कला संस्कृतियों के विरासत को संजो रहा एनसीजेडसीसी
प्रयागराज (ब्यूरो)। हमारा देश अनेकता में एकता का अनूठा मिसाल है। विभिन्न क्षेत्रों में विविध कला का जन्म एवं पोषण हुआ है। इसके अलग-अलग क्षेत्रों में विविध कलाएं विकसित हुयी हैं। बहुत सी लोक कलाएं विशेषकर ग्रमीण अंचलों में मिलने वाली कलाएं पहचान न मिलने व लिपिबद्ध न होने से विलुप्त होती जा रही हैं। संस्कृति एवं कला के उत्थान हेतु स्थापित उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र 38 वर्षों से कला संस्कृति एवं जनजाति कलाओं का संवर्धन व संजोने का काम कर रहा है। उक्त बातें उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, प्रयागराज, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा नवीनीकृत प्रेक्षागृह का उद्घाटन के अवसर पर डॉ। सुधीर महादेव बोबडे, अपर मुख्य सचिव माननीय राज्यपाल ने कही।
कला संस्कृतियों पर शोध की जरूरत
प्रेक्षागृह का उद्घाटन करते हुए अपर मुख्य सचिव ने कहा कि संगम नगरी में कला को समर्पित नवीकृत प्रेक्षागृह का उद्घाटन बड़े हर्ष का विषय है। ऐसे में कला एवं संस्कृति के उत्थान हेतु शोध के माध्यम से ध्यान देना होगा।
गिनाईं विशेषताएं
संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से अद्यतन प्रकाश एवं ध्वनि यंत्रों से सुसज्जित किया गया है।
विगत 3 वर्षों से गणतंत्र दिवस के परेड में वंदे भारतम, काशी तमिल संगमम एवं जी-20 का सफल आयोजन करता रहा है।
केंद्र की त्रैमासिक पत्रिका कला संगम का पुन: प्रकाशन शुरू किया गया है यह निश्चय ही कलाप्रेमियों के लिए प्रसन्नता कि विषय है।
निदेशक को दी बधाई
कार्यक्रम के दौरान वर्चुअल रूप से जुड़ीं
अमिता सारभाई संयुक्त सचिव, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार ने केंद्र निदेशक प्रो। सुरेश शर्मा को बधाई देते हुए कहा कि संस्कृति मंत्रालय समस्त जोनल कल्चरल सेंटर के आधारभूत ढांच को मजबूत कर रहा है। कार्यक्रम के दौरान मंडलायुक्त
विजय विश्वास पंत, जिलाधिकारी नवनीत
सिंह चहल द्वारा जल भरो कार्यक्रम किया गया
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति
उद्घाटन समारोह के दौरान विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। जिसमें ट्रडिसी ग्रुप के बच्चों द्वारा गणेश वंदना पर मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति दी गई। इसके बाद पपीहा देसाई दिल्ली द्वारा कलर्स ऑफ इंडिया की प्रस्तुति दर्शकों को खूब भाया।