अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत होने पर नियत की गई 11 अप्रैल की डेट


प्रयागराज ब्यूरो । अधिवक्ता उमेश पाल मर्डर केश में वांछित 25 हजार की इनामी शाइस्ता परवीन के दो नाबालिग बेटों की रिहाई अर्जी पर मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी। अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत होने के कारण कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली डेट नियत कर दी है। अब इस मामले की सुनवाई नियत की गई डेट 11 अप्रैल को होगी। उसके दोनों बेटों को पुलिस द्वारा बाल संरक्षण गृह राजरूपपुर में दो मार्च को दाखिल किया गया था।

बाल संरक्षण गृह में हैं दोनों
धूमनगंज के सुलेमसराय जयंतीपुर निवासी अधिवक्ता उमेश पाल की 24 फरवरी को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल के दो गनर संदीप निषाद व राघवेंद्र को भी शूटर मौत के घाट उतार दिए थे। इस घटना में अतीक अहमद फैेमिली का नाम आने के बाद पुलिस अतीक अहमद के दो नाबालिग बेटों को उठा ली थी। दोनों को पुलिस कहां रखी है यह बात कई दिनों तक पुलिस किसी को कुछ नहीं बता रही थी। यह देखते हुए शाइस्ता परवीन की ओर से उसके अधिवक्ता ने कोर्ट में अर्जी दिया था। कहा था कि शाइस्ता परवीन के दोनों अवयस्क बेटों को पुलिस कहां रखी है सही पता नहीं बता रही। अदालत के आदेश पर हत्याकांड के विवेचक धूमनगंज इंस्पेक्टर राजेश कुमार मौर्य ने लिखित रूप से कोर्ट को बताया था कि दोनों को राजरूपपुर बाल संरक्षण में दाखिल किया गया है। अब शाइस्ता के अधिवक्ता की ओर से दोनों की रिहाई के लिए कोर्ट में अर्जी डाली गई है। इस रिहाई अर्जी पर सुनवाई के लिए अदालत ने चार अप्रैल की डेट नियत की थी। मगर चार अप्रैल को भगवान महावीर जयंती की वजह से विभागों में बंदी को देखते हुए अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत हो गए। अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से वितर होने के कारण नियत डेट चार अप्रैल मंगलवार को अर्जी पर सुनवाई नहीं हो सकी। अब सुनवाई के लिए कोर्ट के द्वारा 11 अप्रैल की डेट नियत की गई है।

शाइस्ता परवीन के दोनों अवयस्क बेटों की रिहाई अर्जी पर सुनवाई के लिए 11 अप्रैल की डेट नियत की गई है। चार अप्रैल को सुनवाई होनी थी मगर अधिवक्ताओं के न्यायिक से विरत होने के कारण मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी।
गुलाबचंद्र अग्रहरि
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी

Posted By: Inextlive