ब्लाक प्रमुख का चुनाव जेल से जीता पर आज तक नहीं ले सका शपथ कमेटी देख रही कामदौलत की गठरी बटोरने के बाद सियासी अखाड़े में दमदारी से ठोंका था ताल गौ-तस्कर मुजफ्फर ब्लाक प्रमुख पद का चुनाव जीतने के बाद आज तक शपथ नहीं ले सका. कौंधियारा ब्लाक का पूरा कामकाज प्रशासन द्वारा गठित की गई कमेटी देख रही है. यह चुनाव मुजफ्फर जेल में में रहकर लड़ा था. ग्राउंड लेवल पर तैयार की गई जमीन का उसे बड़ा फायदा मिला और चुनाव जीत गया. चुनाव जीतने के बाद भी उसे ब्लाक की सत्ता के सुख से वंचित रहना पड़ा.


प्रयागराज (ब्यूरो)। नवाबगंज के चफरी गांव निवासी मो। मुजफ्फर दूध के कारोबार से जिंदगी की शुरुआत किया था। इस कारोबार में उसे मेहनत ज्यादा और इनकम नहीं के बराबर दिखाई दी। वह रातों-रात अमीर बन बनना चाहता था। बताते हें कि अपने इस सपने को पूरा करने के लिए वह कुछ भी करने तैयार था। बस उसका यही जुनून उसे पशु तस्करों की दुनिया में धकेल दिया। गुनाह के दलदल में कदम रखा तो धंसा ही चला गया। दौलत के साथ उस पर मुकदमों का बोझ भी बढ़ता गया। दौलत से तिजोरी भरी तो उसके सामाजिक दायरे में भी चेंज आने लगा। उसके कदम सियासत की धीरे-धीरे मुडऩे लगे। 2021 में मुजफ्फर कौंधियारा ब्लाक प्रमुख पद के चुनावी मैदान में सपा से उतर पड़ा। चुनावी फील्डिंग सजा ही रहा था कि 2002 के किसी मुकदमें पुलिस पीछे पड़ गई। यह देखकर वह आत्मसमर्पण किया और जेल चला गया। जेल में रहकर वह चुनाव लड़ा वोटरों का पूरा सपोर्ट मिला और वह ब्लाक पद का चुनाव जीत लिया। जेल से चुनाव तो वह जीत गया पर शपथ आज तक नहीं ले सका। ब्लाक का कामकाज प्रभावित नहीं हो इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है।

Posted By: Inextlive