कोचिंग में एडमिशन के लिए एक्टिव हैं 'नटवरलाल'
कम पैसे से कोचिंग में एडमिशन दिलाने के नाम पर छात्रों को ठग रहे हैं कुछ शातिर
झांसे के शिकार कई छात्र कर चुके हैं पुलिस से शिकायत, कुछ का पैसा वापसPRAYAGRAJ: जिंदगी को संवारने आए छात्र यहां ठगी के शिकार हो रहे हैं। कोचिंग में एडमिशन कराने के नाम पर इनसे ठगी की जा रही है। कम पैसे में दाखिला दिलाने का झांसा देने वाला गैंग यहां एक्टिव है। दिसंबर से अब तक कई छात्र ठगी के शिकार हो चुके हैं। कुछ ने तो थाने पहुंचने के बाद समझौता कर लिया। कई ऐसे हैं जिन्हें मुकदमा तक दर्ज कराना पड़ा। ठगी करने वालों के गुर्गे मार्केट में घूमते रहते हैं। एडमिशन के लिए परेशान छात्रों को ग्रिप में लेते इन्हें देर नहीं लगती। लंबे चौड़े दावे और ऊंची पकड़ की दुहाई देकर वे विश्वास में लेते हैं। विश्वास में आने के बाद छात्र इन्हें एडमिशन कराने के लिए रुपये दे देते हैं। रुपये पाते ही वे उन्हें टहलाने लगते हैं। पैसे वापस मांगने वालों को घुड़की देकर वे चुप करा देते हैं। यह गैर जनपद या प्रदेश के छात्रों को ज्यादा टारगेट करते हैं। क्योंकि रुपये देने के बाद वे बाहरी होने के नाते उन पर वे दबाव नहीं बना पाते।
केस 1राहुल द्विवेदी यहां यूपीएससी की तैयारी करता है। वह यूनिवर्सिटी चौराहा सब्जी मंडी के पास किराए पर रह रहा है। उसे सिविल लाइंस स्थित एक कोचिंग में एडमिशन लेना था। इस बात की चर्चा साथ के एक छात्र से किया। वह भरोसा दिलाया कि उसका जानने वाला शख्स एडमिशन करवा देगा। विश्वास में लेकर वे शशांक मिश्रा नामक युवक से मिलाया। आरोप है कि शशांक चार लड़कों के साथ कोचिंग के सामने मिला। चालीस हजार रुपये एडमिशन के लिए उसकी मांग पर वे दे दिया। रुपये लेकर टायलेट के बहाने सभी भाग निकले। उसकी तहरीर पर 24 फरवरी को सिविल लाइंस पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दिया है।
केस-2मध्य प्रदेश के रीवां स्थित तुर्ती गांव निवासी रघुराज प्रताप सिंह यहां भी यहां पिछले वर्ष दिसंबर में तैयारी करने आया था। एडमिशन के लिए वह कटरा स्थित एक कोचिंग में पहुंचा। किन्हीं कारणों से दाखिला नहीं मिला तो वे लौट रहा था। 21 दिसंबर को उसकी मुलाकात मोहल्ले में चाय की दुकान पर एक युवक से हुई। बातों ही बातों में वे एडमिशन कराने का दावा किया। परेशान रघुराज विश्वास में आ गया। दूसरे दिन यानी 22 दिसंबर को वह एडमिशन के 26 हजार रुपये लिया और गायब हो गया। रघुराज ने कीडगंज थाने में शिकायत की। पुलिस एक्टिव हुई तो वह शातिर पकड़ा गया। थाने में रुपये वापस कर वह समझौता कर लिया।
केस 3 एडमिशन के नाम पर छात्र से ठगी का तीसरा केस पिछले महीने 27 तारीख को सामने आया। कर्नलगंज थाने में राकेश प्रजापति ने तहरीर दी थी। वह किराए के कमरे में दारागंज में रहता है। पुलिस को बताया था कि वह बैकिंग की तैयारी के लिए कोचिंग में एडमिशन चाहिए था। इसके लिए वे एक लड़के से मिला तो वह 30 हजार में एडमिशन कराने का दावा किया। विश्वास में वह रुपये उसे दे दिया। रुपये लेने के बाद भी वह एडमिशन नहीं करवा सका। आज कल में कई दिन बीत गए तो वह रुपये मांगा तो घुड़की देने लगा। इस तरह छात्र बरतें सावधानी पुलिस अधिकारी कहते हैं कि छात्रों को चहिए कि एडमिशन का दावा करने वालों के बारे में अच्छी तरह परख लें एडमिशन कराने या कम रुपये में दाखिला दिलाने की बात करने वालों पर विश्वास न करें कोचिंग हो या कॉलेज जो फीस निर्धारित है उससे कम में कोई एडमिशन कैसे कराएगा यह बात सोचेंकिसी को रुपये दें भी तो यह निश्चित कर लें कि आप उसे व उसके घर को अच्छी तरह से जानते हैं
बेहर है कि खुद एडमिशन के लिए ट्राई करें न होने पर दूसरी कोचिंग में जाकर संपर्क और प्रयास करें। छात्रों को चाहिए कि वे सतर्क रहें। किसी दावे या विश्वास में आकर एडमिशन ही नहीं किसी भी काम के लिए रुपये न दें। जबकि दावा करने वाले शख्स के बारे में अच्छी तरह जानते न हों। दिनेश सिंह, एसपी सिटी