पीएन सिंह
जिला विद्यालय निरीक्षक प्रयागराज

प्रदेश के 432 ऐसे विद्यालयों को पहले ही डिबार कर दिया गया है जिनकी सत्यनिष्ठा संदिग्ध पाई गई है। इन विद्यालयों को परीक्षा केंद्र नही बनाया जाएगा। यह सूची डीआईओएस को सौंपी गई है।
दिव्यकांत शुक्ला, सचिव, यूपी बोर्ड

Posted By: Inextlive