इस नाम की कोई कोचिंग नहीं, फिर भी सील
प्रयागराज ब्यूरो । कोचिंगों की जांच पड़ताल के नाम पर केवल कागजी कोरम पूरा किया जा रहा है। जबकि सच्चाई का कार्रवाई से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है। पीडीए के कर्मचारी से लेकर अफसर किस कदर आंख बंद करके कार्रवाई करने पर उतारु हैं। ये मामला इसका उदाहरण है कि जिस नाम की कोई कोचिंग ही नहीं है। उस नाम की कोचिंग को पीडीए ने सील दिखा दिया। हैरत है कि बिल्डिंग में नोटिस भी चस्पा कर दी। अपना बैनर भी टांग दिया। ऐसे में अब पीडीए की ये कार्रवाई चर्चा का विषय बन गई है। हैरत है कि मौके पर पहुंचे पीडीए की टीम ने क्या देखा जो इतनी बड़ी गलती कर बैठी।
ये है मामला
कर्नलगंज थाने के सामने एक बिल्डिंग है। जिसके बेसमेंट में प्रगति क्लासेज और टेंसर एकेडमी चल रही थी। जबकि ग्राउंड फ्लोर पर सुपर क्लाइमेक्स कोचिंग की क्लास चलती है। पीडीए की टीम बिल्डिंग की जांच पड़ताल के लिए पहुंची। बेसमेंट में क्लास चलने की पड़ताल होने के बाद पीडीए ने नोटिस जारी कर दिया। इसके बाद नोटिस को बेसमेंट के पास चस्पा कर दिया। अपना बैनर भी टांग दिया।
नोटिस में दर्ज कोचिंग का पता नहीं
पीडीए ने जो नोटिस बेसमेंट में चस्पा किया है, उसमें सुपर क्लासेज कोचिंग सेंटर लिखा है। जबकि बिल्डिंग में सुपर क्लाइमेक्स, प्रगति क्लासेज और टेंसर एकेडमी खुली थी। अब बड़ा सवाल ये है कि आखिर पीडीए की टीम ने क्या जांच की, क्या पड़ताल की। और क्या देखकर कोचिंग का नाम नोटिस में दर्ज किया। जबकि नोटिस में जिस कोचिंग का नाम लिखा गया है उस नाम की कोचिंग उस बिल्डिंग में चलती ही नहीं है।
बेसमेंट में बंद हो गई क्लास
बिल्डिंग के बेसमेंट में एक तरफ प्रगति क्लासेज का बैनर लगा था। जिसमें रिजवान नाम लिखा था। बेसमेंट में दूसरी तरफ टेंसर एकेडमी का बैनर लगा था। इस बैनर में अभिषेक का नाम लिखा हुआ था। बेसमेंट में चल रही कोचिंगों की जांच पड़ताल शुरू हुई तो दोनों कोचिंग संचालक अपना सामान समेट कर दूसरी जगह कोचिंग को शिफ्ट कर दिया। बेसमेंट में चल रही दोनों कोचिंग अब वहां पर बंद हो चुकी है। जबकि ऊपरी हिस्से में चल रही सुपर क्लाइमेक्स कोचिंग संचालित है।
आठ को बुलाया है पक्ष रखने को
पीडीए ने जो नोटिस बेसमेंट में चस्पा की है, उसमें देवेंद्र प्रसाद सिंह को आठ अगस्त को अपना पक्ष रखने के लिए पीडीए बुलाया गया है। नोटिस में प्रयागराज विकास प्राधिकरण से अपेक्षित अनुमति प्राप्त किए बिना बेसमेंट का व्यवसायिक उपयोग किए जाने की बात कही गई है।
जिस नाम की कोचिंग का नोटिस जारी किया गया है। उस नाम की कोई कोचिंग बिल्डिंग में नहीं चलती है। बेसमेंट में दो कोचिंग चलती थी, उन दोनों कोचिंग के नाम से नोटिस जारी नहीं की गई है।
शफीक, सुपर क्लाइमेक्स, कर्नलगंज ये तो पीडीए की अंधेरगर्दी है
- टीम ने जांच के दौरान क्या देखा।
- टीम ने बेसमेंट में लगे बैनर के आधार पर कार्रवाई क्यों नहीं की।
- नोटिस जिस कोचिंग को जारी की गई वह कोचिंग वहां है ही नहीं।
- अब पीडीए किस आधार पर करेगा आगे की कार्रवाई
- पीडीए के अफसर पड़ताल करने गई टीम पर क्या करेंगे कार्रवाई। नहीं उठा सचिव का फोन
पीडीए टीम की यह कार्रवाई बेहद ही आपत्तिजनक है। पीडीए टीम ने जो मनमानी की है, उस पर पीडीए का पक्ष जानने के लिए पीडीए सचिव अजीत सिंह को फोन किया गया। मगर सचिव अजीत सिंह का फोन रिसीव नहीं हुआ।