फंड की कमी नहीं, जगह की है तलाश
- तमाम व्यापार संगठनों ने जताई इच्छा, दैनिक जागरण आई- नेक्स्ट के अभियान का बनेंगे हिस्सा
- पहले भी कर चुके हैं कोशिश, लेकिन जगह की कमी से टॉयलेट बनवाने में नहीं मिली सफलता प्रयागराज- महिलाओं के लिए टायलेट बेहद जरूरी है। बाजारों में प्रतिदिन आने वाली हजारों महिलाओं को यूटिलिटी नहीं होने से परेशानी और शर्मिदगी दोनों का सामना करना पड़ता है। खुद व्यापारिक संगठन भी इस बात को बखूबी समझते हैं, उन्होंने पूर्व में कोशिश भी की लेकिन जगह की कमी से उन्हें टायलेट बनवाने में सफलता नहीं मिली। इस बार दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की कैंपेन से उनमें नए उत्साह का संचार हुआ है। वह इस दिशा में एक और कोशिश करना चाहते हैं जिससे महिलाओं को प्रमुख बाजारों में शॉपिंग के दौरान टायलेट के लिए मशक्कत न करनी पड़े। व्यापारिक संगठनों ने दिखाया उत्साहदैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने अपने अभियान को लेकर शहर के प्रमुख बाजारों के व्यापारिक संगठनों से बुधवार को बात की। कटरा, चौक, सिविल लाइंस और सुलेम सराय व्यापार मंडल के पदाधिकारियों से महिलाओं के लिए टायलेट को लेकर किए गए प्रयासों की जानकारी ली। उन्होंने भी इस कार्य में आने वाली समस्याओं के बारे में बताया। कहा कि वह चाहते हैं कि
जल्द से जल्द इस समस्या का निदान किया जाए। इसके लिए वह पुन: प्रयास करने को तैयार हैं। बताया कि उनके पास फंड की कमी नहीं है बस जगह की तलाश है।
1- कटरा मार्केट चार साल पहले किया था प्रयास कटरा मार्केट में रोजाना आने वाली हजारों महिलाओं के लिए टायलेट की व्यवस्था नहीं है। कटरा व्यापार मंडल के पदाधिकारियों का कहना है कि चार साल पहले महापौर को अप्लीकेशन देकर मार्केट में टायलेट बनवाए जाने की कोशिश की गई थी। नगर निगम ने हामी भी भर दी थी लेकिन हमें माकूल जगह नहीं मिल सकी। पूर्व में जो गलियों में टायलेट बने थे उन पर कब्जा हो गया या उनका नामोनिशान मिट गया। यूनिवर्सिटी चौराहे पर बने टायलेट की साफ-सफाई नहीं होने से महिलाएं इसका इस्तेमाल करने से बचती हैं। मनमोहन पार्क का टायलेट साफ है लेकिन वह कटरा मार्केट से दूर पड़ता है। यहां निकल सकता है हल उनका कहना है कि यूनिवर्सिटी रोड का चौड़ीकरण चल रहा है। पीडीए और नगर निगम चाहे तो मिलकर यहां पर जगह बढ़ने से महिलाओं के लिए टायलेट की व्यवस्था कर सकते हैं। व्यापार मंडल के पदाधिकारी इस मामले में आपस में चर्चा कर नगर निगम और पीडीए के सामने प्रस्ताव रखेंगे।कटरा मार्केट में रोजाना आने वाली महिलाएं- 20 से 30 हजार लगभग
