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PRAYAGRAJ: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ भवन पर छात्रसंघ बहाली की मांग को लेकर संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में चल रहे आन्दोलन के 204वें दिन स्टूडेंट्स ने ऑफ लाइन क्लास नहीं, तो फीस वापसी को लेकर मांग उठा दी। इसके पहले अनशन स्थल पर यूनिवर्सिटी की ओर से केवल रिसर्च स्कॉलर के लिए यूनिवर्सिटी और हॉस्टल खोलने के निर्णय पर चर्चा हुई। समाजवादी छात्रसभा के जिलाध्यक्ष अखिलेश गुप्ता गुड्डू व उपाध्यक्ष चौधरी संदीप यादव ने कहा कि छात्र अपनी फीस जमा कर चुके हैं, प्रवेश ले चुके हैं तथा अनेकों शुल्क के साथ शिक्षण शुल्क भी जमा कर चुके हैं। ऐसे में उनकी जानबूझकर आफ लाइन कक्षाएं ना चलाना स्थापित मानकों के विपरीत है। कक्षा नहीं तो शुल्क नहीं के मानकों पर यूनिवर्सिटी प्रशासन को छात्रों का सारा शुल्क वापस कर देना चाहिए।

यूनिवर्सिटी को बंद रखना तुगलकी फरमान

अनशन स्थल पर छात्रों को संबोधित करते हुए छात्र नेता हरेंद्र यादव व जितेंद्र धनराज ने कहा कि जब जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, दिल्ली यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी सहित देश के सभी यूनिवर्सिटी खुल चुके है। ऐसे में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी को बंद करने का निर्णय तुगलकी है। क्या इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्र प्राइमरी व जूनियर हाईस्कूल के छात्रों से ज्यादा नाजुक है। जब सरकार के आदेश पर इन स्कूलों को खोल दिया गया, तो इलाहाबाद यूनिवर्सिटी को बंद रखने का निर्णय उचित नहीं है। इस मौके पर छात्र नेता जिया कोनैन रिजवी, राहुल पटेल, अविनाश विधार्थी, सौरभ सिंह, सत्यम कुशवाहा समेत अन्य छात्र मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive