अतीक के बेटे और गुर्गे को मार गिराने वाली पुलिस टीम को मिलेगा एवार्डअसद और गुलाम का झांसी में हुआ था काउंटरउमेश पाल हत्याकांड में आरोपित थे असद और गुलामकाउंटर में शामिल रहे दो डिप्टी एसपी समेत छह को मिलेगा पुरस्कार

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। उमेश पाल हत्याकांड के दो आरोपितों असद और गुलाम का काउंटर करने वाली एसटीएफ टीम को गैलेंटरी एवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। एसटीएफ की टीम ने दोनों को झांसी में मार गिराया था। उमेश पाल की हत्या के बाद दोनों मोस्ट वांटेड थे। दोनों को एसटीएफ ने झांसी में घेरा। इस दौरान दोनों ने बाइक से भागने की कोशिश की। फिर एसटीएफ टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। आखिरकार जान बचाने के लिए एसटीएफ टीम को फायरिंग का जवाब देना पड़ा। जवाबी फायरिंग में दोनों ढेर हो गए।

क्रास फायरिंग में मारे गये थे
धूमनगंज में उमेश पाल की हत्या की गई थी। जिसमें माफिया अतीक के बेटे असद ने सबसे पहले गोली चलाई थी। असद को प्रोटेक्ट करने के लिए उसके साथ गुलाम था। गुलाम ने भी बंदूक से फायरिंग की थी। उमेश पाल की हत्या हो गई। इसके बाद दोनों कौशांबी के रास्ते फरार हो गए।

पांच लाख घोषित था इनाम
पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड में मोस्ट वांटेड असद अहमद और मोहम्मद गुलाम के ऊपर पांच पांच लाख रुपये का इनाम घोषित किया। दोनों की तलाश में एसटीएफ को लगाया गया। दोनों बेहद शातिर निकले। दोनों उमेश पाल की हत्या को अंजाम देने के बाद कार से कौशांबी गए। उसके बाद से दोनों बाइक से फरारी काटने लगे।

50 दिन तक काटी फरारी
इस घटना में सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि असद अहमद और मोहम्मद गुलाम ने घटना के बाद दूसरे दिन से बाइक से फरारी काटी। दोनों एक रात से ज्यादा कहीं रुके नहीं। दोनों बाइक से ही लगातार घूमते रहे। इस दौरान दोनों को उनके परिचित आर्थिक मदद पहुंचाते रहे। घटना के बाद दोनों ने फरारी का आधा से ज्यादा समय झांसी में काटा।

सर्विलांश से मिली मदद
एसटीएफ की टीम प्रयागराज के डिप्टी एसपी नवेंदु सिंह और लखनऊ के डिप्टी विमल सिंह के नेतृत्व में लगातार दोनों की तलाश में लगी रही। दोनों ने झांसी में पारीछा डैम के पास जंगल में अपना ठिकाना बना रखा था। इस दौरान असद ने मोबाइल का इस्तेमाल किया। और वही मोबाइल दोनों के लिए काल बन गया। सर्विलांश पर नंबरों को लेकर एसटीएफ असद और गुलाम को खोज रही थी। 12 अप्रैल की रात एसटीएफ को एक कॉल से इनपुट मिला। इसके बाद लखनऊ से एसटीएफ टीम झांसी के पारीछा डैम के पास पहुंच गई।

13 को हुई मुठभेड़
असद ने रात में ही मोबाइल बंद कर दिया था। ऐसे में रात में मिले लोकेशन को टे्रेस करते हुए 13 अप्रैल की सुबह करीब 11 बजे एसटीएफ टीम वहां पहुंच गई जहां पर असद और गुलाम मौजूद थे। दोनों के पास बाइक थी और खाने पीने का सामान। एसटीएफ टीम को देखते ही दोनों ने भागने की कोशिश की।

जवाबी फायरिंग में मारे गए दोनों
एसटीएफ की टीम ने घेराबंदी कर ली थी। असद ने बाइक स्टार्ट की और गुलाम ने फायरिंग शुरू कर दी। इस पर एसटीएफ को जवाबी फायरिंग करनी पड़ी। एसटीएफ टीम की फायरिंग में दोनों को गोली लगी। दोनों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

वीरता के लिए मिलता है अॅवार्ड
राष्ट्रपति का गैलेंट्री एवार्ड वीरता के लिए दिया जाता है। असद और गुलाम एनकाउंटर मामले में एसटीएफ के डिप्टी एसपी नवेंदु कुमार सिंह, डिप्टी एसपी विमल कुमार सिंह, इंस्पेक्टर ज्ञानेंद्र कुमार राय, इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह, मुख्य आरक्षी सुशील कुमार, मुख्य आरक्षी सुनील कुमार को गैलेंटरी एवार्ड दिया गया है।

माफिया अतीक के बेटे असद और उसके साथी गुलाम को ट्रेस कर पाना बेहद मुश्किल काम था। मगर एक महीने की मेहनत के बाद दोनों की लोकेशन झांसी में पारीछा डैम के पास मिली। दोनों को एनकाउंटर में मार गिराया गया। यह एवार्ड एसटीएफ टीम की काबिलियत का प्रतीक है।
नवेंदु कुमार सिंह, डिप्टी एसपी, एसटीएफ

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Posted By: Inextlive