दुकानों पर काम करने वाली महिला वर्कर- 2 से 3 हजार वर्जन पूर्व में गलियों में टायलेट बने थे जिनमें महिलाएं जाती थीं। लेकिन अब उनको बंद कर दिया गया है। कई लोगों ने इसमें अपना स्टोर बना लिया है। लेकिन यह समस्या बड़ी है और हम लोग आपस में चर्चा कर जगह की खोज करेंगे। प्रमोद अरोड़ा मोदी, अध्यक्ष, कटरा व्यापार मंडल चार साल पहले मेयर के सामने यह समस्या रखी गई थी। इस पर उन्होंने जगह ढूंढने के लिए कहा था। हमने कोशिश की लेकिन कोई जगह देने को तैयार नहीं हुआ। हम चाहते हैं कि रोड चौड़ीकरण से जो जगह बढ़ रही है उसी पर साइंस फैकल्टी के आसपास महिलाओं के लिए टायलेट का निर्माण हो सकता है। संजय गुप्ता, महामंत्री, कटरा व्यापार मंडल 2- सिविल लाइंस मार्केट जगह उपलब्ध है, प्रशासन चाहे तो बन जाए टायलेटसरदार पटेल मार्ग पर महिलाओं के लिए टायलेट न होना वाकई चिंता की बात है। लेकिन ऐसा नहीं है कि टायलेट बनाने के लिए यहां जगह नहीं है। अगर नगर निगम चाहे तो दो टायलेट बनवा सकता है। सिविल लाइंस व्यापार मंडल के पदाधिकारियों का कहना है कि जब एमजी मार्ग डेवलप हो रहा था तब सुझाव देकर दो टायलेट बनवाए गए थे। एसपी मार्ग के लिए भी महिला पालीटेक्निक की जगह पर दोनों ओर टायलेट बनवाने को कहा गया था लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। अभी भी चाहे तो इस जगह का यूज हो सकता है।
सुरक्षा बढ़ा दें तो होगा भला पदाधिकारियों का कहना है कि एसपी मार्ग पर मल्टी लेवल पार्किंग में टायलेट बना हुआ है। लेकिन इसकी जानकारी लोगों को नहीं है। यह आपरेशनल भी नहीं है। प्रशासन चाहे तो साइनेज लगवाकर सुरक्षा बढ़वा सकती है। इसके बाद इस टायलेट को आपरेशनल कर महिलाओं के लिए चालू करवा दे। पूर्व में भी हमने प्रयास किए हैं लेकिन जगह और फंड की समस्या हमेशा सामने आई है। सिविल लाइंस मार्केट में रोजाना आने वाली महिलाएं- 10 से 15 हजार लगभग दुकानों पर काम करने वाली महिला वर्कर- 1 से 1.5 हजार वर्जनहमारा प्रयास हमेशा से रहा कि महिलाओं को टायलेट की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। पहले प्रयास किए गए लेकिन वह सफल नहीं हो सके। एमजी मार्ग पर सफलता मिल गई लेकिन सरदार पटेल मार्ग अधूरा रह गया। महिला पालीटेक्निक की जगह पर दोनों ओर टायलेट बनवाने के लिए नगर निगम से आग्रह किया जाएगा।
सुशील खरबंदा, अध्यक्ष, सिविल लाइंस व्यापार मंडल इस नेक काम के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं। आपका सहयोग मिला तो जगह की तलाश भी की जाएगी। उम्मीद है लोग जगह उपलब्ध कराने में हमारी मदद करेंगे। एडीए की मल्टी लेवल पार्किंग के टायलेट को भी आपरेशनल कराकर सुविधा दिलाई जा सकती है। शिवशंकर सिंह, महामंत्री, सिविल लाइंस व्यापार मंडल 3- सुलेम सराय मार्केट तो बन चुका होता टायलेट सुलेम सराय मार्केट का भी यही हाल है। यहां के व्यापार मंडल ने पूर्व में मेयर से टायलेट बनवाने का आग्रह किया था। लेकिन कहानी वही थी। नगर निगम ने जगह चिंहित करने की बात कही तो पेट्रोल टंकी के नजदीक ट्रांसफार्मर के बगल वाली जगह चिंहित की गई। लेकिन बाद में जमीन के ओनर हाथ पीछे खींच लिए और टायलेट नहीं बन सका। व्यापार मंडल का कहना