मिशन चंद्रयान-3 की टीम में नेहा के शामिल होने पर घरवालों ने जताई खुशी बधाई का लगा तांताएमएनएनआईटी से की थी एमटेक की पढ़ाई मिला है गोल्डमेडल

प्रयागराज (ब्यूरो)।प्रयागराज के गौरव में एक और नया अध्याय जुड़ गया है। यहां की रहने वाली एक साइंटिस्ट नेहा अग्रवाल ने प्रयागराज का नाम पूरे देश में रोशन कर दिया है। साइंटिस्ट नेहा मिशन चंद्रयान-3 की टीम में शामिल हैं। मिशन चंद्रयान-3 की लांचिंग सफल हुई तो नेहा के घरवालों की खुशी का ठिकाना न रहा। नेहा और उनके परिवार को जानने वालों की बधाई का सिलसिला रुक नहीं रहा है। नेहा के घरवाले अपनी बेटी की इस उपलब्धि से बहुत खुश हैं।
साधारण परिवार से साइंटिस्ट का सफर
सिविल लाइंस में रहने वाले संजय कुमार अग्रवाल इंडियन बैंक में स्पेशल असिस्टेंट थे। पिछले वर्ष संजय अग्रवाल रिटायर हो गए। उनके परिवार में पत्नी गर्वमेंट टीचर हैं। दो बेटी नेहा और प्रांजलि, एक बेटा पुनीत है। संजय अग्रवाल ने अपने बच्चों को पढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं रखी। समय गुजरता रहा। संजय अग्रवाल और उनकी पत्नी की मेहनत रंग लाई। पढऩे में तेज बड़ी बेटी नेहा अग्रवाल इसरो में साइंटिस्ट हो गई। दूसरी बेटी प्रांजलि अग्रवाल बंगलुरु
की एक कंपनी में एप्लीकेशन इंजीनियर है और बेटा पुनीत भी नोएडा की एक कंपनी में इंजीनियर है।
एमएनएनआईटी से किया एमटेक
नेहा अग्रवाल ने अपनी स्कूलिंग जीएचएस से की। इसके बाद एमएनएनआईटी में बीटेक में एडमीशन लिया। पढऩे में बेहद तेज नेहा का रिजल्ट हमेशा अव्वल दर्जे का रहा। जिसका नतीजा ये हुआ कि नेहा को एमटेक में गोल्ड मेडल मिला। बेटी की इस सफलता से पूरा परिवार फूला नहीं समाया। 2017 में नेहा का एमटेक कंप्लीट हुआ। और इसी वर्ष जून में इसरो बैंगलोर में नेहा की ज्वाइनिंग हो गई। इलेक्ट्रानिक्स एण्ड कम्यूनिकेशन में साइंटिस्ट नेहा जब मिशन चंद्रयान-3 की टीम में शामिल की गईं तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। आखिरकार कई महीने की मेहनत के बाद वो घड़ी आ ही गई जब मिशन चंद्रयान-3 की लांचिंग होनी थी।
टीवी पर नजर टिकाए बैठा था परिवार
शुक्रवार की दोपहर को मिशन चंद्रयान-3 की लांचिंग होनी थी। संजय अग्रवाल का पूरा परिवार टीवी पर नजर लगाए बैठा था। जैसे ही चंद्रयान ने उड़ान भरी पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। रात में बेटी से बात हुई तो पूरे परिवार ने नेहा को फोन पर बधाई दी।

बैंककर्मियों ने दी बधाई.
संजय अग्रवाल और उनकी बेटी नेहा के बारे में जानने वाले तमाम लोगों का फोन आने लगा। संजय अग्रवाल अभी इंडियन बैंक स्टॉफ एसोसिएशन के चेयरमैन हैं। उनके एसोसिएशन के कर्मचारी नेता मदन उपाध्याय समेत तमाम बैंककर्मियों और नात रिश्तेदारों ने बधाई दी।

बेटी नेहा हमेशा बड़ी बड़ी बातें करती थी। तब लगता था कि बेटी कहीं असफल हुई तो क्या होगा। मगर जब उसका सेलेक्शन इसरो में हुआ तो बेटी की इस कामयाबी से हम लोगों का कांफिडेंस भी हाई हुआ। बेटी की इस उपलब्धी से पूरा परिवार खुश हैै।
संजय अग्रवाल
नेहा के पापा

नेहा बचपन से ही अलग करना चाहती थी। हम लोगों ने हर संभव उसको सपोर्ट किया। वह पढऩे में तेज रही। इसरो में सेलेक्शन लेकर उसने आपको साबित किया। ये हमारे परिवार के लिए बहुत बड़ी बात है कि हमारी बेटी देश के विकास में अपना योगदान दे रही है।
वंदना अग्रवाल
नेहा की मम्मी

Posted By: Inextlive