न बढ़ेगा कर, न किसी नए कर का प्रस्ताव
प्रयागराज (ब्यूरो)। जानकारी के अनुसार इस वर्ष कोरोना के असर को ध्यान में रखते हुए नगर निगम ने कर में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की है। इससे नगर निगम की आय में 200 करोड़ रुपये तक की कमी आएगी। नगर निवासियों को इस वर्ष भी पुराने वर्ष की भांति ही प्रॉपर्टी, वाटर और सीवरेज पर टैक्स देना होगा। प्रॉपर्टी पर मौजूदा कर 11 प्रतिशत है। वाटर टैक्स 12 प्रतिशत और सीवरेज पर 4 प्रतिशत कर भरना होगा। बता दें कि प्रतिवर्ष नगर निगम को प्रॉपर्टी कर के जरिए 70 करोड़ रुपये की आय होती है। इस वर्ष अब तक 35 करोड़ रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स वसूला जा चुका है।
वर्ष 2019 में लागू होनी थी नई दरें
कर निर्धारण अधिकारी पीके मिश्रा ने बताया कि प्रत्येक पांच वर्ष में प्रयागराज नगर निगम द्वारा नर्ई कर दर लागू की जाती है। इसमें मौजूदा करों में 5 से 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतर की जाती रही है। वर्ष 2019 में ही नई कर दर लागू की जानी थी लेकिन लागू नही की गई थीं। वर्ष 2020 में कोरोना महामारी से लोगों को राहत देने के कर वृद्धि नही की गई थी। इस वर्ष भी प्रस्तावित बजट में कर में बढ़ावा न करने का निर्णय लिया गया है। इससे निवासियों को राहत मिलेगी। नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इससे निगम की आय में करीब 200 करोड़ रुपये की कमी आएगी। यह भी बताया कि चूंकि दरें लागू नहीं की गईं हैं इसलिए इसे नुकसान नहीं कहा जा सकता। प्रयागराज नगर निगम मे करीब 10 लाख लोग टैक्स पे करते हैैं। इस वर्ष भी उनकी जेब पर कर का बोझ नहीं बढ़ेगा।
नगर निगम जारी सकती है बॉंड
लखनऊ की तरह ही प्रयागराज नगर निगम इस वर्ष बॉंड सेवा शुरू कर सकता है। इसमें नगर निगम बाजार में अपने किसी भी बड़े प्रॉजेक्ट की लिस्टिंग कर उसके शेयर बेंच सकती है। इससे प्रॉजेक्ट के लिए फंड एकत्रित किए जा सकेंगे। हालांकि वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह अभी बेहद शुरुआती दौर में हैै इसलिए इस पर अधिकारिक बयान नहीं दिया जा सकता। दिसंबर 2020 में लखनऊ म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ने 200 करोड़ रुपये तक के बॉंड्स बॉंबे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट कराए थे। इस योजना को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखाई थी। इसके पीछे का मुख्य उद्देश्य आवास और जल परियोजनाओं के लिए धन एकत्रित करना था। इसी तरह प्रयागराज नगर निगम भी इसे लागू करने पर प्लान ऑफ एक्शन तैयार कर रहा है।