है कि फिर से कोशिश की जाएगी और जगह का चयन किया जाएगा। गली का किया जाएगा सर्वे सुलेम सराय व्यापार मंडल के अध्यक्ष की शॉप के सामने एक गली में लोग टायलेट करने जाते हैं। इस गली को पुरुष और अंधेरा होने पर महिलाएं भी यूज करती हैं। पदाधिकारियों का कहना है इस गली का सर्वे कर यहां पर महिलाओं के लिए टायलेट बनवाने की कोशिश की जा सकती है। लेकिन इसके लिए दूसरे पदाधिकारियों से विचार विमर्श और मशविरा करना होगा। वर्जन पिछले कई सालों से कई बार प्रयास किए जा चुके हैं लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी है। सबसे पहले तो कोई जगह देने को तैयार नहीं होता है। कोई नहीं चाहता कि उसके बगल में टायलेट बनाया जाए। मेरे शॉप के सामने एक गली है जिसे बाथरूम वाली गली कहा जाता है। अगर वहां कोई गुंजाइश होगी तो हम जरूर जगह का चयन करेंगे। अतुल केसरवानी, अध्यक्ष, सुलेम सराय व्यापार मंडल पहलवान अखाड़ा से धूमनगंज थाने तक हमारे व्यापार मंडल का क्राइटेरिया लगता है। इस बीच ऐसा नहीं है कि जगह नहीं है लेकिन कोई आगे नहीं आता है। लोग थोड़ा सा सहयोग कर दें तो तत्काल महिलाओं के लिए टायलेट की समस्या हल हो सकती है। सोनू गुप्ता, महामंत्री, सुलेम सराय व्यापार मंडल सुलेम सराय मार्केट में रोजाना आने वाली महिलाएं- 15 से 20 हजार लगभग दुकानों पर काम करने वाली महिला वर्कर- लगभग एक हजार 4- चौक मार्केट विफल रहे किए गए प्रयास शहर के सबसे घना इलाका चौक एरिया में टायलेट बनवाना लोहे के चने चबाने से कम नही है। स्थानीय व्यापार मंडल के पदाधिकारियों का कहना है कि पूर्व में एडीएम सिटी से चौक में टायलेट बनवाने का प्रस्ताव रखा गया था जिसे मंजूरी मिल गई थी। लेकिन हम बनवा नहीं सके। क्योंकि चौक में इसके लिए कहीं जगह नहीं मिली। दो जगह टायलेट हैं लेकिन वहां गंदगी बहुत अधिक है। पहला जीरो रोड गया प्रसाद गोकुल प्रसाद के नजदीक तो दूसरा मोहम्मद अली पार्क के पास है। दोनों टायलेट महिलाओं के जाने योग्य नही हैं। पदाधिकारियों का कहना है कि चौक में टायलेट की बहुत अधिक आवश्यकता है। हजारों महिलाएं यूटिलिटी नही होने पर काफी परेशानी महसूस करती हैं। इसलिए पुन: जगह की तलाश का प्रयास किया जाएगा। चौक मार्केट में रोजाना आने वाली महिलाएं- 40 से 50 हजार लगभग दुकानों पर काम करने वाली महिला वर्कर- 4 से 5 हजार वर्जन दैनिक जागरण आई- नेक्स्ट का यह बेहतर प्रयास है। पूर्व में हमने कोशिश की थी और अब एक बार फिर से जगह के चयन का प्रयास किया जाएगा। चौक में टायलेट का न होना, महिलाओं के लिए काफी सिरदर्द भरा साबित होता है। मो। मुसाब, अध्यक्ष, चौक व्यापार मंडल दो जगह टायलेट बने हैं लेकिन वह काफी गंदे हैं और इनके पास अतिक्रमण भी अधिक है। अगर यह समस्याएं दूर कर दी जाएं तो महिलाओं का भला हो सकता है। मेन चौक में भी एक नया पिंक टायलेट बनना बेहद जरूरी है। दिनेश सिंह, अध्यक्ष, सराफा व्यापार मंडल