यहां हत्या की घटनाएं चार लोगों के कत्ल से पहले भी हुई हैं. मारे गए लोग बेशक अब इस धरती पर नहीं हैं पर पुलिस की फाइलों में उनका नाम आज भी जिंदा है. इस फाइल के पन्नों में मारे गए लोगों की कुल संख्या 113 अंकित बताई गई. पिछले 11 महीनों में हुई इन लोगों की हत्या का यह आंकड़ा चौंकाने वाला है. इनकी हत्या के पीछे कई तरह के विवाद सामने आए हैं. कत्ल की ज्यादातर घटनाएं हिस्सा-बांट व शक को अंजाम दी गई. मारे गए इन लोगों में केवल पुरुष वर्ग ही नहीं है. कातिलों ने महिलाओं व लड़कों एवं लड़कियों का भी खून किया. इनके खून के इल्जाम से सैकड़ों लोगों का दामन दागदार हुआ. इन दागियों में कई को गिरफ्तार कर पुलिस सीखचों के पीछे धकेल चुकी है. फिर भी शातिर किस्म के दर्जनों आरोपित अब भी पुलिस के शिकंजे से बाहर घूम रहे हैं. इस तरह जिले में लोगों की हत्याएं होती रहीं और पुलिस कातिल को खोजती रही. फाफामऊ केस में भी पुलिस की चार्जकुछ ऐसी ही दिखाई दे रही है. इस चर्चित केस के खुलासे में पूर्ण सफलता से पुलिस अभी कोसो दूर है.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)।

64 पुरुषों की 11 महीने में की हुई हत्या
29 महिलाओं को उतारा गया मौत के घाट
10 लड़कों की भी इन महीनों में हुई हत्या
10 लड़कियों की भी कातिल ले लिए जान
104 मुकदमें हत्या के जिले में किए गए दर्ज

सबसे ज्यादा मारे गए गए पुरुष
जिले में सबसे ज्यादा हत्याएं पुरुषों की ही हैं। आंकड़े इस बात के पुख्ता गवाह हैं। इन पर गौर करें तो पिछले 11 महीनों में कुल 64 पुरुषों की हत्या की गई। जबकि मौत के घाट उतारी गई महिलाओं की तादाद 29 रही। कातिलों के खूनी पंजे सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं रहे। इनके द्वारा इन महीनों में 10 लड़के और 10 ही लड़कियों की भी हत्या की गई। इस तरह इस समयावधि में जिले के कुल 113 लोगों का कत्ल कर दिया गया। अपनों की हत्या से व्यथित मारे गए लोगों के परिजन पुलिस को तहरीर दिए। इनकी तहरीर पर विभिन्न थानों में कुल हत्या के 104 मुकदमें दर्ज किए गए। तमाम नामजद तो कई अज्ञात पर कत्ल के आरोप सामने आए। कत्ल के खुलासे और कातिलों की तलाश में पुलिस तफ्तीश शुरू की। छानबीन में पुलिस को कत्ल के जो कारण मिले वह बहुत बड़े नहीं रहे। ज्यादातर घटनाएं क्षणिक गुस्से व विवाद में अंजाम दी गईं। कुछ ही ऐसे केस सामने आए हैं जिसमें कत्ल कत्ल की वजह प्री प्लान सामने आया है।

200 से अधिक पर खून के दाग
विभिन्न थानों दर्ज हत्या के 104 मुकदमों में मारे गए लोगों के परिवार द्वारा कुल 223 व्यक्ति नामजद किए गए। सूत्रों से मिले रेकार्ड पर गौर करें तो इन घटनाओं की विवेचना के दौरान 122 लोगों के नाम प्रकाश में सामने आए। कहा तो यह भी जा रहा कि इनमें से पुलिस अब तक 212 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। पुलिस की आंख में धूल झोंक कर भागे 10 हत्यारोपित कोर्ट में हाजिर हो गए। इतना ही नहीं, विभागीय सूत्रों का दावा है कि पुलिस अब तक हत्या के 92 मुकदमों में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।

39 लोगों की हुई गैर इरादतन हत्या
जिले के विभिन्न इलाकों में 106 लोगों द्वारा गैर इरादतन हत्या को अंजाम दिया गया।
मारे गए लोगों में सबसे ज्यादा 34 पुरुष, तीन महिलाएं और दो लड़के शामिल बताए गए हैं
बताते हैं कि हत्या की यह घटनाएं नोकझोंक और मारपीट में आई गंभीर चोट के कारण हुई।
हालांकि हमलावरों का मोटिव कत्ल करने का नहीं था।
इसलिए दम तोडऩे वाले लोगों के परिवार की तहरीर पर धारा 304 यानी गैर इरादतन हत्या के विभिन्न थानों में कुल 31 मुकदमें दर्ज किए गए।
इन मुकदमों में 106 लोगों को नामजद किया गया। गिरफ्तारी में जुटी पुलिस अब तक महज 60 लोगों को ही गिरफ्तार कर सकी है।
यहां भी नौ अभियुक्त पुलिस को चकमा देकर हाजिर हो गए। गैर इरादतन हत्या के 31 में 22 केस की चार्जशीट पुलिस लगा चुकी है।
चालीस के करीब आरोपित अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।

प्रयागराज में हत्या या गैर इरादतन हत्या के वांछित अभियुक्तों की तलाश के सख्त निर्देश दिए गए हैं। विवेचना में तेजी लाने व आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर जल्द ही रेंज के सभी जनपदों की समीक्षा की जाएगी।
डॉ। राकेश सिंह, आईजी रेंज

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