माता लक्ष्मी के साथ सरस्वती को स्थान देने की जरूरत
प्रयागराज- एसएस खन्ना गल्र्स डिग्री कालेज में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन हुआ। रविवार को इसका दूसरा दिन रहा। छात्राओं ने सब से पहले समूह गीत 'सब सौंप दो प्यारे प्रभु को सब सरल हो जायेगाÓ की प्रस्तुति दी। इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रो। एमएम गोयल ने कहा, भारतीय उत्पादक से उपभोगकर्ता बन गए हैं। भारत की अर्थव्यवस्था में लक्ष्मी के साथ सरस्वती को भी स्थान दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने सादा जीवन च्च्च विचार को आगे बढ़ाते हुए , केवल उन्हीं विचारों पर ङ्क्षचतन किए जाने की जरूरत है, जो हमारे नियंत्रण में हों। यह भी कहा कि गीता आधारित नीडोनॉमिक्स के साथ भारतीय ज्ञान प्रणाली शिक्षार्थियों के बीच पहचान और गौरव की भावना को बढ़ावा देने के लिए रणनीतिक कदम है। नीडो लाइफस्टाइल के लिए गीता आधारित नीडोनोमिक्स को समझने के लिए अध्याय नौ के श्लोक संख्या 22 पर आधारित एलआईसी ऑफ इंडिया के लोगो Óयोगक्षेमम वहाम्यहमÓ का उल्लेख किया। कहा, नीडोनोमिक्स सामान्य ज्ञान ²ष्टिकोण को नैतिक, अङ्क्षहसक, पर्यावरण के अनुकूल और आध्यात्मिक प्रकृति का बताया गया है। डा। वीपी शाही ने वैदिक कृषि का भारत से लेकर जर्मनी तक की यात्रा को साझा किया। डा। राजेश मिश्र ने भारतीय ज्ञान परंपरा की ऐतिहासिकता को वैश्विक परि²श्य में समझाया। इस अवसर पर प्राचार्या प्रो। लालिमा ङ्क्षसह ने अतिथियों का स्वागत किया। प्रो। रितु जायसवाल, डा। ज्योति बैजल, डा। मरियम तारिक उस्मानी, न्यायमूर्ति अरुण टंडन, अमित खन्ना, प्रो। प्रहलाद कुमार, डा। राजेश मिश्र, प्रो। मीनू अग्रवाल, प्रो। रितु जायसवाल, डा। शिव शंकर श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे। दो दिन में कुल 152 शोध पत्र पढ़़े गए। देशभर के शोधार्थी आयोजन का हिस्सा बने। उत्कृष्ट प्रपत्रवाचन के लिए हिमांशु टंडन, डस। शुमिता सहगल, डा। नित्या त्रिपाठी, रश्मि बाचपेयी, मोहिनी शुक्ला, सृष्टि मोदनवाल, अशुतोष द्विवेदी, शबनम बानो, डा। प्रियंका शर्मा, डा। प्रियंका गुप्ता, डा। शिवांगी शिवी, डा। अंजली मौर्या को प्रमाणपत्र एवं ट्राफी देकर सम्मानित किया गया।