बंद बोतल में 'मौत' बेच रहा 'पड़ोसी'
प्रतापगढ़ का कुंडा और बाघराय एरिया बन चुका है अवैध शराब की सप्लाई का केंद्र बिन्दु
शराब माफियाओं के खिलाफ एडीजी का चला हंटर, जांच में कई राज आए सामनेक्कक्त्रन्ङ्घन्द्दक्त्रन्छ्व: जिले के हंडिया में शराब से हुई 16 लोगों की मौत के बाद पुलिस माफियाओं की जड़ खोजने में जुट गई है। अब तक चली तफ्तीश में कई राज निकल कर अफसरों के सामने आए हैं। मालूम चला है कि अवैध शराब की सप्लाई का प्रतापगढ़ जिला हब बन चुका है। प्रतापगढ़ के बाघराय सकरदहा और कुंडा एरिया अवैध सप्लाई का मुख्य केंद्र बन चुका है। ज्यादातर अवैध शराब जिले में यहीं से सप्लाई की जा रही है। प्रदीप उर्फ गुड्डू नाम एक शराब माफिया का नाम सामने आया है। वह भी प्रतापगढ़ जिले का ही रहने वाला है। अफसरों को मालूम चला है कि यह गांव के इंट्री प्वाइंट व घर के चारों तरफ कैमरे लगवा रहा है। पुलिस या आबकारी टीम के गांव पहुंचते ही उसे मालूम चल जाता है। वह शराब बनाने व बोतलों में पैकिंग का भी काम किया करता है। अब पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए सही ठिकाने और वक्त के इंतजार में है। शराब को लेकर बेहद गंभीर हुए एडीजी जोन ने प्रतापगढ़ पुलिस को भी उसकी मानीटरिंग व गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं।
इंट्री प्वाइंट पर चेकिंग के सख्त आदेश प्रतापगढ़ जिले से सटे कौशाम्बी स्थित कड़े मानिकपुर एरिया से होते हुए हाईवे सीधे हंडिया को जाता है। अफसरों का मानना है कि हंडिया में प्रतापगढ़ से अवैध शराब की सप्लाई इसी रास्ते से हो रही है। इस आशंका को देखते हुए सम्बंधित क्षेत्राधिकारियों के प्रतापगढ़ से प्रयागराज के इंट्री प्वाइंट पर सख्त चेकिंग के निर्देश दिए गए हैं। एडीजी द्वारा कराई गई गोपनीय जांच में यह भी तथ्य सामने आया है कि जिले में सैकड़ों की संख्या में शराब माफिया हैं। जिनके जरिए अवैध शराब की सप्लाई की जा रही है। इनकी सेटिंग आबकारी के सरकारी दुकानों के संचालकों से है। यही वजह है कि माफियाओं द्वारा मंगाई गई शराब को वे दुकानों से ग्राहकों के हाथ सेल कर रहे हैं। सरकारी दुकान के संचालक अवैध शराब को क्यों बेचने में रुचि रखते हैं यह रहस्य जानने से पहले ये बात समझ लीजिए कि और क्या-क्या शराब माफिया कर रहे हैं। मिथाइल अल्कोहल का हब है फतेपुरछानबीन में अधिकारियों को यह भी मालूम चला है कि रामपुर जिले में स्थित एक फैक्ट्री से स्प्रिट चोरी होने की शिकायतें पूर्व में आती रही हैं। सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं इस सम्बंध में वह राजपुर की पुलिस से व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर जानकारी हासिल करें। जिस कंपनी की बात कर रहे हैं वह न तो बोतल बनाती है और न ही रैपर का निर्माण करती है। ऐसे में वहां चोरी की संभावना और भी बढ़ जाती है। जांच में पता चला है कि जनपद फतेहपुर में मिथाईल अल्कोहल उतारकर कुछ ढाबों पर डंप कर दिया जाता है। जिसका उपयोग नकली शराब बनाने में किया जाता है। यह मामला संज्ञान आने के बाद एडीजी ने फतेहपुर एसपी को ढाबों पर चेकिंग के सख्त निर्देश दिए हैं।
जानिए वैध दुकान पर अवैध शराब क्यों अब आइए आप को बताते हैं कि आखिर जिले में सरकारी दुकान के संचालक माफियाओं की अवैध शराब क्यों बेच रहे हैं दरअसल यह पूरा खेल कमीशन और अवैध शराब की बिक्री कर रातों रात लखपति बनने का है इसे आप ऐसे समझिए कि जो सरकारी देशी शराब की जिस बोतल का रेट 40 रुपये है, वही माफिया इन्हें 20 से 25 रुपये में देते हैं अब एक बोतल पीछे सरकारी दुकान के संचालक को सीधे बीस से 15 रुपये आराम से बच जाते हैंइसी बचत की लालच में सरकारी दुकानदार माफियाओं की अवैध शराब अपने दुकान से बेच रहे हैं
हाल ही में चलाए गए चेकिंग अभियान के दौरान सरकार दुकानों पर मिली अवैध शराब इस बात के पुख्ता सुबूत भी हैं प्रयागराज ही नहीं जोन के किसी भी जिले के शराब माफिया बख्शे नहीं जाएंगे। सभी की सख्त छानबीन कराई जा रही है। अब तक कराई गई जांच में कई बातें सामने आई हैं। जिस पर एक्शन लिए जा रहे हैं। प्रेम प्रकाश, एडीजी जोन