प्रयागराज पुलिसिंग में बड़ा परिवर्तन भले हो चुका है मगर थानों के हालात अब भी पुराने ही हैं. कमिश्नरेट लागू होने के बावजूद थानों पर पब्लिक की नहीं सुनी जा रही है. थानों में लोगों को इंसाफ नहीं मिलने से वह शहर स्थित सीपी कार्यालय तक आने को मजबूर हैं. हर रोज यहां कई किलोमीटर का सफर करके लोगों को केवल फरियाद सुनाने के लिए यहां आना पड़ रहा है. शुक्रवार को पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचे ऐसे फरियादियों की भी खासी भीड़ रही. दैनिक जागरण आईनेक्स्ट से फरियादियों द्वारा यहां तक आने की वजह थाना पुलिस की उपेक्षा को बड़ा कारण बताया गया. सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों के लोग ही नहीं कई शहर के भी फरियादी ऐसे रहे जिनकी गुहार थानों पर अनसुना किए जाने के बाद वह यहां पहुंचे थे.

छोटी-छोटी शिकायतें भी नहीं हल कर पा रहा थाना, मजबूरी में फरियादियों को आना पड़ रहा शहर
पुलिस कमिश्नर कार्यालय शिकायत करने पहुंचे लोगों ने कहा कि थाने पर नहीं सुनती हैं पुलिस

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचे हर फरियादी की अपनी अलग समस्या थी। सभी यहां हाथ में शिकायती पत्र लेकर इस गरज से पहुंचे थे कि वह पुलिस विभाग के सबसे बड़े अफसर से मिलेंगे और उनकी समस्या हल हो जाएगी। पुलिस कमिश्नर मीटिंग में व्यस्त थे लिहाजा हंडिया एसीपी सुधीर सिंह को यहां पब्लिक की शिकायतों को सुनने के लिए लगाया गया था। बाहर अपने बारे का इंतजार कर रहे दर्जनों फरियादियों का कहना कहा था कि उनकी समस्या का निस्तारण थाना पुलिस के द्वारा नहीं किया जा रहा। शिकायत पर पुलिस द्वारा उनके विपक्षियों का ही पक्ष लिया जाता है। कुछ तो ऐसे भी थे जिन्होंने कहा कि वह कई बार थाने पर ही नहीं एसीपी से भी शिकायत कर चुके हैं। फिर भी आज तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। परेशान होकर वह किराया भाड़ा खर्च करके यहां शुक्रवार को पुलिस कमिश्नर से शिकायत करने के लिए पहुंचे हैं। यहां मौजूद हर व्यक्ति की अपनी अलग समस्या थी। एक तो वह समस्या से परेशान रहे ऊपर से थाना पुलिस की उपेक्षा उनकी परेशानी को बढ़ाने वाली रही। ज्यादातर फरियादियों का कहना था कि वह थाने और चौकी व एसीपी दफ्तार जा कर थक चुके हैं। अब उन्हें इंसाफ की उम्मीद सिर्फ पुलिस कमिश्नर व उनके कार्यालय से ही है। कई तो ऐसे रहे जिन्हें यह मालूम ही नहीं कि उनके इलाके के पुलिस उपायुक्त कहां बैठते हैं। एक सवाल के जवाब में ऐसे लोगों ने कहा कि यही वजह है कि वे पुलिस उपायुक्त से शिकायत नहीं किए और सीधी सीपी कार्यालय चले आए।

फरियादियों ने बताई अपनी व्यथा
फरियाद करने पहुंची हंडिया थाना क्षेत्र के असवां दाउदपुर की उमराई देवी पत्नी तीरथराज की परेशानी महिला प्रधान के पति से सम्बंधित थी। उसने बताया कि प्रधान का पति उसके घर के सामने की जमीन पर कब्जा कर रहा है। इससे उसे आने जाने का रास्ता तक नहीं मिलेगा। कुछ कहने पर वह झगड़ा करने लगता है। थाने पर शिकायत के बावजूद प्रकरण में कोई मदद नहीं की गई।
माण्डा थाना क्षेत्र के मांण्डा की ननकाई पत्नी हरिशंकर की समस्या थोड़ी सबसे हटकर थी। उसके हाथ में एक शिकायती पत्र मौजूद था। पूछने पर उसने कहा कि साहब पड़ोसी दबंग है वह उसके द्वारा पाले गए मुर्गों को जबरिया उठा ले जाता है। विरोध करने पर मारपीट करता है। डॉयल 112 व थाने पर शिकायत के बावजूद समस्या का नहीं हुआ तो वह यहां आई।
रिटायर्ड सिपाही श्यामलाल धूमनगंज पुलिस की उपेक्षा व अपने रिटायर्ड सीओ भाई से परेशान हैं। फरियाद लेकर पुलिस कमिश्नर दफ्तर पहुंचे श्याललाल ने कहा कि वह मूलरूप से कौशाम्बी मंझनपुर अढ़ौली के निवासी हैं। पत्नी कृष्णा देवी के नाम गयासुद्दीनपुर थाना धूमनगंज में खरीदी गई जमीन पर भाई कब्जा कर रहा। थाना पुलिस भी उन्हीं की तरफ बोल रही है।
सरायममरेज खास के निवासी वृद्ध महरानी दीन ने कहा कि बेटा हमारा पड़ोसी दरवाजे पर नाली बना लिया है। जबकि दरवाजा मेरी अपनी जमीन पर है। उसके द्वारा बहाया गया गंदा पानी फैलता रहता है। इससे पूरा परिवार परेशान है। मना करने या रोकने पर वह मारपीट पर आमादा हो जाता है। कहा कि थाने पर शिकायत किया तो दो सिपाही गए थे। इसके बाद पड़ोसी और परेशान करने लगा है।
थक चुके हैं बार-बार चक्कर लगाकर
जिले में राजस्व संबंधी शिकायतों के निस्तारण में भी हीलाहवाली की जा रही है। पीडि़त इस बाबत अधिकारियों से कई बार शिकायत कर चुका है लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। संतोष कुमार तिवारी पुत्र स्व कमला शंकर तिवारी निवासी घूरपुर का आरोप है कि उनकी आरजी नंबर 763 मौजा इरादतगंज तहसील बारा का एक दंबग जो कि कर्मा हेल्थ सेंटर सारंगापुर व एक हास्पिटल का मालिक भी है। पीडि़त का आरोप है कि धोखाधड़ी कूट रचना करके उसने अपने ड्राइवर के नाम बैनामा कराया और उसके बाद पत्नी के नाम धोखाड़ी से बैनामा करा दिया। जब पीडि़त ने इसकी शिकायत की तो दबंगों द्वारा धमकी दी जा रही है। पीडि़त का कहना है कि इसकी शिकायत उसने स्थानीय थाने पर की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं। जल्द ही पलिस उपायुक्त अपने-अपने इलाके में ही बैठकर फरियाद सुनेंगे। फिर पब्लिक को यहां तक जरूरत नहीं पड़ेगी। मौजूदा समय में भी सख्त निर्देश दिए गए हैं कि फरियादियों की समस्याएं थाने स्तर पर गंभीरता से सुनी और निस्तारित की जाय। यदि थाने पर लोगों को कोई दिक्कत आ रही तो वह अपने एसीपी से शिकायत करें। जांच करके हर संभव कार्रवाई की जाएगी।
रमित शर्मा, पुलिस कमिश्नर प्रयागराज

Posted By: Inextlive