Online Scam: न लिंक, न ओटीपी एकाउंट हो रहा खाली
प्रयागराज ब्यूरो ।न लिंक, न ओटीपी एकाउंट हो रहा खाली। साइबर क्रिमिनलों के नए फंडे ने साइबर सेल के होश उड़ा दिए हैं। साइबर सेल जहां एक ओर साइबर क्रिमिनलों को ट्रेस करने में एड़ी चोटी का जोर लगा दे रहा है, वहीं दूसरी ओर साइबर क्रिमिनल नए नए तरीके इस्तेमाल करके एकाउंट खाली करने में लगे हैं। हाल फिलहाल कई ऐसे मामले आए हैं, जिनमें साइबर क्रिमिनलों ने न लिंक भेजा और न ओटीपी। इसके बावजूद एकाउंट से रकम गायब हो गई। इस नए तरीके के साइबर फ्रॉड का हल निकालने में साइबर सेल कामयाब नहीं हो पा रहा है।
एसडीएओ के चार लाख गायब
सुलेमसराय टेलीफोन कालोनी के रहने वाले अनिल यादव एसडीओ हैं। उनकी पत्नी को हार्ट की प्रॉब्लम है। अनिल यादव नाजरेथ अस्पताल में डा.उमर को अपनी पत्नी को दिखाना चाहते थे। इसके लिए अनिल यादव ने नाजरेथ अस्पताल में फोन किया। वहां से बताया कि ऑन लाइन एप्वाइंटमेंट ले लीजिए। अनिल यादव ने कई बार प्रयास किया, मगर ऑन लाइन एप्वाइंटमेंट नहीं मिला। इस पर अनिल यादव ने हास्पिटल के नंबर पर फिर से फोन किया। वहां से दोबारा ऑन लाइन एप्वाइंटमेंट की बात कही गई। इसके करीब दस मिनट बाद अनिल यादव के मोबाइल पर व्हाट्स एप कॉल आई।
आन लाइन एप्वाइंटमेंट की बात कही
कॉलर ने ऑन लाइन एप्वाइंटमेंट की बात कही। अनिल यादव प्रयास कर रहे थे तो उन्हें कोई शक नहीं हुआ। इस दौरान कॉलर ने एक पीडीएफ फाइल अनिल यादव के व्हाट्स एप पर भेजी। फिर कहा कि पांच रुपये भी भेज दीजिए। अनिल यादव ने पीडीएफ फाइल में अपनी पत्नी की डिटेल भरकर भेज दिया। इसके बाद कॉलर के बताए नंबर पर पांच रुपये भेज दिया। अनिल यादव को बताया गया कि डा.उमर का एप्वाइंटमेंट हो गया है। तय तारीख पर अनिल यादव हास्पिटल पहुंचे तो वहां उनका कोई एप्वाइंटमेंट नहीं था। यह जानकर वह हैरान रह गए। दो दिन बाद अनिल यादव को पैसों की जरुरत पड़ी। उन्होंने ऑन लाइन अपना एकाउंट चेक किया। वह एकाउंट डिटेल देखकर हैरान रह गए। एकाउंट से चार लाख रुपये गायब थे। एकाउंट खाली था। उन्होंने बैंक मैनेजर से शिकायत की। डिटेल पता चला कि उनके एकाउंट से यूपीआई से चार लाख रुपये ट्रांसफर किया गया है। इस बात की शिकायत अनिल यादव ने साइबर सेल से की, इसके बाद धूमनगंज थाने में केस दर्ज कराया।
पांच दिन में ३३ बार ट्रांजेक्शन
वंदना श्रीवास्तव गोविंदपुर में रहती हैं। उनके फोन पे से पांच दिन के अंदर करीब दो लाख अस्सी हजार रुपये कट गए। वंदना श्रीवास्तव को इसका पता ही नहीं चला। न उनके पास कोई लिंक आया और न ही कोई लिंक। वंदना श्रीवास्तव को जब पैसों की जरुरत पड़ी तो उनका एकाउंट खाली था। दो लाख अस्सी हजार कहां गए इसकी जानकारी के लिए वह गोविंदपुर एसबीआई पहुंची। वहां मैनेजर ने बताया कि पांच दिन में ३३ ट्रांजेक्शन के जरिए एकाउंट से पैसे ट्रांसफर किए गए हैं। वंदना श्रीवास्तव हैरान हैं कि उन्होंने फोन पे का इस्तेमाल भी नहीं किया, इसके बाद भी एकाउंट कैसे खाली हो गया।
मोबाइल लॉक, ७० हजार गायब
विपिन पांडेय शिवकुटी में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते हैं। वह परीक्षा के सिलसिले में पटना गए थे। पटना स्टेशन पर विपिन का मोबाइल गिर गया। इसका पता विपिन को तब चला जब वह ट्रेन पर बैठ गए। प्रयागराज आने के बाद मोबाइल गुम होने की शिकायत विपिन ने की। दो दिन बाद वह एटीएम से किराया देने के लिए पैसा निकालने गए। कई बार ट्राई करने के बाद पता चला कि एकाउंट खाली है। विपिन इस बात पर हैरान हैं कि उनके मोबाइल में लॉक लगा था। फोन पे पर भी पासवर्ड था। ऐसे में एकाउंट से पैसे गायब हो सकता है। विपिन ने मामले की शिकायत साइबर सेल में की है। इसके बाद शिवकुटी थाने में केस दर्ज किया गया है।
गुम मोबाइल से ५५ हजार गायब
सत्य प्रकाश शुक्ला सुलेमसराय शेरवानी लेगेसी में रहते हैं। वह पेशे से अधिवक्ता हैं। सत्यप्रकाश शुक्ला सब्जी खरीदने के लिए सुलेम सराय सब्जी मंडी गए थे। इस दौरान उनका मोबाइल गिर गया। वह सब्जी लेकर घर लौटे तो मोबाइल जेब में नहीं था। उन्होंने ऑन लाइन मोबाइल गुम होने की शिकायत कर दी। दूसरे दिन उन्होंने गुम सिम कार्ड नंबर नया ले लिया। करीब चार दिन बाद सत्यप्रकाश को कुछ पैसे की जरुरत पड़ी। उन्होंने ट्रांजेक्शन किया मगर ट्रांजेक्शन फेल हो गया। सत्यप्रकाश ने हाईकोर्ट में एसबीआई में जाकर एकाउंट चेक किया तो पता चला कि उनके एकाउंट से ५५ हजार रुपये गायब हैं।
नए नए हथकंडे अपना रहे साइबर क्रिमिनल
साइबर क्रिमिनल ठगी के नए नए हथकंडे अपना रहे हैं। पार्ट टाइम जॉब, शेयर ट्रेडिंग, क्रेडिट कार्ड अपडेट, नए क्रेडिट कार्ड इश्यू जैसे हथकंडों के बाद बगैर किसी लिंक या ओटीपी के एकाउंट से रकम गायब हो जा रही है। इन शिकायतों से साइबर सेल की मुश्किल बढ़ गई है। साइबर क्रिमिनलों के नए हथकंडों के आगे साइबर सेल का अवेयरनेस प्रोग्राम फेल हो जा रहा है।
- ऑन लाइन पेमेंट आमने सामने ही करें।
- ज्यादा लेनदेन की स्थिति में पासवर्ड बदलते रहें।
- बैंक एप का भी पासवर्ड बदलते रहें।
- एक ही एकाउंट में अपना पूरा पैसा न रखें।